आयुष मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए
नई-दिल्ली(PIB): आयुष ग्रिड परियोजना के तहत आयुष क्षेत्र के डिजिटलीकरण के लिए आयुष मंत्रालय को 3 साल की अवधि के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए आयुष मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के बीच आज एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। यह एमओयू दरअसल पिछले एमओयू की ही निरंतरता को दर्शाता है, जिस पर वर्ष 2019 में हस्ताक्षर किए गए थे। वैद्य राजेश कोटेचा, सचिव, आयुष और श्री अलकेश कुमार शर्मा, सचिव, एमईआईटीवाई ने इन दोनों ही मंत्रालयों की ओर से इस सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए। यह निर्णय लिया गया कि ये दोनों ही मंत्रालय आपसी सहयोग से काम करना जारी रखेंगे और एमईआईटीवाई के साथ-साथ एमईआईटीवाई के अधीनस्थ संगठन भी आयुष ग्रिड परियोजना के लिए आवश्यक सभी तकनीकी सहायता प्रदान करेंगे जिसमें उभरती प्रौद्योगिकियों को अपनाना भी शामिल है।
आयुष मंत्रालय ने उस डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के एक अहम हिस्से के रूप में 'आयुष ग्रिड' परियोजना की परिकल्पना की है जिसके तहत परिचालन दक्षता में व्यापक बदलाव लाने, सेवाएं मुहैया कराने में बेहतरी सुनिश्चित करने और सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए 'सूचना एवं प्रौद्योगिकी' का लाभ उठाया जाता है। आयुष ग्रिड प्लेटफॉर्म को आईटी बैकबोन बनाने की परिकल्पना की गई है; जिसके तहत स्वास्थ्य देखभाल की आयुष प्रणालियों से संबंधित सभी हितधारकों और कार्यों/सेवाओं का एकीकरण किया जाएगा। उपयोगकर्ताओं के नजरिए से आयुष ग्रिड ही प्रस्तावित केंद्रीय आईटी प्लेटफॉर्म है जो आयुष के तहत चिकित्सा की सभी प्रणालियों जैसे कि आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, सोवा रिग्पा और होम्योपैथी के समस्त कार्यात्मक क्षेत्रों जैसे कि स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने, शिक्षा, अनुसंधान, क्षमता निर्माण, दवा लाइसेंसिंग और मीडिया आउटरीच के साथ मानकीकरण के लिए अनगिनत आईटी सेवाएं प्रदान करता है।
पहले हस्ताक्षरित एमओयू के अनुसार, एमईआईटीवाई के अधीनस्थ संगठनों जैसे कि एनईजीडी ने आयुष संजीवनी मोबाइल एप्लिकेशन के विकास, मॉनिटरिंग डैशबोर्ड, आयुष जीआईएस के विकास के लिए बीआईएसएजी-एन, आयुष शिक्षा संबंधी मॉड्यूल, आयुष सूचना हब के विकास के लिए डीआईसी, मंत्रालय की वेबसाइट, आयुसॉफ्ट, आयुष डॉक्टरों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए सी-डैक के विकास के लिए आवश्यक सहयोग दिया। यहां पर यह उल्लेख करना बिल्कुल उचित है कि एनईजीडी और बीआईएसएजी-एन ने तकनीकी समाधानों के डिजाइन और परियोजना की डीपीआर जैसे विभिन्न तकनीकी दस्तावेजों को अंतिम रूप देने में बहुमूल्य जानकारियां प्रदान कीं।
आयुष ग्रिड परियोजना पर परामर्श संबंधी आवश्यक जानकारियां प्रदान करने के लिए आयुष सचिव की अध्यक्षता में और एमईआईटीवाई के सचिव की सह-अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय सलाहकार समिति (एचएलएसी) का गठन किया गया था। श्री जे. सत्यनारायण (पूर्व सचिव, एमईआईटीवाई और अध्यक्ष, यूआईडीएआई) की अध्यक्षता में नीति आयोग, एनएचए, एमईआईटीवाई, इत्यादि के अन्य विशेषज्ञों के साथ मिलाकर एक कार्य समूह का गठन किया गया था। इसका गठन सही स्वरूप प्रदान करने, प्रमुख बिल्डिंग ब्लॉक्स की पहचान करने, एबीडीएम के तहत विकास से लाभ उठाने, आयुष ग्रिड परियोजना के लिए सार्वजनिक निजी परिवेश के निर्माण की आवश्यकता और विभिन्न तकनीकी एवं रणनीति मामलों को समझने पर विशेषज्ञ जानकारियां प्रदान करने के लिए किया गया था। इससे मंत्रालय को इस परियोजना के तकनीकी निर्माण को सही स्वरूप देने में मदद मिली।
आज हस्ताक्षरित सहमति पत्र आयुष मंत्रालय की आयुष ग्रिड परियोजना में एमईआईटीवाई से आवश्यक तकनीकी सहायता प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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