डीएफएस ने नागरिक उड्डयन क्षेत्र को उनकी वर्तमान नकदी प्रवाह की समस्याओं से निपटने के लिए उचित ब्याज दरों पर आवश्यक गिरवी-मुक्त नकदी देने के लिए आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) को संशोधित किया।
नई दिल्ली (PIB): वित्त मंत्रालय ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि, यह मानते हुए कि देश के आर्थिक विकास के लिए एक कुशल और मजबूत नागरिक उड्डयन क्षेत्र महत्वपूर्ण है, वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस), वित्त मंत्रालय ने ईसीएलजीएस 3.0 के तहत अधिकतम ऋण राशि बढ़ाने के लिए कल आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) को संशोधित करके संदर्भ तिथियों के अनुसार एयरलाइन कंपनियों की पात्रता उनकी निधि-आधारित या गैर-निधि-आधारित ऋण का 100 प्रतिशत या 1,500 करोड़ रुपये, जो भी कम हो, का प्रावधान किया है और उपरोक्त में मालिकों द्वारा इक्विटी योगदान के आधार पर 500 करोड़ रुपये पर विचार किया जाएगा।
30.8.2022 को जारी ईसीएलजीएस के परिचालन दिशा-निर्देशों के तहत निर्धारित अन्य सभी मानदंड, नियम और शर्तें लागू होंगी।
पेश किए गए संशोधनों का उद्देश्य, एयरलाइन कंपनियों को वर्तमान नकदी प्रवाह की समस्याओं से निपटने के लिए उचित ब्याज दरों पर आवश्यक गिरवी-मुक्त नकदी की सुविधा देना है।
इससे पहले मार्च 2022 में, केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा केंद्रीय बजट 2022-23 में की गई घोषणा को लागू करने के लिए, आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) को मार्च 2022 से बढ़ाकर मार्च 2023 कर दिया गया था। नागरिक उड्डयन क्षेत्र के समग्र ऋण में गैर-निधि आधारित ऋण के उच्च अनुपात को ध्यान में रखते हुए, उधार लेने वाली पात्र कंपनियों को अपने उच्चतम कुल निधि और गैर-निधि आधारित बकाया ऋण का 50 प्रतिशत तक लाभ उठाने की अनुमति दी गई थी, जो प्रति उधारकर्ता 400 करोड़ रुपये की अधिकतम धनराशि के अधीन थी।