रेलवे बोर्ड गरीब यात्रियों को एक बार और लूटने की तैयारी में!
> गरीब रथ में मिलने वाले बेडरोल के महंगा होने से ट्रेन के टिकट के दाम बढ़ना तय
> घरेलू उड़ानों को सफल बनाने के लिए रेल का बेड़ा-गर्क किया जा रहा है!
नयी दिल्ली , 15 जुलाई: आज- कल ट्रेनों की यात्रा दिन पर दिन जटिल और परेशानियों से भरी होती जा रही है। 2 - 2 हज़ार ट्रेनें लगभग रोज निरस्त हो रही हैं। ऐसा लग रहा है क़ि, विकाश के नाम हो रहा है विनाश क्योंकि आज जब हमारे संवाददाता लखनऊ जंक्शन स्टेशन पर आज सुबह पहुंचे तो प्लेटफॉर्म नंबर -06 पर बने नई शौचालय में शौच हेतु जैसे ही वे इंटर करने लगे, वहाँ के ठेकेदार के कर्मचारी ने बताया क़ि, "साहब, पेशाब के 02 रुपये और शौच के 05 रुपये लगेंगे लेकिन पानी नहीं है।
संवाददाता महोदय जब अंदर जाकर देखे तो पानी तो पानी टोटी तक टूटी हुयी थी और वह कर्मचारी बता रहा था क़ि, शिकायत पर अधिकारी सुनते ही नहीं।
अब साफ़ हो चुका है एक तरफ रेल का मूल ढांचा ठेकेदारी, बदइंतज़ामी और ठेके के रोज नई- नई कर्मचारियों से चरमरा रहा है तथा रेल और देश क़ि सुरक्षा व्यवस्था कमाई के चक्कर में चरमरा रही है, वहीँ रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष - लोहानी जी रेल को बेचने और रेल को लूटने के रोज़ नई-नई तरीके इज़ाद कर रहे हैं तथा लग रहा है क़ि, घरेलू उड़ानों को सफल बनाने के लिए रेल का बेड़ा-गर्क किया जा रहा है।
अब देखिये, गरीब रथ में आज भी साइड में दो के स्थान पर तीन बर्थ है जिससे साइड लोअर, मिडिल और अपर बर्थ को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है और अब रेलवे बोर्ड आम आदमी के लिये सस्ते किराये की सुविधा के साथ शुरू की गई वातानुकूलित ट्रेन गरीब रथ एक्सप्रेस के टिकट के दाम में ही बेडरोल का दाम भी जल्द ही समाहित कर किराया बढ़ाकर गरीब यात्रियों को परेशान करने जा रही है।
(फोटो: गरीब रथ में 3 बर्थ)
रेलवे एक दशक पहले तय हुए बेडरोल के 25 रूपये के किराये को भी बढ़ाने पर विचार कर रहा है जिससे किराये में खासी बढ़ोतरी हो सकती है।
मीडिया क़ि मानें तो रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी और कहा कि कपड़े के रखरखाव की लागत में तीव्र बढ़ावा होने से यह समीक्षा दूसरी ट्रेनों में भी लागू हो सकती है। गरीब रथ ट्रेनों की तरह दूसरी ट्रेनों में भी बेडरोल की कीमतों में एक दशक में कोई इजाफा नहीं हुआ है।
उप नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) के कार्यालय से एक नोट आने के बाद यह विचार किया जा रहा है। इस नोट में पूछा गया था कि गरीब रथ में किराये का पुनरीक्षण क्यों नहीं किया गया और अनुशंसा की कि बेडरोल की लागत को ट्रेन के किराये में शामिल किया जाए।
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