
रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के पक्ष में भारत
रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के पक्ष में भारतभारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इन दिनों रूस की यात्रा पर हैं। उन्होंने यहां भारत-रूस बिजनेस डायलॉग के तहत ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में हिस्सा लिया।मास्को, पीटीआई। भारत ने कहा है कि वह रूस के प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न सुदूर पूर्वी क्षेत्र के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करना चाहता है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस क्षेत्र में भारतीय निवेशकों को बेहतर मौका मुहैया कराने को लेकर रूसी सरकार से सहयोग की अपेक्षा की है।भारत की विदेश मंत्री इन दिनों रूस की यात्रा पर हैं। उन्होंने यहां भारत-रूस बिजनेस डायलॉग के तहत ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में हिस्सा लिया। इसमें उन्होंने दोनों देशों के द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को और तेज करने की वकालत की।सुषमा ने कहा, 'भारत ने रूस के तेल क्षेत्र में 5.5 अरब डॉलर (करीब 35,289 करोड़ रुपये) का निवेश किया है। भारत में रूस का सबसे बड़ा 12.9 अरब डॉलर (82,769 करोड़ रुपये) का निवेश भी तेल क्षेत्र में ही है। अगस्त में रॉसनेफ्ट और एस्सार के बीच हुआ करार भारत में सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भी है। राजनीतिक तौर पर भी भारत और रूस के बेहतरीन संबंध रहे हैं। दोनों देश पिछले सात दशकों से एक-दूसरे के साझीदार हैं और इसका हर क्षेत्र में विस्तार हुआ है।'भारतीय विदेश मंत्री ने कहा, 'मैं इसे (द्विपक्षीय वार्ता) भारत और सुदूर-पूर्व क्षेत्र के साथ भारत के बढ़ते आर्थिक संबंध के तौर पर देखती हूं। मुझे पूरा विश्वास है कि रूसी सरकार इस क्षेत्र में भारतीय निवेशकों का सहयोग करेगी।यह भी पढ़ें: म्यांमार में बोले पीएम मोदी, मुझे ऐसा लग रहा है जैसे अपने घर में हूंBy Pratibha Kumari Let's block ads! (Why?)