खान मंत्रालय द्वारा महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों की नीलामी की पहली किश्त की शुरूआत: खान मंत्रालय
पूरे देश में फैले महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों के बीस ब्लॉकों की नीलामी की जाएगी
ये खनिज रणनीतिक क्षेत्रों के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं; नीलामी प्रक्रिया भारत के ऊर्जा परिवर्तन प्रयासों की दिशा में की गई एक प्रमुख पहल है
एक पारदर्शी दो चरणों वाली ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया लागू की जाएगी
नई दिल्ली (PIB): खान मंत्रालय 29 नवंबर, 2023 को महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों की पहली किश्त की नीलामी की शुरूआत कर रहा है। केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री, श्री प्रल्हाद जोशी मुख्य अतिथि के रूप में, महत्वपूर्ण खनिजों की इस पहली नीलामी प्रकिया का शुभारंभ करेंगे। पूरे देश में फैले इन महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों के बीस ब्लॉक नीलाम किए जा रहे हैं। यह एक ऐतिहासिक पहल है जिससे हमारी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, राष्ट्रीय सुरक्षा में वृद्धि होगी और स्वच्छ ऊर्जा भविष्य में हमारे परिवर्तनों को भी सहायता मिलेगी।
ये महत्वपूर्ण खनिज हमारे देश के आर्थिक विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत आवश्यक हैं। इन खनिजों की कम उपलब्धता या कुछ देशों में ही इनका निष्कर्षण या प्रोसेसिंग केंद्रित होने से इन खनिजों की आपूर्ति श्रृंखला बहुत कमजोर हो सकती हैं। भविष्य की वैश्विक अर्थव्यवस्था उन प्रौद्योगिकियों पर आधारित होगी जो लिथियम, ग्रेफाइट, कोबाल्ट, टाइटेनियम और दुर्लभ पृथ्वी तत्वों (आरईई) जैसे खनिजों पर पूरी तरह निर्भर है। भारत की वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म स्रोतों से 50 प्रतिशत संचयी विद्युत शक्ति स्थापित क्षमता अर्जित करने की प्रतिबद्धता है। ऊर्जा परिवर्तन के लिए यह महत्वाकांक्षी योजना इलैक्ट्रिक कारों, पवन और सौर ऊर्जा परियोजनाओं तथा बैटरी भंडारण प्रणालियों की मांग को बढ़ाने के लिए तैयार है। इस प्रकार इन महत्वपूर्ण खनिजों की मांग में वृद्धि होगी।
इन महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों की भारी मांग है जो आमतौर पर निर्यात से पूरी होती है। महत्वपूर्ण खनिज नवीकरणीय ऊर्जा, रक्षा, कृषि, फार्मास्युटिकल, उच्च तकनीक इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार, परिवहन, गीगाफैक्ट्रीज़ के निर्माण जैसे क्षेत्रों की मांग को पूरा करते हैं।
अभी हाल ही में, 17 अगस्त 2023 को एमएमडीआर अधिनियम में एक संशोधन के माध्यम से 24 खनिजों को महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों के रूप में अधिसूचित किया गया था। यह संशोधन केंद्र सरकार को इन खनिजों के लिए खनिज रियायत देने की शक्ति प्रदान करता है ताकि केंद्र सरकार देश की आवश्यकताओं को देखते हुए इन खनिजों की नीलामी को प्राथमिकता दे सके। इन नीलामियों से जुटाया गया राजस्व राज्य सरकारों को भी मिलेगा। इसके बाद, महत्वपूर्ण खनिजों की रॉयल्टी दरों को को तर्कसंगत बनाया गया है ताकि इन नीलामियों में अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित किया जा सके। सरकार ने मार्च, 2022 में प्लेटिनम ग्रुप ऑफ मेटल्स (पीजीएम) के लिए रॉयल्टी दर 4 प्रतिशत, मोलिब्डेनम के लिए 7.5 प्रतिशत, ग्लौकोनाइट और पोटाश के लिए 2.5 प्रतिशत निर्दिष्ट की थीं। 12 अक्टूबर, 2023 को सरकार ने लिथियम के लिए 3प्रतिशत, नाइओबियम के लिए 3 प्रतिशत और दुर्लभ पृथ्वी तत्व के लिए 1 प्रतिशत रॉयल्टी दर निर्दिष्ट की है।
निविदा दस्तावेज़ की बिक्री की शुरुआत 29 नवंबर, 2023 से शुरू होगी। खनिज ब्लॉकों, नीलामी की शर्तों, समय सीमा आदि का विवरण एमएसटीसी नीलामी मंच www.mstcecommerce.com/auctionhome/mlcl/index.jsp पर 29 नवंबर, 2023 को 6 बजे से देखा जा सकता है। यह नीलामी एक पारदर्शी और दो चरण वाली आरोही फॉरवर्ड नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से ऑनलाइन आयोजित की जाएगी। पात्र बोलीदाता का चयन उनके द्वारा उद्धृत किए गए खनिज के मूल्य के उच्चतम प्रतिशत के आधार पर किया जाएगा।
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