ऑडिट में खुलासाः कानपुर में 64 करोड़ डकार गये प्रधान और पंचायत सचिव
ऑडिट में खुलासाः कानपुर में 64 करोड़ डकार गये प्रधान और पंचायत सचिवघाटमपुर, पतारा, चौबेपुर, शिवराजपुर, बिधनू और भीतरगांव ब्लाक के 200 से अधिक गांवों में 64,65,01, 967 रुपये घोटाले की भेंट चढ़ गए।कानपुर (जेएनएन)। राज्य वित्त आयोग से मिली धनराशि में बड़ा घोटाला सामने आया है। घाटमपुर, पतारा, चौबेपुर, शिवराजपुर, बिधनू और भीतरगांव ब्लाक के 200 से अधिक गांवों में 64,65,01, 967 रुपये घोटाले की भेंट चढ़ गए। यह खुलासा सहकारी समितियां एवं पंचायतें विभाग के ऑडिटरों ने किया। ऑडिट के दौरान प्रधान और पंचायत सचिव कोई हिसाब नहीं दे सके। मांगने के बाद भी उन्होंने बिल, बाउचर और कैशमेमो नहीं दिया। अब डीपीआरओ को रिपोर्ट भेजी गई है और उनसे 60 दिन में जवाब उपलब्ध कराने को कहा गया है।गांवों के विकास को आने वाले धन में खूब बंदरबांट होती है। वजह, जिला पंचायत राज अधिकारी, खंड विकास अधिकारी व अन्य अफसरों की अनदेखी है। इसका फायदा उठाते हुए प्रधान, ग्राम पंचायत अधिकारी एवं ग्राम्य विकास अधिकारी (सचिव) घोटाले कर रहे हैं। ऑडिटरों ने अलग-अलग वित्तीय वर्ष में हुए कार्यों का ऑडिट किया। पत्रावलियों में तो खूब विकास हुआ, लेकिन विकास कार्य के लिए ईंट व अन्य सामग्री कहां से खरीदी गई इसका कोई लेखाजोखा नहीं है। ऑडिटरों ने बैंकों से प्रधानों के खाते का विवरण लिया तो पता चला कि किसने कब और कितनी धनराशि खर्च की।ज्येष्ठ लेखा परीक्षा अधिकारी सुनील कुमार ने भीतरगांव ब्लाक के धमना बुजुर्ग, सूलपुर, हसपुर, भीतरगांव, गूंजा, बैजूपुर, बरीगांव, बेहटा गंभीरपुर समेत 56 गांवों का ऑडिट किया है। वहीं, सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी प्रमोद कुमार ने पतारा ब्लाक के छाजा, हथेई, भदेवना, बम्बुराहा, सहलुरती, गिरसी समेत 24 गांवों का ऑडिट किया। इसी तरह घाटमपुर, चौबेपुर, शिवराजपुर, बिधनू आदि ब्लाकों के 200 से अधिक गांवों में हुए कार्यों का ऑडिट किया गया। पतारा में वित्तीय वर्ष 2004-05 से 2013-14 के बीच हुए कार्यों का ऑडिट हुआ। इसी तरह अन्य गांवों में भी अलग-अलग वित्तीय वर्ष के कार्यों का ऑडिट किया गया।क्या कहते हैं अधिकारी''अगर अनियमितता है तो जो भी दोषी हैं उन पर कार्रवाई होगी। डीपीआरओ से रिपोर्ट मंगाकर देखेंगे।- अरुण कुमार, सीडीओ''ऑडिट में गबन पकड़ा गया है। डीपीआरओ को रिपोर्ट भेजी गई है। 64 करोड़ रुपये से अधिक का गबन है।- शिवपाल हंस, प्रभारी सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी By Ashish Mishra Let's block ads! (Why?)