अब क्लाउड पर भिड़ेंगे एयरटेल और रिलायंस
नयी दिल्ली, जून:
जियो के साथ दूरसंचार क्षेत्र में खलबली मचाने के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) अब क्लाउड सेवाओं के कारोबार में भी उतर रही है जहां उसका एक बार फिर भारती एयरटेल के साथ सीधा मुकाबला होगा। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आरआईएल की सहयोगी कंपनी रिलायंस कॉर्पोरेट आईटी पार्क को पिछले सप्ताह क्लाउड सेवा प्रदाताओं की सूची में शामिल किया जबकि भारती एयरटेल की सहयोगी कंपनी नेक्स्ट्रा डेटा को कुछ समय पहले मंजूरी दी गई थी। दूरसंचार क्षेत्र में कड़ी प्रतिस्पद्र्घा को देखते हुए दोनों कंपनियों ने क्लाउड सेवा के कारोबार में उतरने की योजना बनाई है जिसका बाजार देश में बहुत तेजी से बढ़ रहा है। गार्टनर के हालिया अनुमान के मुताबिक देश में सार्वजनिक क्लाउड सेवाओं का राजस्व इस साल 37.5 फीसदी बढ़कर 2.5 अरब डॉलर पहुंचने की संभावना है जबकि 2020 तक यह 4 अरब डॉलर पहुंच सकता है। सरकार देश में सूचना प्रौद्योगिकी पर सर्वाधिक खर्च करने वालों में से एक है। विश्लेषकों के मुताबिक डिजिटल इंडिया जैसे कार्यक्रमों के कारण इस वर्ष सूचना प्रौद्योगिकी पर सरकार का खर्च बढ़कर 8.5 अरब डॉलर पहुंच सकता है।
सरकार ने क्लाउड कंप्यूटिंग योजना मेघराज शुरू की है जिसके तहत सरकारी ऐप को क्लाउड पर रखा जाएगा और इसे सेवा के तौर पर विभिन्न विभागों को पेश किया जा रहा है। सरकार की क्लाउड फस्र्ट नीति के अनुरूप एनआईसी का एक राष्ट्रीय क्लाउड और सेवा प्रदाताओं की सूची में शामिल दूसरी कंपनियां सरकारी विभागों को क्लाउड सेवाएं दे रही हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों और सार्वजनिक क्षेत्र के दूसरे विभागों को केवल मान्यताप्राप्त सेवा प्रदाताओं की क्लाउड सेवाओं का इस्तेमाल करने को कहा था।
क्लाउड उद्योग के जानकारों के मुताबिक एयरटेल और रिलायंस अपने कारोबार का आधार बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं। दोनों कंपनियों ने क्लाउड सेवाएं देने के लिए पहले ही बुनियादी ढांचा तैयार कर लिया है। मुकेश अंबानी की अगुआई वाली कंपनी ने 10 लाख वर्ग फुट का डेटा केंद्र क्षमता विकसित करने की बात कही थी।
(साभार-बिजनेस स्टैण्डर्ड)
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