कैबिनेट ने 2023 से 2027 तक नवोन्मेष, एकीकरण और 2.0 (सिटीज 2.0) को बनाए रखने के लिए सिटी इन्वेस्टमेंट्स को मंजूरी दी
नई-दिल्ली (PIB): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सिटी इनवेस्टमेंट को नवोन्मेष, एकीकरण और 2.0 (सिटीज 2.0) को बनाए रखने के लिए मंजूरी दे दी है। सिटीज 2.0 कार्यक्रम की परिकल्पना; आवास और शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) द्वारा फ्रेंच डेवलपमेंट एजेंसी (एएफडी), क्रेडिटनस्टाल्ट फर विडेराफबाउ (केएफडब्लू), यूरोपीय संघ (ईयू) और राष्ट्रीय नगर कार्य संस्थान (एनआईयूए) के साथ साझेदारी में की गयी है। यह कार्यक्रम चार साल की अवधि, यानि 2023 से 2027 तक जारी रहेगा।
इस कार्यक्रम में शहर स्तर पर एकीकृत अपशिष्ट प्रबंधन; राज्य स्तर पर जलवायु उन्मुख सुधार कार्यों और राष्ट्रीय स्तर पर संस्थागत मजबूती और ज्ञान प्रसार पर विशेष ध्यान देते हुए चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए प्रतिस्पर्धात्मक रूप से चयनित परियोजनाओं का समर्थन करने की परिकल्पना की गई है।
सिटीज 2.0 के वित्त पोषण में एएफडी और केएफडब्लू (प्रत्येक 100 मिलियन ईयूआर) से 1760 करोड़ रुपये (ईयूआर 200 मिलियन) का ऋण तथा ईयू से 106 करोड़ रुपये (ईयूआर 12 मिलियन) का तकनीकी सहायता अनुदान शामिल होगा।
सिटीज 2.0 का उद्देश्य सिटीज 1.0 के अनुभव और सफलताओं का लाभ उठाना और उनका विस्तार करना है। 933 करोड़ रुपये (ईयूआर 106 मिलियन) के कुल परिव्यय के साथ सिटीज 1.0 को एमओएचयूए, एएफडी, ईयू और एनआईयूए द्वारा संयुक्त रूप से 2018 में लॉन्च किया गया था। सिटीज 1.0 में तीन घटक शामिल थे:
घटक 1: प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के माध्यम से 12 शहर-स्तरीय परियोजनाओं को चुना गया।
घटक 2: ओडिशा राज्य में क्षमता-विकास गतिविधियां।
घटक 3: एनआईयूए, जो सिटीज 1.0 के लिए कार्यक्रम प्रबंधन इकाई (पीएमयू) थी, की विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर एकीकृत शहरी प्रबंधन को बढ़ावा देना।
कार्यक्रम के तहत घरेलू विशेषज्ञों, अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों और संबंधित उप-क्षेत्रों के विशेषज्ञों के माध्यम से तीनों स्तरों पर तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई गई। इसके परिणामस्वरूप प्रतिस्पर्धी और सहकारी संघवाद के सिद्धांतों पर आधारित एक विशिष्ट चुनौती-संचालित वित्तपोषण मॉडल के माध्यम से अभिनव, एकीकृत और सतत शहरी विकास के तौर-तरीकों को मुख्यधारा में लाया गया है।
सिटीज 1.0 मॉडल के समान, सिटीज 2.0 के भी तीन प्रमुख घटक हैं:
घटक 1: एकीकृत अपशिष्ट प्रबंधन पर ध्यान देने के साथ चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने वाली प्रतिस्पर्धी रूप से चयनित परियोजनाओं के माध्यम से 18 स्मार्ट शहरों में जलवायु सहनीयता निर्माण, अनुकूलन और शमन पर केंद्रित परियोजनाओं के विकास के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता।
घटक 2: सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश मांग के आधार पर सहायता के पात्र होंगे। राज्यों को (क) अपने मौजूदा राज्य जलवायु केंद्रों/जलवायु प्रकोष्ठों/समकक्षों की स्थापना/मजबूत करने (बी) राज्य और शहर स्तर पर जलवायु डेटा संकलन केन्द्रों का निर्माण करने (सी) योजना निर्माण के लिए जलवायु-डेटा संचालित सुविधा देने, जलवायु कार्य योजना विकसित करने और (डी) नगरपालिका पदाधिकारियों के क्षमता-निर्माण के लिए सहायता प्रदान की जाएगी। इन उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए, एनआईयूए में पीएमयू राज्य सरकारों को तकनीकी सहायता और रणनीतिक सहायता के प्रावधान का समन्वय करेगा।
घटक 3: सभी राज्यों और शहरों में विस्तार के समर्थन के लिए संस्थागत मजबूती, ज्ञान प्रसार, साझेदारी, निर्माण क्षमता, अनुसंधान और विकास के माध्यम से शहरी भारत में जलवायु शासन को आगे बढ़ाने के क्रम में तीनों स्तरों - केंद्र, राज्य और शहर स्तर - पर हस्तक्षेप।
सिटीज 2.0 कार्यक्रम; वर्तमान में जारी राष्ट्रीय कार्यक्रमों (सतत आवास पर राष्ट्रीय मिशन, अमृत 2.0, स्वच्छ भारत मिशन 2.0 और स्मार्ट सिटी मिशन) के साथ-साथ भारत के राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (आईएनडीसी) और पार्टियों का सम्मेलन (कॉप26) प्रतिबद्धताएं में सकारात्मक योगदान के माध्यम से भारत सरकार की जलवायु कार्रवाइयों का पूरक सिद्ध होगा।
*****
(फोटो साभार- मल्टी मीडिया)
swatantrabharatnews.com