सेना प्रमुख के बयान से चीन चिढ़ा, कहा- नियंत्रण से बाहर न हो स्थिति
सेना प्रमुख के बयान से चीन चिढ़ा, कहा- नियंत्रण से बाहर न हो स्थितिचीनी सरकार के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि अभी हमें यह पता नहीं है कि यह बयान उनका निजी विचार है या फिर भारत सरकार की इसमें सहमति है।बीजिंग, प्रेट्र। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के इस बयान से कि बीजिंग भारत के धैर्य की परीक्षा ले रहा है, चीन चिढ़ गया है। उसने कहा है कि यह बयान इसी सप्ताह राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोस्ताना बयानों की भावना के विपरीत है। चीनी सरकार के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि अभी हमें यह पता नहीं है कि यह बयान उनका निजी विचार है या फिर भारत सरकार की इसमें सहमति है।शुआंग ने कहा कि दो दिन पहले ही राष्ट्रपति शी ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा था कि दोनों देश विकास में एक-दूसरे के भागीदार हैं। भारत और चीन में किसी को दूसरे से खतरा नहीं है। हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए और मतभेदों को बातचीत से सुलझाना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा था कि भारत विकास में चीन का साझीदार बनना चाहता है।बुधवार को जनरल रावत ने दो मोर्चो पर युद्ध की आशंका से इन्कार नहीं किया था। चीन से पिछले एक दशक में सबसे ज्यादा तनावपूर्ण स्थिति के समाप्त होने के एक हफ्ते के बाद उन्होंने यह बात कही थी। उन्होंने कहा कि उत्तर में चीन और पश्चिम में पाकिस्तान से लड़ाई की आशंका को नकारा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा था कि उत्तर की स्थिति के चलते पश्चिम में पाकिस्तान भी मौके का फायदा उठा सकता है। नियंत्रण से बाहर न हो स्थितिबीजिंग, प्रेट्र : चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि भारत और चीन दोनों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मतभेदों के चलते स्थिति नियंत्रण से बाहर न हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच बैठक के बाद अपनी पहली टिप्पणी में वांग ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में आपसी संबंधों को नुकसान पहुंचा है। डोकलाम विवाद का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि अब दोनों देशों के लिए आगे बढ़ने का समय है।यह भी पढ़ें: अचानक हमले से निपटने के लिए चीन ने किया अभ्यासBy Manish Negi Let's block ads! (Why?)