सोने में लगाएं पैसा : डब्ल्यूजीसी
भारतीय शेयर बाजार में जारी बिकवाली के दौर में जोखिम कम करने और बेहतर प्रतिफल के लिए पोर्टफोलियो में सोने का हिस्सा बढ़ाने के मौके पैदा हुए हैं। विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) ने यह तर्क दिया है, जो इस धातु के खनन उद्योग की बाजार का दायरा बढ़ाने वाली संस्था है। देश में बेंचमार्क एसऐंडपी बीएसई सूचकांक सेंसेक्स इस महीने पांच फीसदी से अधिक गिरा है। यह 29 जनवरी को 36,283 के हाल के सर्वोच्च स्तर पर था, जो गुरुवार को 33,820 पर बंद हुआ। इस तरह इसमें 6.8 फीसदी गिरावट आई है। नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी50 इस साल 29 जनवरी को 11,130 के अपने हाल के सर्वोच्च स्तर से 6.7 फीसदी टूट चुका है।
शेयर बाजारों में बिकवाली से सोने सहित अन्य सुरक्षित संपत्तियों में निवेश बढ़ता है। हालांकि हाल की बिकवाली से ऐसा कोई रुझान नहीं दिखा है। मुंबई के जवेरी बाजार में सोने की कीमतें महज 0.6 फीसदी बढ़कर 30,415 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंची हैं। वहीं वैश्विक बाजार में सोना 29 जनवरी को 1,324 डॉलर प्रति औंस के स्तर से 1.2 फीसदी नीचे बना हुआ है। डब्ल्यूजीसी ने आज जारी अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा, 'सोने ने हमेशा बाजार की गिरावट में पोर्टफोलियो की हेजिंग का काम किया है और इस बार की गिरावट कोई अपवाद नहीं है। लेकिन सोना ज्यादा प्रभावी तब नजर आता है, जब बाजार में व्यापक गिरावट आती है या लंबे समय तक बनी रहती है। हमारे नजरिये से हाल की बिकवाली इस बात का अच्छा संकेत है कि सोना प्रतिफल दे सकता है और पोर्टफोलियो का जोखिम कम कर सकता है।'
सोना पोर्टफोलियो को विविधीकृत बनाने का काम करता है और आम तौर पर निवेशक इसका इस्तेमाल बाजार में गिरावट के समय पोर्टफोलियो की सुरक्षा के लिए करते हैं। शुरुआत में सोने की कीमतों में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई। लेकिन जब शेयरों में बड़ी गिरावट आई तो सोने की कीमतों में मजबूत तेजी आई और इसने छोटी मियाद वाली प्रतिभूतियों से भी बेहतर प्रदर्शन किया है। पिछले दो साल से सोने में तेजी रही है। सोने ने रुपये में कैलेंडर वर्ष 2016 में 12 फीसदी और 2017 में 5 फीसदी प्रतिफल दिया है। बीएसई सेंसेक्स में 2016 में 2 फीसदी और 2017 में 28 फीसदी तेजी रही है।
कॉमट्रेंड्ज रिसर्च के निदेशक ज्ञानशेखर त्यागराजन ने कहा, 'शेयरों मेंं वर्तमान बिकवाली को गिरावट माना जा रहा है। आम तौर शेयरों में बिकवाली के समय अपनी फंड की जरूरत पूरी करने के लिए निवेशक वैकल्पिक संपत्ति वर्गों में अपनी पोजिशन की बिक्री करते हैं। शेयर बाजार अभी उस स्तर पर नहीं आया है।' एक रणनीतिक संपत्ति के रूप में सोने की भूमिका के लिहाज से 2018 अभी तक अच्छा रहा है। यह सभी संपत्ति वर्गों में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली संपत्ति में से एक है। इसका प्रदर्शन ट्रेजरी और कॉरपोरेट बॉन्ड से भी बेहतर रहा है। शेयर बाजार गिरने से इसने एक डायवर्सिफायर और नकदी के एक स्रोत की भूमिका निभाई है।
(साभार: बिजिनेस स्टैण्डर्ड)
संपादक- स्वतंत्र भारत न्यूज़
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