इंडोनेशिया में बाली घोषणापत्र से भारत ने खुद को किया अलग
इंडोनेशिया में बाली घोषणापत्र से भारत ने खुद को किया अलगइंडोनेशिया में वैश्विक मंच पर जारी हुए बाली घोषणापत्र से भारत ने खुद को अलग कर लिया है।नुसा दुआ (इंडोनेशिया), प्रेट्र। इंडोनेशिया में वैश्विक मंच पर जारी हुए बाली घोषणापत्र से भारत ने खुद को अलग कर लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी म्यांमार की यात्रा के दौरान वहां की सरकार को आश्वासन दिया था कि रखाइन प्रांत में हो रहे विद्रोह पर भारत उनके साथ रहेगा। लोकसभा की सभापति सुमित्रा महाजन के नेतृत्व में वहां पहुंचे दल ने वर्ल्ड पार्लियामेंट्री के उस प्रस्ताव को गलत बताया जिसमें म्यांमार का जिक्र एक अस्थिर देश के तौर पर किया गया। भारत ने वहां पर कहा कि म्यांमार का संकट उनका आंतरिक संकट है और इसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाए जाने की जरूरत नहीं है।-म्यांमार में रखाइन की हिंसा को लेकर विश्व मंच पर चिंता-वर्ल्ड पार्लियामेंट्री फोरम में सुमित्रा महाजन ने की शिरकत फोरम का आयोजन स्थायी विकास की परिकल्पना को लेकर किया गया था, इसलिए जो घोषणापत्र इसमें सामने रखा गया वो इसके ध्येय को पूरा नहीं करता। भारत इसका समर्थन नहीं करता। उल्लेखनीय है कि म्यामांर के रखाइन प्रांत में हिंसा के चलते सवा लाख लोग देश छोड़ने पर मजबूर हो चुके हैं। ये सारे जाकर बांग्लादेश में शरणार्थी के तौर पर रह रहे हैं। बाली में इस बात पर चिंता जताई गई कि ये हिंसा संकट पैदा कर रही है। लोकसभा सचिवालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि यह फोरम उसी दिन आयोजित हुआ जिस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी म्यामांर का दौरा खत्म कर रहे थे।यह भी पढें: पीयू शताब्दी समारोह के कार्यक्रम शुरू, पीएम आएंगे अगले माहBy Bhupendra Singh Let's block ads! (Why?)