फर्जी खबरों-वीडियो से हुआ नुकसान: कल्याण ज्वैलर्स
... क्या है दावा
► कल्याण ज्वैलर्स ने सोने से जुड़ी फर्जी खबरें फैलने के बाद केरल उच्च न्यायालय से किया संपर्क
► वायरल वीडियो में इसके स्टोर से नकली होने की वजह से गहने जब्त करते हुए दिखाया गया है
► दूसरे मेसेज में दावा है कि इसके सीईओ को दुबई में गिरफ्तार किया गया
► कंपनी का दावा है कि कंपनी के ब्रांड को 5 अरब रुपये का नुकसान हुआ
कंपनी ने केरल उच्च न्यायालय में गुहार लगा कर भारत सरकार, गूगल, फेसबुक, व्हाट्सऐप से मांगी प्रतिक्रिया
नयी दिल्ली, 13 जुलाई: एक तरफ सरकार व्हाट्सऐप और सोशल मीडिया मंचों पर फर्जी खबरों के प्रसार पर नियंत्रण करने के लिए उपाय करने की कोशिश कर रही है, वहीं दूसरी तरफ कल्याण ज्वैलर्स ने भी यह दावा किया है कि उसके ब्रांड और उत्पादों से जुड़े सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो और फर्जी संदेशों से काफी नुकसान हुआ है। कंपनी के 125 खुदरा स्टोर हैं और यह पश्चिम एशिया में भी मौजूद है। कंपनी ने केरल उच्च न्यायालय में गुहार लगाते हुए दावा किया है कि हाल की घटनाओं की वजह से उसकी साख पर असर पडऩे से 5 अरब रुपये का नुकसान हुआ है।
कंपनी ने अपनी रिट याचिका में भारत सरकार, गूगल, फेसबुक और व्हाट्सऐप को भी पक्षकार बनाते हुए उनकी प्रतिक्रिया मांगी है। कंपनी का दावा है कि ब्रांड से जुड़ी अफवाहों को अनाम प्रतिस्पर्धियों और नुकसान पहुंचाने वालों का समर्थन मिला जिनमें नॉर्थ कुवैत के सुरेशराव सदाशिवम भी इंटरनेट पर कुछ वीडियो अपलोड करने के दोषी रहे हैं। इन वीडियो में साफतौर पर यह नजर आ रहा है कि कुवैत में कल्याण ज्वैलर्स के स्टोर में निरीक्षण किया जाता है और इसमें कथिततौर पर यह दिखाया गया है कि स्टोर के मालिक को नकली गहने बेचने के लिए गिरफ्तार किया जा रहा है जबकि कुछ अन्य लोग यह दावा कर रहे हैं कि कल्याण ज्वैलर्स के सोने की गुणवत्ता ठीक नहीं है। पिछले साल ये वीडियो कुछ फर्जी वीडियो भी दिखने लगे जिनमें यह बात सामने आई कि ये कल्याण ज्वैलर्स के स्टोर नहीं हैं।
एक दूसरे वीडियो और टेक्स्ट मेसेज फॉरवर्ड में यह दावा भी किया गया कि कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) टी एस कल्याणरामन को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन्हें दुबई की जेल में रखा गया है। कंपनी के कानूनी कामों को देखने वाले प्रमुख महेश सहस्रनामन के संदेश पहले केरल में प्रसारित हुए उसके बाद नौ भाषाओं में इनका शब्दश: अनुवाद किया गया जिनमें हिंदी, तेलुगू, तमिल और यहां तक कि अरबी भाषा भी शामिल है।
सहस्रानमन ने कहा कि जिन वीडियो को साझा किया गया था वे पूरी तरह से नकली थे क्योंकि इसमें आभूषण अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से की जाने वाली निगरानी को दिखाया गया है जो इस उद्योग के लिए एक जरूरी नियम है। उनका कहना है, 'इस वीडियो में नकली गहनों को स्टोर से जब्त करते हुए भी दिखाया गया। हमें सरकार से किसी भी मामले में कोई कारण बताओ नोटिस नहीं मिला और इसकी भी जानकारी हमें तब मिली जब ऐसे वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो गए और चीजें हमारे नियंत्रण से बाहर हो गईं।' केरल में इस मामले में पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई गई है जहां तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कंपनी का कहना है कि दुबई में इन वीडियो और संदेशों से जुड़ा एक दूसरा मामला चल रहा है लेकिन अभी उसका अंतिम फैसला नहीं आया है।
(साभार- बी. एस.)
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