'ग्रैंड अनियन चैलेंज' युवा व्यवसायियों के लिए शुरू किया गया: उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय
उपभोक्ता कार्य विभाग सचिव ने प्याज की कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करने के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों, पेशेवरों और अनुसंधान संगठनों से "ग्रैंड अनियन चैलेंज" में भाग लेने का आग्रह किया.
नई-दिल्ली(PIB): उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि, उपभोक्ता कार्य विभाग ने आज शैक्षिक संस्थानों के प्रमुखों, कुलपतियों, प्रोफेसरों, प्रख्यात संस्थानों के डीन, वरिष्ठ शिक्षाविदों, स्टार्टअप्स के अधिकारियों, भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिकों, परमाणु ऊर्जा विभाग, शिक्षा मंत्रालय, उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापारिक विभाग के अधिकारियों तथा कृषि, बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में काम करने वाले पेशेवरों के साथ "ग्रैंड अनियन चैलेंज" के संबंध में एक वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित की।
यह चैलेंज युवा व्यवसायियों, प्रोफेसरों, उत्पाद तैयार करने में वैज्ञानिकों की भूमिका व कटाई से पूर्व की तकनीकों, प्राथमिक प्रसंस्करण, भंडारण और देश में प्याज फसल की कटाई के बाद के कार्यों में प्रोटोटाइप की आवश्यकता तथा प्याज के परिवहन में सुधार के लिए नए विचारों की तलाश करता है। इस चैलेंज में निर्जलीकरण, प्याज के मूल्य निर्धारण और प्याज खाद्य प्रसंस्करण डोमेन में प्रौद्योगिकी के आधुनिकीकरण के लिए नवीन विचारों की भी खोज की जाएगी।
उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा शुरू किया गया "ग्रैंड अनियन चैलेंज" दिनांक 20.7.2022 से लेकर 15.10.2022 की अवधि तक चलेगा, जिसमें देश के सर्वश्रेष्ठ विचारकों से उपरोक्त सभी क्षेत्रों में उनके सुझाव मांगे गए हैं। इस चैलेंज के बारे में अधिक जानकारी विभाग की वेबसाइट doca.gov.in/goi पर उपलब्ध है।
ग्रैंड अनियन चैलेंज के रजिस्ट्रेशन वेबपेज पर अब तक 122 पंजीकरण प्राप्त हो चुके हैं और कुछ प्रतिभागियों ने अपने विचार भी प्रस्तुत किए हैं। विभाग चार कार्यक्षेत्रों में 40 उत्कृष्ट सुझावों का चयन करेगा, जिसमें सुधार एवं प्रौद्योगिकी नवाचारों की मांग की गई है और इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए देश में संबंधित विभागों तथा संगठनों से विचार प्रस्तुत करने का आग्रह किया गया है। इसके माध्यम से कटाई से पूर्व, प्राथमिक प्रसंस्करण और भंडारण में होने वाले नुकसान को कम करने में लागत प्रभावी समाधान की तलाश पूरी होगी। इससे प्याज के परिवहन को और सरल बनाया जा सकता है तथा इस प्रक्रिया में आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान उपभोक्ता मामले विभाग में सहायक सचिव आईएएस श्री योगेश पाटिल ने प्याज के भंडारण, प्रसंस्करण एवं परिवहन में देश के सामने आने वाली वर्तमान चुनौतियों पर एक संक्षिप्त प्रस्तुति दी। यह उम्मीद की जाती है कि चैलेंज पूरा होने के बाद नवीन विचारों के क्रियान्वित करने से प्याज के भंडारण में होने वाले नुकसान को 5-10% तक कम किया जा सकता है।
शिक्षा मंत्रालय में इनोवेशन सेल के मुख्य नवाचार अधिकारी डॉ अभय जेरे ने चैलेंज में भाग लेने के तीन चरणों के बारे में विस्तार से बताया और सभी से इस चुनौती में शिद्दत से भाग लेने का आग्रह किया।
भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र में परमाणु ऊर्जा विभाग वैज्ञानिक डॉ. एस गौतम ने किए गए अध्ययनों के आधार पर इकठ्ठा किये गए प्याज के शेल्फ जीवन को बढ़ाने में विकिरण के प्रभाव को समझाया, जिससे नुकसान को कम से कम करने में प्रौद्योगिकी की उपयोगिता भी बताई गई।
विभिन्न संगठनों/विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों तथा प्रोफेसरों ने प्याज के भंडारण एवं परिवहन के दौरान होने वाले नुकसान को न्यूनतम करने के लिए कई अनोखे विचार प्रस्तुत किए।
वीडियो कॉन्फ्रेंस में देश भर से विभिन्न संस्थानों, विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संगठनों और निजी क्षेत्र के स्टार्टअप के 282 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
उपभोक्ता कार्य विभाग के सचिव श्री रोहित कुमार सिंह ने सभी से चुनौती में भाग लेने का आग्रह किया ताकि किसानों के लिए कम लागत और आसानी से दोहराए जाने वाले प्रौद्योगिकी समाधान विकसित हो सकें और देश में किसानों द्वारा स्थायी रूप से उपयोग किए जा सकें।
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