ब्रॉडबैंड में भी खलबली मचाएगी जियो!
नयी दिल्ली: फाइबर ब्रॉडबैंड नेटवर्क जियो गीगाफाइबर लाने की रिलायंस जियो की घोषणा से फिक्स्ड बॉडबैंड बाजार में उथलपुथल मचने की उम्मीद है। अभी इसमें दूरसंचार क्षेत्र की कंपनियों बीएसएनएल, एमटीएनएल और एयरटेल, केबल कंपनियों हैथवे और डेन नेटवर्क्स तथा ब्रॉडबैंड ऑपरेटर एसीटी और स्पेक्ट्रा का वर्चस्व है। ब्रॉडबैंड के क्षेत्र में जियो के प्रवेश से मौजूदा कंपनियों के कीमतों में कमी करने की संभावना है। साथ ही आने वाले दिनों में बड़ी कंपनियां छोटी कंपनियों का अधिग्रहण कर सकती हैं।
डेन नेटवर्क्स की मुख्य कार्याधिकारी एस एन शर्मा ने कहा कि अगले 2-3 साल में ब्रॉडबैंड बाजार में कुछ ही कंपनियां रह जाएंगी। जियो के आने के बाद दूरसंचार बाजार में जो कुछ हुआ, उसकी पुनरावृत्ति ब्रॉडबैंड बाजार में भी देखने को मिलेगी। ब्रॉडबैंड सेवाएं देने वाली कंपनी स्पेक्ट्रा के एक शीर्ष अधिकारी ने भी इस बात पर सहमति जताई। उन्होंने कहा, 'अगर एयरटेल और जियो की लड़ाई ब्रॉडबैंड में शुरू होती है तो ताज्जुब नहीं होगा। छोटी फाइबर ऑप्टिक कंपनियों का अधिग्रहण हो सकता है क्योंकि उनके लिए बड़ी कंपनियों का मुकाबला करना आसान नहीं होगा।'
सूत्रों के मुताबिक इस बात की चर्चा है कि आने वाले दिनों में दूरसंचार क्षेत्र की एक और कंपनी फिक्स्ड ब्रॉडबैंड के क्षेत्र में उतरने की घोषणा कर सकती है। एयरटेल पहले ही 6 महीने और एक साल के प्लान के लिए कीमतों में 15-20 फीसदी की कमी कर चुका है। उधर एमटीएनएल ब्रॉडबैंड कनेक्शन के साथ मुफ्त 3जी कनेक्शन और 10 जीबी तक डेटा दे रही है। विशेषज्ञ मानते हैं कि 15 अगस्त को जियो का ब्रॉडबैंड पंजीकरण शुरू होने से पहले दूसरी कंपनियां भी कई आकर्षक पेशकश ला सकती हैं।
सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महानिदेशक राजन एस मैथ्यूज ने कहा कि देश में फिक्सड और मोबाइल सेवाओं को मिलाने की जरूरत है और जियो का यह कदम इसी दिशा में है। विशेषज्ञों का कहना है कि फिक्स्ड ब्रॉडबैंड बाजार में अभी करीब 1.8 करोड़ उपभोक्ता हैं। जियो जैसे ऑपरेटर किफायती कीमतों पर इंटरनेट और टीवी सेवाएं देने जा रहे हैं, जिससे 5 से 7 साल में उपभोक्ताओं की संख्या 5 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है। जियो ने अभी कीमतों का खुलासा नहीं किया है लेकिन आईडीएफसी सिक्योरिटीज के विश्लेषकों का कहना है कि कंपनी 500 रुपये प्रति महीना शुल्क रख सकती है।
(साभार- बिजनेस स्टैण्डर्ड)
swatantrabharatnews.com