आईडीबीआई बैंक में एलआईसी को हिस्सा बेचेगी सरकार
मुम्बई: सरकार आईडीबीआई बैंक में 40 से 43 फीसदी हिस्सेदारी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को बेचने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। अगर यह कदम सफल रहा तो सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी के पास आईडीबीआई की बहुलांश हिस्सेदारी हो जाएगी। इस साल 31 मार्च के आंकड़ों के मुताबिक बैंक में सरकार की 80.96 फीसदी और एलआईसी की 10.82 फीसदी हिस्सेदारी है। सूत्रों के अनुसार सरकार ने इस प्रस्ताव पर मंजूरी के लिए भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) से संपर्क किया है। बीमा नियामक इस मसले पर 29 जून को बोर्ड बैठक में विचार कर सकता है। इस प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए आईआरडीएआई एलआईसी द्वारा किसी एक सूचीबद्घ कंपनी में अधिकतम 15 फीसदी हिस्सेदारी रखने की सीमा में छूट दे सकता है। हालांकि नियामक एलआईसी से आईडीबीआई में अपनी हिस्सेदारी अगले 5 से 7 साल में कम करने को कह सकता है। सूत्रों ने कहा कि बीमा नियामक के लिए यह चुनौतीपूर्ण नहीं होगा क्योंकि पहले भी उसने इस तरह की छूट दी है। एलआईसी बोर्ड ने भी इस प्रस्ताव को सैद्घांतिक मंजूरी दे दी है। इस खबर से आईडीबीआई बैंक का शेयर बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर 2 फीसदी बढ़कर 59 रुपये पर बंद हुआ। इस बारे में पूछे जाने पर आईडीबीआई बैंक के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें इस घटनाक्रम के बारे में जानकारी नहीं है।
सरकार पिछले तीन साल से संकट में फंसे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक का रणनीतिक विनिवेश करने का प्रयास कर रही है। इंटरनैशनल फाइनैंस कॉरपोरेशन (आईएफसी) ने इस मामले में बातचीत की थी और खातों की पड़ताल भी की थी लेकिन बात नहीं बनी। आईडीबीआई पहले से ही भारतीय रिजर्व बैंक की वरित उपचारात्मक कार्रवाई व्यवस्था में शामिल है। भारी प्रोविजनिंग के कारण मार्च 2018 में खत्म हुए साल में बैंक को 82.37 अरब रुपये का शुद्घ घाटा हुआ जबकि 2016-17 में उसे 51.58 अरब रुपये का नुकसान हुआ था। बैंक की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) 27.95 फीसदी पर पहुंच गई है। रिजर्व बैंक ने आईडीबीआई का सकल एनपीए 550.34 अरब रुपये आंका है।
इनमें से कुछ एनपीए खाते रिजर्व बैंक द्वारा राष्ट्रीय कंपनी विधि पंचाट के पास भेजी गई कंपनियों की पहली सूची में शामिल है। अगर इन मामलों का निपटान होता है तो बैंक को फंसे कर्ज का थोड़ा हिस्सा वापस मिल सकता है। बैंक अपने बहीखाते को दुरुस्त करने के लिए गैर-मुख्य संपत्तियों को बेचने का भी प्रयास कर रही है। 2017-18 में गैर-मुख्य संपत्तियों की बिक्री से बैंक को 38.7 अरब रुपये प्राप्त हुए। निवेश को बेचकर पैसे जुटाना जारी रखते हुए आईडीबीआई बैंक अपनी म्युचुअल फंड इकाई आईडीबीआई ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी में भी 26 से 30 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है।
(साभार- बिजनेस स्टैण्डर्ड)
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