प्रधानमंत्री 17 सितंबर को राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति का शुभारंभ करेंगे: प्रधानमंत्री कार्यालय
अंतर क्षेत्रीय और बहु-क्षेत्राधिकार फ्रेमवर्क को निर्धारित करके लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने की नीति.
समग्र योजना निर्माण और कार्यान्वयन के लिए सभी हितधारकों को एक साथ लाकर दक्षता और तालमेल हासिल करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप.
कारोबार में आसानी और जीवन यापन में आसानी, दोनों को बढ़ावा देने के लिए नीति.
यह नीति पीएम गतिशक्ति के लिए पूरक सिद्ध होगी.
नई दिल्ली (PIB): प्रधानमंत्री कार्यालय ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 17 सितंबर, 2022 को शाम 5:30 बजे विज्ञान भवन, नई दिल्ली में राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (एनएलपी) का शुभारंभ करेंगे।
राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति की आवश्यकता महसूस की गई, क्योंकि भारत में अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में लॉजिस्टिक्स की लागत अधिक है। घरेलू और निर्यात; दोनों ही बाजारों में भारतीय वस्तुओं की प्रतिस्पर्धा में सुधार के लिए भारत में लॉजिस्टिक्स लागत को कम करना अनिवार्य है। लॉजिस्टिक्स की कम लागत अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में दक्षता में सुधार करती है एवं मूल्यवर्धन और उद्यम को प्रोत्साहित करती है।
2014 के बाद से, सरकार ने कारोबार में आसानी और जीवन यापन में आसानी, दोनों को बेहतर बनाने पर काफी जोर दिया है।
राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति, संपूर्ण लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम के विकास के लिए एक व्यापक अंतर-क्षेत्रीय और बहु-क्षेत्राधिकार फ्रेमवर्क को निर्धारित करके उच्च लागत और दक्षता में कमी से जुड़े मुद्दों का हल निकालने का व्यापक प्रयास है, जो इस दिशा में उठाया जाने वाला एक और कदम है। यह नीति, भारतीय वस्तुओं की प्रतिस्पर्धा में सुधार, आर्थिक विकास को बढ़ाने और रोजगार के अवसरों में वृद्धि करने का एक प्रयास है।
प्रधानमंत्री का विज़न है, समग्र योजना निर्माण और कार्यान्वयन में सभी हितधारकों के एकीकरण के माध्यम से विश्व स्तरीय आधुनिक अवसंरचना का विकास करना, ताकि परियोजना के निष्पादन में दक्षता और तालमेल हासिल किया जा सके। पिछले साल प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गयी पीएम गतिशक्ति – बहु-प्रणाली कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान – इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम थी। राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति के शुभारंभ के साथ पीएम गतिशक्ति को और बढ़ावा तथा पूरक समर्थन प्राप्त होगा।
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