दो अंक में विकास का लक्ष्य
नई दिल्ली में 17 जून को अयोजित नीति आयोग की संचालन परिषद की चौथी बैठक में मोदी ने दी जानकारी........
► केंद्र सरकार ने वित्त आयोग के लिए 2011 को आधार वर्ष मानने पर दिया जोर
► कुछ राज्य आधार वर्ष को बदलकर 1971 कराने की मांग कर रहे
► मोदी ने कहा पिछले साल की तुलना में राज्यों को 6 लाख करोड़ रुपये ज्यादा मिले
► नीति आयोग की बैठक में 23 राज्यों के मुख्यमंत्री हुए शामिल
नयी दिल्ली, 18 जून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से धन के आवंटन के लिए 2011 की जनगणना को आधार बनाए जाने को बढ़ावा दिए जाने के बाद केंद्र सरकार ने 15वें वित्त आयोग के विवादास्पद विचारणीय विषयों पर अपना रुख कायम रखा है। उन्होंने राज्यों से अपील की कि वे उन मानदंडों या सूचकांकों की पहचान करें जिसके आधार पर जनसंख्या नियंत्रण में अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्यों को प्रोत्साहित किया जा सके।
नई दिल्ली में १७ जून को अयोजित नीति आयोग की संचालन परिषद की चौथी बैठक में मोदी ने इस बारे में जानकारी दी। इस बैठक में 23 राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश के मुख्यमंत्री शामिल हुए। देश की अर्थव्यवस्था के जनवरी-मार्च तिमाही में 7.7 फीसदी वृद्घि हासिल करने के बाद मोदी ने इसे दो अंक में ले जाने का लक्ष्य रखा। हालांकि उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करना काफी चुनौतीपूर्ण होगा।
इस बीच, नीति आयोग के सभी महत्त्वपूर्ण विकासात्मक एजेंडे का मसौदा मंजूरी के लिए प्रस्तुत नहीं किया जा सका क्योंकि इस बारे में राज्यों के साथ चर्चा नहीं हो सकी। दिल्ली, ओडिशा, जम्मू कश्मीर के साथ ही पूर्वोत्तर राज्यों- मणिपुर, मिजोरम, सिक्किम और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बैठक में उपस्थित नहीं हो पाए। बाढ़ की वजह से पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्री बैठक में शामिल नहीं हो पाए लेकिन प्रधानमंत्री ने उन्हें पूरी मदद का भरोसा दिया है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा, 'मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वित्त आयोग के विचारणीय विषयों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि जिन बच्चों का जन्म हाल में हुआ है उन्हें कोष आवंटन के लिए तिथि सीमा की वजह से वंचित नहीं रखा जाना चाहिए। इसका कई मुख्यमंत्रियों और खुद प्रधानमंत्री ने भी समर्थन किया।' तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश ने 15वें वित्त आयोग के विवादास्पद विचारणीय विषयों का मसला उठाया। कुछ राज्य इसे 2011 की जगह 1971 कराना चाहते हैं।
मोदी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में राज्यों को केंद्र से 11 लाख करोड़ रुपये मिले जो पिछले साल से 6 लाख करोड़ रुपये अधिक हैं। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने 15वें वित्त आयोग के विचारणीय विषयों में जनगणना के आधार वर्ष का मुद्दा उठाया। मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि वे अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्यों को प्रोत्साहन देने और खर्च को दुरुस्त करने के वास्ते 15वें वित्त आयोग को अपने सुझाव दें। उन्होंने कहा कि फैसला लेते समय इस बैठक में आए सुझावों पर गंभीरता के साथ विचार किया जाएगा।
अर्थव्यवस्था के बारे में मोदी ने कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में अर्थव्यवस्था की रफ्तार 7.7 फीसदी रही। उन्होंने कहा, 'अब हमारे सामने चुनौती इस विकास दर को दोहरे अंक तक पहुंचाने की है। इसके लिए कई अहम कदम उठाने की जरूरत है।' प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया यह उम्मीद कर रही है कि भारतीय अर्थव्यवस्था जल्दी ही 5 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगी।
उन्होंने मुख्यमंत्रियों से कहा कि वे ग्रामीण इलाकों के लिए केंद्र की प्रमुख योजना मनरेगा को फसल कटने से पहले और बाद ही गतिविधियों से जोडऩे के तरीके खोजें। इसके लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया गया है। इसमें बिहार, गुजरात, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को भी शामिल किया गया है। मोदी ने एक बार फिर केंद्र और राज्यों में एक साथ चुनाव कराने पर जोर देते हुए कहा कि इससे विकास गतिविधियां प्रभावित नहीं होंगी।
(साभार- बिजनेस स्टैण्डर्ड)
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