श्रमिकों की छंटनी का विकल्प!
नयी दिल्ली, 15 जून:
वेदांत रिसोर्सेज दक्षिण-पश्चिम भारत में अपने लौह अयस्क व्यवसाय से जुड़े लगभग 2000 कर्मचारियों की छंटनी समेत विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रही है। इस व्यवसाय को अदालती आदेश के बाद बंद कर दिया गया था। पर्यावरण संबंधी और अन्य चिंताओं की वजह से सर्वोच्च न्यायालय ने फरवरी में गोवा में सभी लौह अयस्क खनन परमिट को रद्द कर दिया और 16 मार्च से खनन कार्य बंद किए जाने का आदेश दिया। गोवा को चीन जैसे देशों के लिए कम गुणवत्ता वाले लौह अयस्क के निर्यात के लिए जाना जाता है।
लंदन में सूचीबद्घ और भारतीय अरबपति अनिल अग्रवाल द्वारा संचालित वेदांत देश में जांच के दायरे में आ गई क्योंकि पिछले महीने दक्षिण भारत में उसके कॉपर स्मेल्टर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में पुलिस फायरिंग में 13 लोग मारे गए थे। यह स्मेल्टर तब से बंद है। गोवा में उद्योग दिग्गजों और वेदांत से जुड़े दो अधिकारियों ने कहा है कि अगले तीन साल के अंदर खनन कार्य शुरू होने की संभावना नहीं है, क्योंकि राज्य को खदानों की नीलामी से पहले अपने लौह अयस्क भंडारों का नया सर्वे कराना होगा और इनके परिचालन के लिए पर्यावरण संबंधी मंजूरी लेनी होगी।
वेदांत ने मार्च के अंत में कहा था कि लौह अयस्क व्यवसाय बंद होने के बाद उसे लगभग 60 करोड़ डॉलर तक का नुकसान होने की आशंका है। उसने यह भी कहा था कि हालांकि गोवा के अयस्क व्यवसाय का समूह के कुल मुनाफे पर बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा। कंपनी से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि वेदांत अक्सर कर्मियों को निकालती नहीं है, पर बगैर बिक्री के सभी कर्मचारियों को बनाए रखना कठिन होगा। हालांकि सूत्र ने इस तरह की कार्रवाई के लिए कोई समय-सीमा नहीं बताई, लेकिन कहा कि कंपनी उन्हें बगैर वेतन चुकाए बनाए रखने की भी पेशकश कर सकती है।
कर्मचारियों के लिए योजनाओं पर प्रतिक्रिया जानने के लिए रॉयटर्स द्वारा पूछे गए सवालों पर वेदांत के गोवा लौह अयस्क व्यवसाय के लिए प्रवक्ता संगीता चक्रवर्ती ने कहा, 'हमने अपने कुछ कर्मियों को देश की अन्य इकाइयों में भेजा है, हालांकि यह खनन पर प्रतिबंध से प्रभावित कुल कर्मिचारियों की संख्या को देखते हुए एक बेहद छोटा प्रयास है। मौजूदा समय में कर्मचारियों को भुगतान किया जा रहा है।' लौह अयस्क कारोबार बंद होने से पहले कंपनी लगभग 55 लाख टन की सालाना क्षमता के साथ गोवा में सबसे बड़ी खनिक थी और वह राज्य में अपने कर्मचारियों के वेतन पर हर महीने लगभग 12 करोड़ रुपये खर्च करती है।
(साभार- बिजनेस स्टैण्डर्ड)
swatantrabharatnews.com