लखनऊ जं. से तेजस एक्सप्रेस (लखनऊ - नई दिल्ली) के प्लेटफार्म के गलत सूचना से परेशान यात्री ने रेलवे से ₹१००००००/= (दस लाख रुपये) की मांग की: सच्चिदानन्द श्रीवास्तव
लखनऊ: सच्चिदानन्द श्रीवास्तव, राष्ट्रीय अध्यक्ष 'समतामूलक समाज निर्माण मोर्चा' ३० नवंबर २०२३ को लखनऊ से नई-दिल्ली जाने के लिये तेजस-एक्सप्रेस से ई-टिकट लिए जो WL था|
राष्ट्रीय अध्यक्ष - श्री श्रीवास्तव दिनांक २९ नवम्बर २०२३ की मध्य रात्रि के बाद दि: ३० नवंबर 2023 को लगभग दो बजे से प्रात: ०४:२९ बजे तक अपने PNR की वर्तमान स्थिति की जानकारी आनलाईन जानने का प्रयास करते रहे परन्तु भारतीय रेल की साईट पर error तथा Chart not prepared दर्शाता रहा और उक्त एक्सप्रेस ट्रेन के छूटने से लगभग डेढ़ घंटे पहले प्रात: ०४:३० बजे Chart preared, टिकट कन्फर्म और लखनऊ जं. के प्लेटफार्म संख्या ०१ (एक) से नियत समय पर छूटने की गलत जानकारी प्राप्त हुई |
उक्त गलत जानकारी के कारण उक्त रेल-यात्री 66 वर्षीय सच्चिदानन्द श्रीवास्तव टैक्सी से कैब वे का उपयोग न कर प्लेटफार्म नंबर ०१ पर पहुंचने के लिये मुख्य स्टेशन की तरफ से आना पड़ा और तब जानकारी मिली कि तेजस-एक्सप्रेस प्लेटफार्म संख्या ०१ के बजाय प्लेटफार्म संख्या ०६ से जाने को तैयार है, जिसके कारण घुटने में असीम पीड़ा के उपरांत भी काफी दूर भागकर अपने आरक्षित कोच सी-३ मे पहुंचना पड़ा व अनावश्यक रूप से मानसिक तनाव वह अपूर्णीय क्षति का सामना करना पड़ा और ट्रेन में उपलब्ध शिकायत पुस्तिका में इसकी शिकायत करते हुए क्षतिपूर्ति के रूप में ₹१००००००/= (दस लाख रुपये) की मांग रेल प्रशासन से करनी पड़ी परन्तु इस समाचार के लिखे जाने तक रेल प्रशासन ने किसी प्रकार की कार्यवाही से अवगत नहीं कराया है।
अब प्रश्न उठता है कि, क्या विकास का दावा करने वाली डिजिटल इंडिया के रेल मंत्रालय, भारत सरकार के सभी दावे खोखले हैं, भारतीय रेल जो एक 'सिस्टम' का नाम था वह बेमानी हो चुकी है और गरीब से गरीब यात्री को कम से कम किराए में एक गन्तब्य से दूसरे गन्तब्य तक पहुंचाने वाली सबसे सस्ती भारतीय रेल सोची-समझी नीति के तहत डबल-डेकर आदि ट्रेनों को रद्द कर आर्थिक लूट का संसाधन बन गई है? -
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