मनप्रीत ने लगाया डोपिंग का चौका, छिन सकते हैं जीते हुए सारे पदक
मनप्रीत ने लगाया डोपिंग का चौका, छिन सकते हैं जीते हुए सारे पदकआइएएएफ ने नाडा से कहा है कि वह भी इस सुनवाई पर नजर रखेंगे।नई दिल्ली, जेएनएन। चीन में हुई एशियन ग्रां प्रि और पटियाला में हुए फेडरेशन कप में डोप टेस्ट में फेल होने वाली भारतीय गोला फेंक महिला एथलीट मनप्रीत कौर अब और परेशानी में फंस गईं हैं। भुवनेश्वर में हुई एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप और गुंटुर में हुई अंतरराज्यीय मीट के दौरान लिए गए उनके डोप टेस्ट के नमूने भी फेल हो गए हैं।मनप्रीत ने इस साल कुछ बेहतरीन प्रदर्शन किए थे, लेकिन उनके नमूने में फिर शक्तिवर्धक डाइमेथिलबुटिलेमाइन पाया गया है। यही शक्तिवर्धक एशियन ग्रां प्रि और फेडरेशन कप के दौरान लिए गए उनके नमूने में भी पाया गया था। यही कारण है कि अंबाला की यह एथलीट लंदन में होने वाली विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाग नहीं ले पाई थीं और उन्हें प्राथमिक तौर पर निलंबित कर दिया गया है। राष्ट्रीय डोपिंग रोधक एजेंसी (नाडा) जल्द ही उनके खिलाफ सुनवाई के लिए अनुशासनात्मक समिति गठित करेगी। खास बात यह है कि अब उनके एशियन ग्रां प्रि फेडरेशन कप, एशियन चैंपियनशिप और राज्य चैंपियनशिप में जीते गए स्वर्ण पदक छिन सकते हैं। इसमें एशियन ग्रां प्रि का पदक बेहद महत्वपूर्ण है।चीन में विश्व डोपिंग रोधक एजेंसी (वाडा) ने उनका जो नमूना लिया था उसमें मेटनेलॉन स्टेरॉयड पाया गया था और उन्होंने यह बात नाडा को बताई है। डाइमेथिलबुटिलेमाइन वाडा की प्रतिबंधित पदार्थो की सूची में निर्दिष्ट (स्पेसिफाइड) श्रेणी में आता है लेकिन स्टेरॉयड अनिर्दिष्ट (अनस्पेसिफाइड) श्रेणी में आता है।अब कौर के लिए नाडा के पैनल को यह समझाना आसान नहीं होगा कि स्टेरॉयड उनके शरीर के अंदर कैसे पहुंचा। मनप्रीत के लिए एक खराब खबर यह भी है कि अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स महासंघ (आइएएएफ) भी इस मामले की प्रक्रिया में शामिल हो गई है।आइएएएफ ने नाडा से कहा है कि वह भी इस सुनवाई पर नजर रखेंगे। आइएएएफ का एक सदस्य भी नाडा पैनल का हिस्सा हो सकता है। एशियन ग्रां प्रि और एशियन चैंपियनशिप जैसी दो अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं के डोप टेस्ट में फेल होने के बाद आइएएएफ का इस मामले में पड़ना स्वाभाविक है। हालांकि नाडा इन चारों डोप टेस्ट फेल होने को एक अपराध की ही तरह लेगा। इसके लिए अलग-अलग चार केस नहीं होंगे। इससे मनप्रीत आजीवन प्रतिबंध से बच सकती हैं, लेकिन उन पर चार साल का प्रतिबंध लग सकता है।क्रिकेट की खबरों के लिए यहां क्लिक करेंअन्य खेलों की खबरों के लिए यहां क्लिक करेंBy Bharat Singh Let's block ads! (Why?)