कुशीनगर जिले के गन्ना किसानों को 68 दिन के अनवरत धरना प्रदर्शन और आश्वासन के उपरांत भी कप्तानगंज चीनी मिल से पेराई सत्र 2021-22 का लगभग 42 करोड़ रुपये बकाया का भुगतान नहीं कराना किसानों के साथ सरकारी धोखा और अन्याय है: रामचन्द्र सिंह, जिलाध्यक्ष, भा कि यू (आ)
भा. कि. यू. (आ.) के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह ने उपजिलाधिकारी कप्तानगंज (कुशीनगर)- रत्निका श्रीवास्तव को मुख्यमंत्री योगी को सम्बोधित 3 सूत्रीय ज्ञापन सौंप कर "कप्तानगंज चीनी मिल पर किसानों के गन्ने का भुगतान कराने (पेराई सत्र 2021-22 का लगभग 42 करोड़ रुपये बकाया) व अन्य दोनों मांगों को अविलम्ब पूरा कराने की मांग की.
लखनऊ / कप्तानगंज (कुशीनगर): भारतीय किसान यूनियन की जिला इकाई, कुशीनगर के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह अपने कार्यकर्ताओं के साथ आज दिनाँक 11 नबम्बर 2022 को रत्निका श्रीवास्तव, उपजिलाधिकारी महोदया, कप्तानगंज को (सूबे के मुख्यमन्त्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी को सम्बोधित) तीन सूत्रीय तीन सूत्रीय माँग-पत्र / ज्ञापन सौपते हुए बताया कि, जनपद कुशीनगर की कप्तानगंज चीनी मिल पर किसानों के गन्ने का भुगतान पेराई सत्र 2021-22 का लगभग 42 करोड़ रुपये बकाया है जिसके वजह से इस क्षेत्र के किसानों को उनके निजी जीवनयापन करना लोहे के चना चबाने जैसा हो गया है।
जिलाध्यक्ष ने उपजिलाधिकारी को बताया कि, कुछ किसानों का परिवार गन्ना भुगतान नही होने के वजह से भुखमरी के कगार पर खड़ा हो गया है। कप्तानगंज चीनी मिल के भुगतान को लेकर हमारे नेतृत्व में किसानों ने लगातार 68 दिन अनवरत धरना-प्रदर्शन भी किया परन्तु धरने और आश्वासनों के उपरांत भी अभी तक किसानों के गन्ने का सम्पूर्ण भुगतान नही हुआ जो इस क्षेत्र के किसानों के साथ अन्याय के साथ-साथ सरकारी धोखा भी है।
रामचंद्र सिंह ने उपजिलाधिकारी को बताया कि, उत्तर प्रदेश सरकार लगातार दावा कर रही है कि, चीनी मिल प्रबंधन द्वारा 14 दिन में भुगतान किसानों के खाते में पहुँच जायेगा और यदि कोई मिल 14 दिन में गन्ना भुगतान करने में असफल होता है तो किसानों के गन्ने का भुगतान ब्याज के साथ करना पड़ेगा। परन्तु कप्तानगंज चीनी मिल प्रबन्धन द्वारा किसानों के गन्ने का पूर्ण भुगतान नहीं करने के साथ-साथ बदनीयती से चीनी-मिल में कार्यरत कर्मचारियों (स्थाई और सिजनल) दोनों को बिना नोटिस जारी किए नौकरी से निकाल दिया, जिसके वजह से गन्ना-किसानों के साथ-साथ मिल के कर्मचारियों के परिवार की जिविका चलाने तथा उनके रोजमर्रा की जरूरत को पुरा करने में भी उन कर्मचारियों को काफी मुसीबतों और भूखमरी का सामना करना पड़ रहा है। पेराई सत्र 2022-23 शुरू होने जा रहा है मगर अभी तक कप्तानगंज चीनी मिल को चलवाने की प्रक्रिया प्रारब्ध नहीं कराये गयी और न ही इस पेराई सत्र का राज्य सरकार द्वारा किसानों के गन्ने का समर्थन मूल्य तय कर घोषित किया गया।
भारतीय किसान यूनियन (अम्बावता) की जिला इकाई, कुशीनगर के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह ने मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी से माँग की है कि, कप्तागंज चीनी मिल पर किसानों के गन्ने का भुगतान जो लगभग 42 करोड़ बकाया है उसे यथाशीघ्र किसानों के खाते में भेजवाने का कार्य करें और साथ ही साथ कप्तानगंज चीनी मिल को पेराई सत्र 2022-23 में चलवाने का ब्यवस्था सुनिश्चित करावे जो किसान हित और मिल के कर्मचारियों के हित में संजीवनी का कार्य करेगा। पेराई सत्र 2022-23 का राज्य सरकार किसानों के गन्ने का समर्थन मूल्य तय करें। यदि किसानों के माँगों के ऊपर सरकार अबिलम्ब कार्यवाही नही करती है तो मजबूर होकर किसान सड़क पर आने के लिये विवश होगें जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।