वीडियो कॉल से निरीक्षण का राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने किया विरोध
महानिदेशक स्कूल शिक्षा को सौंपा ज्ञापन, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा व बेसिक शिक्षा मंत्री को भी भेजा ज्ञापन
आदेश निरस्त न होने पर निजी संसाधनों से किए जाने वाले समस्त ऑनलाइन विभागीय कार्यों के बहिष्कार की चेतावनी
लखनऊ: राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के मीडिया प्रमुख बृजेश श्रीवास्तव ने बताया कि, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधिमंडल प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह के नेतृत्व में महानिदेशक स्कूल शिक्षा से मिला व मूल्यांकन प्रकोष्ठ द्वारा वीडियो कॉल से विद्यालयों के निरीक्षण का कड़ा विरोध किया।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि महानिदेशक, स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक लखनऊ के कार्यालय आदेश पत्रांक 2244-2544 / 2023-24 दिनांक 24 अप्रैल 2023 के द्वारा प्रतिदिन 10 परिषदीय विद्यालयों का ऑनलाइन निरीक्षण (वीडियोकॉल/वायस कॉल) जिला एवं प्रशिक्षण संस्थान में मूल्यांकन प्रकोष्ठ के गठित करके किया जाना है। उक्त आदेश के कारण बेसिक शिक्षा परिषद का शिक्षक स्वयं को अपमानित महसूस करता है, क्योंकि कार्यालय महानिदेशक स्कूल शिक्षा उत्तर प्रदेश द्वारा जारी आदेश के क्रम में प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों का स्थलीय निरीक्षण जुलाई 2022 से जनपद स्तरीय टास्क फोर्स के द्वारा निरन्तर अब तक किया जा रहा है, निरीक्षण में अनुपस्थित शिक्षकों की सूची को डिफाल्टर शिक्षक सूची के नाम से महानिदेशक कार्यालय से जारी किया जाना शिक्षक की गरिमा को कंलकित करने का कार्य है तथा महानिदेशक स्कूल शिक्षा कार्यालय से जारी वीडियो/ऑडियो कालिंग के माध्यम से ऑनलाइन निरीक्षण का नवीनतम आदेश शिक्षकों की विश्वसनीयता को समाज में संदिग्ध व कामचोर सिद्ध करने की कुत्सित मानसिकता से जारी किया गया है,जिसका राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश घोर निन्दा करता है। वीडियो कॉल से शिक्षिकाओं की निजता का हनन व सुरक्षा प्रभावित होने से इंकार नहीं किया जा सकता है।
प्रदेश मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी का बेसिक शिक्षा के प्रति विशिष्ट दृष्टिकोण है, जिसको पूर्ण करने के लिए शिक्षक अपने विद्यालयों का कायाकल्प से लेकर निपुण प्रदेश बनाने तक पूर्ण समर्पित भाव से कार्य कर रहा है। किन्तु विभागीय अधिकारियों द्वारा शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं यथा पदोन्नति/नियुक्ति, अन्तः व अन्तर जनपदीय स्थानान्तरण आदि तथा विभागीय विफलताओं से ध्यान हटाने की नीयत से नित नए आदेश जारी करके शिक्षकों को अपमानित करके मनोबल गिराने का कार्य किया जा रहा है। जबकि डीबीटी, यूडायस प्लस, प्रेरणा डीसीएफ, छात्र रजिस्ट्रेशन,दीक्षा प्रशिक्षण, दीक्षा ऐप,सरल ऐय,समर्थ ऐप, रीड एलांग ऐप, निपुण लक्ष्य ऐप, शारदा ऐप, स्विफ्ट चैट, गूगल मीट,यू ट्यूब सेशन आदि के साथ साथ परिवार सर्वेक्षण जैसे अत्यन्त जटिल कार्यों को बेसिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश बिना कोई संसाधन उपलब्ध कराये जबरन शिक्षकों से करा रहा है। जिसके मूल में बेसिक शिक्षा विभाग में संचालित ऑनलाइन व्यवस्था/विभिन्न ऐप के इंस्टालेशन व डाटा व्यय पर हितसाधक समूह की अवैध कमाई है तथा शिक्षा में गुणवत्ता व नवाचार के नाम पर लागू ऑनलाइन व्यवस्था शिक्षक को सृजनात्मकता से विरत करके भय का वातावरण बनाकर लिपिक बनाने तथा बेसिक शिक्षा /शिक्षक को निरीक्षण के नाम पर दुष्प्रचार व बदनाम करने की गहरी साजिश प्रतीत हो रही है।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि शिक्षकों की गरिमा व शिक्षिकाओं की सुरक्षा तथा समाज में शिक्षक का विशिष्ट स्थान होने के दृष्टिगत ऑनलाइन निरीक्षण (वीडियो कॉल/वायस कॉल) आदेश को तत्काल रद्द किया जाए तथा परिवार सर्वेक्षण जैसे तकनीकी रूप से जटिल कार्य को बिना संसाधन उपलब्ध कराये शिक्षकों पर अनुचित दबाव डालकर विभागीय अधिकारियों द्वारा जबरन कराया जाना स्थगित किया जाये। अन्यथा की स्थिति में संगठन जनपद के शिक्षकों का आह्वान करेगा कि वे अपने व्यक्तिगत मोबाइल/ टैबलेट अथवा लैपटाप से कोई भी ऑनलाइन विभागीय कार्य न करें तथा बेसिक शिक्षा विभाग के सोशल प्लेटफार्मों का सम्पूर्णं बहिष्कार करेगा।
*****