
उत्तर प्रदेश: साहित्यकार यदुनाथ सिंह मुरारी नामित हुए राज्यस्तरीय समिति के सदस्य
स्वाधीनता आंदोलन के इतिहास के गहन परीक्षण के लिए प्रदेश सरकार ने गठित की 13 सदस्यीय समिति
लखीमपुर-खीरी: प्रदेश सरकार ने कस्बा बाँकेगंज के निवासी ख्यातनाम साहित्यकार एवं जनसंचारविद् यदुनाथ सिंह मुरारी को जनपदों के लिपिबद्ध स्वातंत्र्य इतिहास की राज्यस्तरीय परीक्षण समिति का सदस्य नामित किया है। उन्हें लखीमपुर-खीरी समेत पाँच जनपदों की स्वाधीनता आंदोलन आधारित पुस्तकों के गहन परीक्षण का दायित्त्व सौंपा गया है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश के समस्त जनपदों का स्वातंत्र्य इतिहास के लेखन का कार्य करवाया है। स्वाधीनता आंदोलन के अछूते संदर्भों को इतिहास के पन्नों पर दर्ज करने की यह उत्तर प्रदेश सरकार की वृहद कार्ययोजना है।
इतिहास प्रकाशन से पूर्व ग्रंथों की महत्ता और प्रामाणिकता के संदर्भ में सम्यक परीक्षण हेतु संस्कृति विभाग ने विशेषज्ञों की 13 सदस्यीय राज्य स्तरीय समिति का गठन का किया है। इस समिति में देश के अनुभवी एवं ख्यातलब्ध रचनाधर्मियों को शामिल किया गया है।
समिति में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित एवं संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के वरिष्ठ अध्येता बाँकेगंज निवासी यदुनाथ सिंह मुरारी को सम्मिलित किया गया है। उन्हें लखीमपुर-खीरी, सीतापुर, शाहजहाँपुर, पीलीभीत एवं बरेली के स्वातंत्र्य-समर के लिपिबद्ध इतिहास के परीक्षण का दायित्त्व दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि श्री मुरारी ने स्वाधीनता संग्राम से जुड़े विविध संदर्भों पर वृहद लेखन किया है। लखीमपुर-खीरी के स्वातंत्र्य-संदर्भों पर उनकी 'देश-भक्त' पुस्तक राज्य संसाधन केंद्र द्वारा प्रकाशित व पुरस्कृत है। इसके अतिरिक्त उनकी दो दर्जन से भी अधिक पुस्तकें प्रकाशित व अन्यान्य पुस्तकें पुरस्कृत हो चुकी हैं।
इस राज्यस्तरीय समिति में श्री मुरारी के अतिरिक्त अरुण कुमार उपाध्याय (भुवनेश्वर, उड़ीसा), प्रो. राकेश पाण्डेय (वाराणसी), आचार्य चंद्रशेखर शास्त्री (मोदीनगर), प्रो. उमापति दीक्षित (आगरा), श्री पवन बख्शी (हिमाचल प्रदेश), डॉ. जितेन्द्र कुमार सिंह 'संजय' (सोनभद्र), श्री कुमार गुंजन अग्रवाल (नई दिल्ली), डॉ. बृजेश सिंह (बिलासपुर, म.प्र.), शिवेश प्रताप सिंह, (सन्तकबीर नगर), डॉ. प्रवीण कुमार द्विवेदी (प्रयागराज), डॉ. मधुसूदन उपाध्याय (लखनऊ) एवं यथार्थशेखर शास्त्री (हापुड़) को समिति में रखा गया है। स्वाधीनता आंदोलन संदर्भित इतिहास परीक्षण की राज्य स्तरीय समिति में श्री मुरारी को सम्मिलित किए जाने पर क्षेत्र के बुद्धिजीवियों ने हर्ष जताया है।