भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर), भारतीय सिविल लेखा सेवा, भारतीय रक्षा लेखा सेवा, भारतीय रेलवे लेखा सेवा तथा भारतीय डाक और दूरसंचार (वित्त और लेखा) सेवा के परिवीक्षाधीन अधिकारियों ने राष्ट्रपति से मुलाकात की
नई दिल्ली (PIB): भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर), भारतीय सिविल लेखा सेवा, भारतीय रक्षा लेखा सेवा, भारतीय रेलवे लेखा सेवा और भारतीय डाक और दूरसंचार (वित्त और लेखा) सेवा के परिवीक्षाधीन अधिकारियों ने आज भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की।
अधिकारियों को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि जैसे-जैसे हमारी शासन प्रणाली अधिक कुशल, जवाबदेह और पारदर्शी प्रशासन एवं निर्बाध सेवा आपूर्ति की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है, राजस्व सेवा और विभिन्न लेखा सेवाएं पहले की तुलना में बहुत बड़ी भूमिका निभाने जा रही हैं। दो दिन पहले ही केंद्रीय बजट 2023-24 पेश किया गया था जो आने वाले वित्तीय वर्ष के लिए सरकार के वित्त का अनुमानित लेखा-जोखा प्रस्तुत करता है। बजट का उद्देश्य नागरिकों-विशेष रूप से युवाओं के लिए विकास के अवसर पैदा करना, समावेशी विकास के लिए कई अन्य राष्ट्रीय उद्देश्यों को प्राप्त करना है। उन सभी को अपनी संबंधित सेवाओं में लेखांकन, लेखा परीक्षा और बजट के माध्यम से यह सुनिश्चित करना होगा कि करदाताओं के धन का एक-एक रुपया देश के विकास और लोगों की भलाई के लिए उपयोग किया जाए।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर) के अधिकारियों के पास सरकार के अप्रत्यक्ष करों के संग्रह और प्रशासन के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के रूप में एक चुनौतीपूर्ण काम है। कर अनुपालन सुनिश्चित कराने में उनकी भूमिका प्रमुख है, क्योंकि यह आर्थिक विकास और समावेशी विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा। आईआरएस सीमा शुल्क अधिकारी देश के 'आर्थिक मोर्चे' के संरक्षक के रूप में भी कार्य करते हैं। वे देश के सामने आने वाले नशीले पदार्थों पर नियंत्रण, मनी लॉन्ड्रिंग और कर चोरी जैसे मुद्दों से निपटने में केंद्रीय भूमिका निभाते हैं। राष्ट्रपति ने उनसे यह स्मरण रखने का आग्रह किया कि कराधान केवल सरकारी राजस्व बढ़ाने का माध्यम नहीं है बल्कि यह आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
राष्ट्रपति ने कहा कि शासन में जवाबदेही लागू करने के लिए लेखांकन प्रमुख उपायों में से एक है। यह एक मजबूत सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली सुशासन का मुख्य आधार है। भारतीय नागरिक, रक्षा, रेलवे और पोस्ट एंड टेलीकम्युनिकेशन अकाउंट्स सर्विसेज के अधिकारियों के जिम्मे एक मजबूत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली बनाने और उसे बनाए रखने की जिम्मेदारी है जो सरकार के सुचारू कामकाज को पूरा करने में मदद करती है। इसलिए, सरकार में उनकी भूमिका का बहुत महत्व है और आपको पूरी प्रतिबद्धता तथा प्रासंगिक कौशल के साथ जिम्मेदारी निभानी होगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ-साथ सेवा आपूर्ति में अधिक दक्षता प्राप्ति के लिए लोगों में अपेक्षाएं बढ़ रही हैं। इन अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए, सरकारी विभागों के लिए यह बहुत जरूरी है कि वे सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का सर्वोत्तम उपयोग करके अपनी प्रणालियों का आधुनिकीकरण करें। इस प्रकार, प्रौद्योगिकी की तेजी से बदलती हुई दुनिया के साथ तालमेल बिठाना एक चुनौती भरा क्षेत्र है। सेवाओं की पहुंच को अधिकतम बनाने के लिए, हमें अपने ज्ञान और प्रणालियों को निरंतर अद्यतन बनाने की आवश्यकता है। हमें यह देखना होगा कि हम अपने भुगतान, लेखा और कर संग्रह प्रणालियों को सुचारू और निर्बाध बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का कैसे सर्वोत्तम उपयोग कर सकते हैं। आईटी उपकरणों का उपयोग न केवल गलत कामों को उजागर करने के लिए बल्कि विभिन्न सरकारी योजनाओं की प्रक्रियाओं और परिणामों का मूल्यांकन एवं निगरानी करने के लिए ऑडिटिंग में किया गया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि एक राष्ट्र अपने मानव संसाधन के बल पर प्रगति करता है, जो अन्य भौतिक संसाधनों को सर्वोत्तम संभव तरीके से जुटाता है। उन्होंने सभी अधिकारियों से ईमानदारी और प्रतिबद्धता के साथ अपने-अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने और राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देने का आग्रह किया।
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