'इंजीनियर दिवस' पर भारतीय रेल उद्योग में 'वेतन-बोर्ड' गठित कराने का संकल्प: रेल सेवक संघ
महान इंजीनियर सर एम विश्वेश्वरैया को उनकी जयंती पर शत-शत नमन
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इंजीनियर दिवस पर टेक्नोक्रेट्स को हार्दिक शुभकामनाएं !
रेल-उद्योग- भारतीय रेल व सार्वजनिक प्रतिष्ठानों के तेजी से किये जा रहे निजीकरण करने की कड़े शब्दों में निंदा
केंद्र / राज्य कर्मचारियों के रोके गए वेतन को अमृत-काल में भी भुगतान नहीं करने की कड़े शब्दों में निंदा
देश के सबसे बड़े उद्योग - भारतीय रेल उद्योग में सीमेंट आदि उद्योगों की तरह "वेतन-बोर्ड" गठित करने की द्वितीय श्रम आयोग की अनुशंसा को भारत सरकार द्वारा वर्ष २००२ के अटल सरकार में अक्षरशः स्वीकार करने और आजादी के ७७ वर्षों के उपरांत भी वेतन-बोर्ड गठित नहीं करने की कड़े शब्दों में निंदा
रेल सेवक संघ के महामंत्री - सच्चिदानन्द श्रीवास्तव के साथ सभी साथियों ने देश के सबसे बड़े उद्योग - भारतीय रेल उद्योग में वेतन-बोर्ड गठित करने सहित उक्त सभी मांगों को लेकर सफल संघर्ष कर विजयी होने का लिया संकल्प
-:इं सच्चिदानन्द श्रीवास्तव (संस्थापक & महामंत्री- रेल सेवक संघ: संपादक - स्वतंत्र भारत न्यूज़ पोर्टल & संस्थापक अध्यक्ष - समतामूलक समाज निर्माण मोर्चा):-
लखनऊ: महान इंजीनियर सर एम विश्वेश्वरैया को उनकी जयंती पर रेल सेवक संघ के प्रधान कार्यालय में संघ के संस्थापक सदस्य - साथी राम अनुज जी की अध्यक्षता में एक सभा आयोजित की गयी।
सभा में आज उपस्थित रेल सेवक संघ, स्वतंत्र भारत न्यूज़ पोर्टल और समतामूलक समाज निर्माण मोर्चा के संस्थापक अध्यक्ष, संपादक और संघ के महामंत्री ने उपस्थित सभी साथियों के साथ "महान इंजीनियर सर एम विश्वेश्वरैया" के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए तथा श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें नमन किया।
सभा में इं सच्चिदानन्द श्रीवास्तव के साथ सभी साथियों ने आज इस विशेष दिन पर रेल व सार्वजनिक प्रतिष्ठानों के तेजी से किये जा रहे निजीकरण और देश के सबसे बड़े उद्योग - भारतीय रेल उद्योग में सीमेंट आदि उद्योगों की तरह "वेतन-बोर्ड" गठित करने की द्वितीय श्रम आयोग की अनुशंसा को भारत सरकार द्वारा वर्ष २००२ के अटल सरकार में अक्षरशः स्वीकार करने और आजादी के ७७ वर्षों के उपरांत भी वेतन-बोर्ड गठित नहीं कर रेल कर्मचारियों के सामूहिक शोषण करने और केंद्र / राज्य कर्मचारियों के रोके गए महंगाई-भत्ते (DA Arrear) को अमृत-काल में भी भुगतान नहीं करने की कड़े शब्दों में निंदा की
और
सरकार को ट्वीट कर मांग किया कि:-
१ देश के सबसे बड़े उद्योग - भारतीय रेल उद्योग में सीमेंट आदि उद्योगों की तरह "वेतन-बोर्ड" गठित करने की द्वितीय श्रम आयोग की अनुशंसा को भारत सरकार द्वारा वर्ष २००२ के अटल सरकार में अक्षरशः की गयी स्वीकारोक्ति का सम्मान करते हुए भारतीय रेल उद्योग में सीमेंट आदि उद्योगों की तरह "वेतन-बोर्ड" गठित किया जाय।
२ केंद्र / राज्य कर्मचारियों के रोके गए महंगाई-भत्ते (DA Arrear) का इस अमृत-काल में अविलम्ब भुगतान किया जाय।
३ भारतीय रेल व अन्य सभी सार्वजनिक प्रतिष्ठानों का निजीकरण अविलम्ब बंद किया जाय।
सभा के अंत में रेल सेवक संघ के महामंत्री - सच्चिदानन्द श्रीवास्तव के साथ सभी साथियों ने देश के सबसे बड़े उद्योग - भारतीय रेल उद्योग में वेतन-बोर्ड गठित करने सहित उक्त सभी मांगों को लेकर सफल संघर्ष कर विजयी होने का संकल्प लिया।
@narendramodi @PMOIndia @RailMinIndia @ANI @BBCWorld
1)
रेल सेवक संघ के प्रधान-कार्यालय में संघ के संस्थापक सदस्य- रामअनुज की अध्यक्षता में आयोजित सभा में महान इंजीनियर सर एम विश्वेश्वरैया को उनकी जयंती (इंजीनियर दिवस) पर शत-शत नमन & टेक्नोक्रेट्स को हार्दिक शुभकामनाएं!
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2)
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इं सच्चिदानन्द श्रीवास्तव के साथ सभी साथियों ने आज इस विशेष दिन पर रेल व सार्वजनिक प्रतिष्ठानों के तेजी से किये जा रहे 'निजीकरण' की कड़े शब्दों में निंदा की.
और
देश के सबसे बड़े उद्योग - भारतीय रेल उद्योग में सीमेंट आदि उद्योगों की तरह "वेतन-बोर्ड" गठित करने की...
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द्वितीय श्रम आयोग की अनुशंसा को भारत सरकार द्वारा वर्ष २००२ के अटल सरकार में अक्षरशः स्वीकार करने और आजादी के ७७ वर्षों के उपरांत भी वेतन-बोर्ड गठित नहीं कर रेल कर्मचारियों के सामूहिक शोषण करने की कड़े शब्दों में निंदा की
और....
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4)
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केंद्र / राज्य कर्मचारियों के रोके गए महंगाई-भत्ते (DA Arrears) को अमृत-काल में भी भुगतान नहीं करने की कड़े शब्दों में निंदा की
और
सरकार को ट्वीट कर मांग किया कि:-
1. भारतीय रेल व अन्य सभी सार्वजनिक प्रतिष्ठानों का निजीकरण अविलम्ब बंद किया जाय।
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2. केंद्र / राज्य कर्मचारियों के रोके गए महंगाई-भत्ते (DA Arrears) का इस अमृत-काल में अविलम्ब भुगतान किया जाय।
और
देश के सबसे बड़े उद्योग - pic.twitter.com/arB6ad3UcI
6)
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भारतीय रेल उद्योग में सीमेंट आदि उद्योगों की तरह "वेतन-बोर्ड" गठित करने की द्वितीय श्रम आयोग की अनुशंसा को भारत सरकार द्वारा वर्ष २००२ के अटल सरकार में अक्षरशः की गयी स्वीकारोक्ति का सम्मान करते हुए भारतीय रेल उद्योग में सीमेंट आदि उद्योगों की तरह "वेतन-बोर्ड" गठित किया जाय। pic.twitter.com/mUH3Ambd3Q— railsewaksangh (@railsewaksangh) September 15, 2023
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