केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने अपनी दो दिन की पश्चिम बंगाल यात्रा के पहले दिन आज भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुंदरबन के दुर्गम क्षेत्र की सुरक्षा के लिए बनवाई गयी नर्मदा, सतलुज व कावेरी फ्लोटिंग सीमा चौकियों (BOP) का उद्घाटन किया
अमित शाह ने फ्लोटिंग बोट एम्बुलेंस को फ्लेग ऑफ किया, मैत्री संग्राहलय की आधारशिला रखी और भारत बांग्लादेश सीमा के हरिदासपुर BOP पर ‘सीमा प्रहरी सम्मेलन’ को संबोधित किया
मैं जब भी केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के जवानों के बीच आता हूँ तो हमेशा एक नई ऊर्जा और चेतना लेकर जाता हूँ
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आज पूरा देश हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है और इसका सबसे महत्वपूर्ण कारण यह है कि हमारी सीमाएँ सुरक्षित हैं
मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार मूल लक्ष्य देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा को अभेद्य बनाना है
चाहे राजस्थान के रेगिस्तान हों, कच्छ का क्रीक हो या फिर पश्चिम बंगाल के सुंदरवन में मगरमच्छों के बीच घुसपैठ रोकना, आपका यह जज़्बा और जुनून पूरे देश को सुरक्षित रखता है
हम सब चैन की नींद इसलिए सो पाते हैं क्योंकि बॉर्डर पर खड़ा हमारा जवान 24 घंटे देश की सेवा कर रहा है, पूरे देश की जनता की ओर मैं सभी जवानों का आभार व्यक्त करना चाहता हूँ
बीएसएफ़ के जवानों के परिश्रम, त्याग, बलिदान और शोर्य के साथ ही उन्हें आधुनिक तकनीक से लैस करने की जरूरत है, बॉर्डर सुरक्षा के लिए हम उसे दुनिया भर की आधुनिक से आधुनिक तकनीक उपलब्ध करवा रहे हैं
इसी के तहत आज सतलुज, कावेरी और नर्मदा तीन फ्लोटिंग बीओपी को राष्ट्र को समर्पित की गई हैं, मोदी जी की आत्मनिर्भर भारत की कल्पना के अनुरूप कोच्चि शिपयार्ड ने इनका निर्माण किया है
एक बीओपी की लागत 38 करोड़ रुपये है और इसका वजन लगभग 53000 मेट्रिक टन है, यह फ्लोटिंग बीओपी सभी आधुनिक सुविधाओं और सुरक्षा उपकरणों से लैस है
सभी आधुनिक सुविधाओं और सुरक्षा उपकरणों से लैस इन BOP के अगले हिस्से को हमारे जवानों की सुरक्षा के लिए बुलेट प्रूफ बनाया गया है, साथ ही खाने पीने की भरपूर चीजों की व्यवस्था भी की गई है, यह बीओपी एक महीने तक पेट्रोल और डीजल लिए बगैर DG सेट के साथ तैरती रह सकती है
भारत ने हमेशा पूरे विश्व में मानव अधिकारों की सुरक्षा पर बल दिया है, 1970 के दशक में जब हमारे पड़ोसी देश में मानव अधिकारों का हनन हुआ और घोर अत्याचार किए गए
उस वक्त बीएसएफ और सेना दोनों ने मिलकर उस क्षेत्र में बड़ी वीरता के साथ मानव अधिकारों की रक्षा की
आज इस बात को 50 साल हो गए हैं और इस स्वर्ण जयंती वर्ष में इसकी एक चिरकालीन स्मृति बनाने के लिए यहां पर एक मैत्री संग्राहलय लगाने का निर्णय किया है
बीएसएफ़ की पोस्टिंग बहुत कठिन है, बॉर्डर क्षेत्र में काम करना सरल नहीं होता मगर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का हमेशा यह प्रयास रहता है कि बॉर्डर क्षेत्र में काम करने वाले हमारे जवान को कम से कम कठिनाई हो
इसीलिए आरोग्य, हाउसिंग सेटिस्फेक्शन रेशों और आप अपने परिवार के साथ ज्यादा बिता पाए इस प्रकार की कार्यप्रणाली की रचना गई है, साथ ही हम आपकी पोस्टिंग वाली जगहों पर सुविधाओं में बढ़ोतरी कर आपकी तकलीफों को कम करने का लक्ष्य लेकर भी चले हैं
यह प्रसन्नता की बात है कि बीएसएफ में अब महिलाओं की भी तैनाती होने लगी और वे गर्व से पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मां भारती की रक्षा कर रही है
महिलाओं के लिए अलग बैरक की रचना और उनकी सभी सुविधाओं का ख्याल रखने के लिए भारत सरकार ने एक पाँच वर्षीय कार्यक्रम बनाया है
आप अपने जीवन के जो स्वर्णिम वर्ष भारत माता की सेवा के लिए दे रहे हैं इसका कोई मोल तो नहीं हो सकता परंतु मैं विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि भारत सरकार आपके और आपके परिवार की सभी तकलीफों को दूर करने के लिए कोई कमी नहीं छोड़ेगी
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने अपनी दो दिन की पश्चिम बंगाल यात्रा के पहले दिन आज भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुंदरबन के दुर्गम क्षेत्र की सुरक्षा के लिए बनवाई गयी नर्मदा, सतलुज व कावेरी फ्लोटिंग सीमा चौकियों (BOP) का उद्घाटन किया। श्री अमित शाह ने फ्लोटिंग बोट एम्बुलेंस को फ्लेग ऑफ किया और मैत्री संग्राहलय की आधारशिला रखी। गृह मंत्री ने भारत-बांग्लादेश सीमा के हरिदासपुर BOP पर ‘सीमा प्रहरी सम्मेलन’ को संबोधित भी किया।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री श्री निशिथ प्रमाणिक और श्री शांतनु ठाकुर तथा सीमा सुरक्षा बल (BSF) के महानिदेशक समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
अपने सम्बोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि मैं जब भी केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के जवानों के बीच आता हूँ तो हमेशा एक नई ऊर्जा और चेतना लेकर जाता हूँ। चाहे राजस्थान के रेगिस्तान हों, कच्छ का क्रीक हो या फिर पश्चिम बंगाल के सुंदरवन में मगरमच्छों के बीच घुसपैठ रोकना, आपका यह जज़्बा और जुनून पूरे देश को सुरक्षित रखता है। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आज पूरा देश हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है और इसका सबसे महत्वपूर्ण कारण यह है कि हमारी सीमाएँ सुरक्षित हैं। श्री अमित शाह ने कहा कि मैं देशभर में जहां भी जाता हूँ वहाँ गर्व के साथ यह कहता हूँ कि हम सब चैन की नींद इसलिए सो पाते हैं क्योंकि बॉर्डर पर खड़ा हमारा बीएसएफ़ का जवान 24 घंटे देश की सेवा कर रहा है। इसलिए पूरे देश की जनता की ओर मैं सभी जवानों का आभार व्यक्त करना चाहता हूँ। भारत की सीमाओं के साथ छेड़खानी करने वालों का मुकाबला करते हुए हमारे अनेकानेक जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। इसी वीरता और समर्पण के कारण सीमा सुरक्षा बल को अब तक एक महावीर चक्र, 4 कीर्ति चक्र, 13 वीर चक्र और 13 शौर्य चक्र मिले हैं।
श्री अमित शाह ने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार मूल लक्ष्य देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा को अभेद्य बनाना है। उन्होने कहा कि बीएसएफ़ के जवानों के परिश्रम, त्याग, बलिदान और शोर्य के साथ ही उन्हें आधुनिक तकनीक से लैस करने की जरूरत है और बॉर्डर सुरक्षा के लिए हम उसे दुनिया भर की आधुनिक से आधुनिक तकनीक उपलब्ध करवा रहे हैं। इसी के तहत आज सतलुज, कावेरी और नर्मदा तीन फ्लोटिंग बीओपी को राष्ट्र को समर्पित की गई हैं। मोदी जी की आत्मनिर्भर भारत की कल्पना के अनुरूप कोच्चि शिपयार्ड ने इनका निर्माण किया है। एक बीओपी की लागत 38 करोड़ रुपये है और इसका वजन लगभग 53000 मेट्रिक टन है। सभी आधुनिक सुविधाओं और सुरक्षा उपकरणों से लैस इन BOP के अगले हिस्से को हमारे जवानों की सुरक्षा के लिए बुलेट प्रूफ बनाया गया है। साथ ही खाने पीने की भरपूर चीजों की व्यवस्था भी की गई है। यह बीओपी एक महीने तक पेट्रोल और डीजल लिए बगैर DG सेट के साथ तैरती रह सकती है। उन्होने कहा कि सुंदरवन बहुत संवेदनशील क्षेत्र है। एक बीओपी के साथ 6 छोटी बोट भी हैं और इसमें घुसपैठ और तस्करी दोनों को रोकने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है।
गृह मंत्री ने कहा कि आज यहां एक मैत्री संग्रहालय का भी शिलान्यास हुआ है। उन्होने कहा कि भारत ने हमेशा पूरे विश्व में मानव अधिकारों की सुरक्षा पर बल दिया है। 1970 के दशक में जब हमारे पड़ोसी देश में मानव अधिकारों का हनन हुआ और घोर अत्याचार किए गए। उस वक्त बीएसएफ और सेना दोनों ने मिलकर उस क्षेत्र में बड़ी वीरता के साथ मानव अधिकारों की रक्षा की।
आज इस बात को 50 साल हो गए हैं और इस स्वर्ण जयंती वर्ष में इसकी एक चिरकालीन स्मृति बनाने के लिए यहां पर एक मैत्री संग्राहलय लगाने का निर्णय किया है।
श्री अमित शाह ने कहा कि बीएसएफ़ की पोस्टिंग बहुत कठिन है, बॉर्डर क्षेत्र में काम करना सरल नहीं होता मगर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का हमेशा यह प्रयास रहता है कि बॉर्डर क्षेत्र में काम करने वाले हमारे जवान को कम से कम कठिनाई हो।
इसीलिए आरोग्य, हाउसिंग सेटिस्फेक्शन रेशों और आप अपने परिवार के साथ ज्यादा बिता पाए इस प्रकार की कार्यप्रणाली की रचना गई है। साथ ही हम आपकी पोस्टिंग वाली जगहों पर सुविधाओं में बढ़ोतरी कर आपकी तकलीफों को कम करने का लक्ष्य लेकर भी चले हैं।
गृह मंत्री ने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि बीएसएफ में अब महिलाओं की भी तैनाती होने लगी और वे गर्व से पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मां भारती की रक्षा कर रही है। महिलाओं के लिए अलग बैरक की रचना और उनकी सभी सुविधाओं का ख्याल रखने के लिए भारत सरकार ने एक पाँच वर्षीय कार्यक्रम बनाया है। गृह मंत्री ने कहा कि आप अपने जीवन के जो स्वर्णिम वर्ष भारत माता की सेवा के लिए दे रहे हैं इसका कोई मोल तो नहीं हो सकता परंतु मैं विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि भारत सरकार आपके और आपके परिवार की सभी तकलीफों को दूर करने के लिए कोई कमी नहीं छोड़ेगी