प्रधानमंत्री 16 अक्टूबर को 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयां (डीबीयू) राष्ट्र को समर्पित करेंगे: प्रधानमंत्री कार्यालय
डीबीयू देश में वित्तीय समावेशन को और ज्यादा व्यापक बनाएंगी.
डीबीयू डिजिटल वित्तीय साक्षरता का प्रसार करेंगी; ग्राहकों को साइबर सुरक्षा जागरूकता और सुरक्षा उपायों के बारे में शिक्षित करेंगी.
डीबीयू साल भर बैंकिंग उत्पादों और सेवाओं का बेहतर डिजिटल अनुभव प्रदान करेंगी.
नई दिल्ली (PIB): प्रधानमंत्री कार्यालय ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि, वित्तीय समावेशन को और ज्यादा व्यापक बनाने के एक अन्य उपाय के रूप में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 16 अक्टूबर को सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयां (डीबीयू) राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इस मौके पर वह अपने उद्गार भी प्रकट करेंगे।
वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट भाषण के अंतर्गत वित्त मंत्री ने देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में देश के 75 जिलों में 75 डीबीयू की स्थापना किए जाने की घोषणा की थी। डीबीयू की स्थापना डिजिटल बैंकिंग का लाभ देश के कोने-कोने तक पहुंचाने के उद्देश्य से की जा रही है और इनके अंतर्गत सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कवर किया जाएगा। सार्वजनिक क्षेत्र के 11बैंक, 12निजी-बैंक और एक लघु वित्त बैंक इस प्रयास में भाग ले रहे हैं।
ये डीबीयू ब्रिक एंड मोर्टार आउटलेट्स से संचालित की जाएंगी, जहां लोगों को बचत खाता खोलने, बैलेंस-चेक करने, पासबुक प्रिंट करने, राशि अंतरित करने, फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करने, ऋण के लिए आवेदन करने, जारी किए गए चेक के लिए स्टॉप-पेमेंट निर्देश देने, क्रेडिट/डेबिट कार्ड के लिए आवेदन करने, खाते का विवरण देखने, करों का भुगतान करने, बिलों का भुगतान करने, नामांकन करने, आदि जैसी विभिन्न डिजिटल बैंकिंग सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
डीबीयू ग्राहकों को साल भर बैंकिंग उत्पादों और सेवाओं तक किफायती, सुविधाजनक पहुंच और बेहतर डिजिटल अनुभव प्रदान करने में सक्षम बनाएगी। वे डिजिटल वित्तीय साक्षरता का प्रसार करेंगी तथा ग्राहकों को साइबर सुरक्षा जागरूकता और सुरक्षा उपायों के बारे में शिक्षित करने पर विशेष जोर दिया जाएगा। इसके अलावा डीबीयू द्वारा प्रत्यक्ष रूप से या उसके बिजनेस फैसिलिटेटर्स/कॉरस्पोंडेंट्स के माध्यम से प्रस्तुत किए जा रहे व्यवसाय और सेवाओं से संबंधित ग्राहकों की शिकायतों का निवारण करने और उनको रीयलटाइम सहायता उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त डिजिटल व्यवस्थाएं होंगी।
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