नहीं थमेगी दिल्ली मेट्रो, हाईकोर्ट के अादेश के बाद आज होने वाली हड़ताल रद्द
- दो दिन में 15 घंटे की तीन बैठकें, फिर भी नहीं निकला कोई नतीजा।
नई दिल्ली, 30 जून: दिल्ली मेट्रो के मुसाफिरों को बड़ी राहत मिली है। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) कर्मचारियों की हड़ताल पर रोक लगा दी है। कोर्ट के फैसले के बाद डीएमआरसी स्टाफ काउंसिल के पदाधिकारियों ने देर रात कोर्ट की अवमानना न करने की बात कहकर हड़ताल स्थगित कर दी। डीएमआरसी स्टाफ काउंसिल और डीएमआरसी कर्मचारी यूनियन ने वेतन वृद्धि और दूसरी मांगें न माने जाने को लेकर 30 जून से हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी। इससे मेट्रो की सवारी करने वाले 23 लाख यात्रियों के लिए गंभीर समस्या खड़ी हो जाती। डीएमआरसी शुक्रवार को हड़ताल के खिलाफ हाईकोर्ट में पहुंची थी।
हाईकोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 9 जुलाई को होगी। तब तक किसी तरह की हड़ताल नहीं होगी। इससे पहले डीएमआरसी के नॉन एग्जीक्यूटिव कर्मचारियों और प्रबंधन की क्षेत्रीय श्रमायुक्त की मध्यस्थता में दो दिन में तीन बैठकें हुईं लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। कर्मचारी 10 में से डीएमआरसी कर्मचारी यूनियन को मान्यता देने, 23 जुलाई, 2017 के हिसाब से पे बैंड, 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के अलावा बर्खास्त कर्मचारियों को काम पर वापस लेने की मांगें मानने पर भी राजी हुए थे लेकिन डीएमआरसी प्रबंधन ने इन्हें भी मानने से इनकार कर दिया। शुक्रवार को दिल्ली डीएमआरसी स्टाफ काउंसिल ने सीएम अरविंद केजरीवाल से भी मामले में हस्तक्षेप की मांग की थी। परिवहन मंत्री ने डीएमआरसी एमडी को निर्देश भी दिए थे।
ये हैं प्रमुख 8 मांगें... लेकिन डीएमआरसी झुकने को तैयार नहीं
- डीएमआरसी कर्मचारी यूनियन को मान्यता दें, स्टाफ काउंसिल का इसी में विलय करें।
- 23 जुलाई, 2017 के समझौते के हिसाब से 1 जुलाई, 2015 से ही एरियर दिया जाए।
- नॉन एग्जीक्यूटिव कर्मियों की सैलरी तीसरे आईडीए वेतन संशोधन के हिसाब से लागू हो।
- सभी वर्तमान भत्तों का रिवीजन करके नए भत्तों का समावेश किया जाए।
- 23 जुलाई के करार के अनुसार ही नॉन एग्जीक्यूटिव मेट्रो कर्मियों की ट्रांसफर पॉलिसी लागू की जाए।
- काम की सीमा, विश्राम समय, रेवेन्यू का काम करने के लिए भत्ता संबंधी एसओपी लागू करें।
- पिछले वर्षों में कर्मचारियों पर हुए हमले को देखते हुए उनकी सुरक्षा के उपाय किए जाएं।
- छोटी-छोटी गलती पर निकाले गए कर्मियों की सजा कम करके उन्हें नौकरी पर वापस लें।
सीएम केजरीवाल समेत तीन मंत्रियों ने कर्मचारियों के समर्थन में किए ट्वीट
गुरुवार को 7 घंटे क्षेत्रीय श्रमायुक्त के पास बैठक हुई। शुक्रवार को डीएमआरसी बोर्ड सदस्यों के साथ साढ़े तीन घंटे और फिर शाम को पांच घंटे फिर क्षेत्रीय श्रमायुक्त की मध्यस्थता में बैठक हुई। इस बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत तीन मंत्रियों ने कर्मचारियों की मांग माने जाने के समर्थन में ट्वीट भी किए। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का निर्देश मिला है कि मेट्रो कर्मचारियों की सभी वाजिब मांगें मानी जानी चाहिए ताकि वे खुश होकर काम कर सकें। मेट्रो की स्ट्राइक रोकने के लिए एस्मा लगाने की फाइल भी सहमति के लिए उपराज्यपाल को भेजी जा रही है। दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने ट्वीट किया कि 30 जून से कर्मचारियों की प्रस्तावित हड़ताल पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है।
(साभार- भाष्कर)
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