
जौनपुर के दीपक ने भारतीय संविधान को दिया पद्यात्मक रूप
जौनपुर के दीपक ने भारतीय संविधान को दिया पद्यात्मक रूप32 वर्षीय इस युवा ने 'भास नाम से अनूठी पुस्तक लिख डाली जो विश्व की अपनी तरह की पहली किताब होगी जिसमें किसी देश के संविधान का विवरण पद्यात्मक शैली में है।जौनपुर [दीपक उपाध्याय]। नाम -दीपक कुमार पांडेय, प्रयास-पूरे विश्व में जिले का नाम रोशन किया। गांव पांडेयपुर और ब्लाक सिकरारा। रुचि-साहित्य के जरिये देश के महात्म्य का वर्णन। जौनपुर के इस लाल ने भारतीय संविधान को पद्यात्मक रूप में परिवर्तित कर लिम्का बुक ऑफ वल्र्ड रिकाड्र्स में चार बार नाम दर्ज कराया और इसके अलावा तीन अन्य विश्व रिकार्ड अपने नाम कर लिए।32 वर्षीय इस युवा ने 'भास नाम से अनूठी पुस्तक लिख डाली जो विश्व की अपनी तरह की पहली किताब होगी जिसमें किसी देश के संविधान का विवरण पद्यात्मक शैली में है। इसके लिए उन्हें चार अवार्ड मिले हैं। इस खास पुस्तक की प्रशंसा उच्च न्यायालय इलाहाबाद के पूर्व न्यायाधीश श्रीनाथ सहाय भी कर चुके हैं। इसे लिम्का बुक ऑफ रिकाड्र्स के अलावा वल्र्ड रिकार्ड इंडिया, यूनिक वल्र्ड रिकार्ड, एशिया बुक ऑफ रिकार्ड आदि में स्थान मिल चुका है।पद्यात्मक शैली में लिखी दीपक की दूसरी पुस्तक 'भारत गणराज्य पद्यावली ने भी चार अवार्ड हासिल किए। यह अनोखी किताब भी देश के बारे में विस्तार से बताती है। इसमें भारत के 675 जिलों, 28 राज्यों व सात केंद्र शासित प्रदेशों का वर्णन छंद मुक्त महाकाव्य के रूप में किया गया है। सभी जिलों के उद्योगों, लोक संस्कृति, फसलों, प्रशासन मुख्यालय, राजनीतिक संरचना, प्रतीकों, राष्ट्रीय प्रतीक, भौगोलिक स्थिति, मंदिरों,धार्मिक स्थलों, पहाड़ों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों, मेलों, लोकनृत्य, पर्यटन स्थल, खानपान, जंगलों, अभयारण्य, राष्ट्रीय राज्य पार्कों, पुराने खंडहर आदि सभी का वर्णन पद्यात्मक शैली में किया गया है। इस पुस्तक का नाम भी यूनिक वल्र्ड रिकार्ड, इंडिया बुक आफ रिकार्ड में दर्ज है।'प्रणाम महात्मा नाम की तीसरी पुस्तक के लिए भी उन्हें तीन अवार्ड मिले। यह गांधी के संपूर्ण जीवन व उनके विचारों के बारे में छंद मुक्त काव्य के रूप में पेश किया गया है। मध्य प्रदेश के ङ्क्षसगरौली स्थित भेल में सहायक अभियंता रह चुके दीपक फिलहाल रायबरेली में कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि उनकी रुचि बचपन से ही काव्य रचना में थी। नौकरी में आने के बाद कुछ अलग करने की सोची और साहित्य को पद्यात्मक रूप देने का कार्य शुरू कर दिया। क्या है खास - लगातार तीन साल लिम्का बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में पंजीकृत होने वाले पहले आदमी।- किताब लिखकर 11 विश्व रिकार्ड बनाने वाले भारत के पहले शख्स। - साहित्य के क्षेत्र में इतने रिकार्ड बनाने वाले भारत के पहले सरकारी अधिकारी हैं।- विषय का चयन भारत की अखंडता व संप्रभुता। किताब 2013 में प्रकाशित भारत के संविधान का विवरण पद्यात्मक शैली में भास पुस्तक में किया है। यह 2013 में प्रकाशित है। भारत गणराज्य -पद्यावली पुस्तक वर्ष 2014, प्रणाम महात्मा पुस्तक वर्ष 2015 में प्रकाशित है। भास की कुछ पंक्तियां अनुच्छेद 17 : ये अनूठा अनुच्छेद करे आवाम में अस्पृश्यता का अंत।छुआछूत का निराकरण हो जाता, खुशियां फैले अत्यंत।अनुच्छेद 44 : भारत के संपूर्ण क्षेत्र में बताएं नागरिकों हेतु एक समान सिविल संहिता।सभी नागरिक सम्माननीय हैं जैसे कुरान बाइबिल आदि ग्रंथ और गीता।।अनुच्छेद 52 : एक राष्ट्रपति होगा भारत का ये अनुच्छेद बतलाए। भारत गणराज्य का जो प्रथम नागरिक कहलाए। By Ashish Mishra Let's block ads! (Why?)