उत्तर प्रदेश की सत्ता आर्थिक आतंकियों के नियंत्रण में: सच्चिदानन्द श्रीवास्तव
लखीमपुर नरसंहार- मंत्री के बेटे के हथियार से चली थीं गोलियाँ: एफ़एसएल रिपोर्ट
लखनऊ: लखिमपुर नरसंहार मामले में देश के सर्वोच्च न्यायलय की सख्त टिप्पड़ी व फैसले पर तथा 'द नेशन' पर ''योगी पर भड़का सुप्रीम कोर्ट जज ने दिया बड़ा फैसला!'' शीर्षक से प्रसारित समाचार के वीडियो को ट्विटर पर शेयर करते हुए समतामूलक समाज निर्माण मोर्चा के राष्ट्रीयअध्यक्ष- सच्चिदानन्द श्रीवास्तव ने ट्वीट कर नारा लिखा कि, ''आर्थिक आतंकवादियों , भारत छोड़ो!'' तथा कहा कि, ''उत्तर प्रदेश की सत्ता 'आर्थिक आतंकियों' के नियंत्रण में!'' है!
आर्थिक आतंकवादियों , भारत छोड़ो!https://t.co/W3g8bIyA8U
उत्तर प्रदेश की सत्ता आर्थिक आतंकियों के नियंत्रण में!
आइये, लखिमपुर नरसंहार मामले में 'द नेशन' पर ''योगी पर भड़का सुप्रीम कोर्ट जज ने दिया बड़ा फैसला!'' शीर्षक से प्रसारित समाचार के वीडियो को निचे दिए लिंक पर क्लिक कर देखते हैं:
लखिमपुर नरसंहार मामले में मीडिया में प्रसारित खबरों के अनुसार लखीमपुर खीरी में हिंसा का यह वह मामला है जिसमें 3 अक्टूबर को 4 किसानों और एक पत्रकार सहित 8 लोगों की मौत हो गई थी। 4 किसानों और एक पत्रकार की मौत कुचलने से हुई थी जबकि तीन लोग बाद की हिंसा में मारे गए थे। आरोप है कि तीन गाड़ियों के एक काफिले ने प्रदर्शन करने वाले किसानों को रौंद दिया था। इसमें अजय मिश्रा की एक महिंद्रा थार भी शामिल थी। आरोप सीधे तौर पर मंत्री के बेटे आशीष पर लगा कि उसने कथित तौर पर गाड़ी चढ़ाई थी।
सत्य ब्यूरो में प्रसारित खबरों के अनुसार लखीमपुर खीरी हिंसा के वक़्त केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा और उसके क़रीबी के लाइसेंसी हथियार से फ़ायरिंग हुई थी। एफ़एसएल जाँच में इसकी पुष्टि हुई है। फ़िलहाल दोनों आरोपी जेल में बंद हैं। ताज़ा रिपोर्ट से घटना में आशीष मिश्रा के शामिल होने के आरोप और ज़्यादा पुष्ट होते हैं। अजय मिश्रा अब तक दावे करते रहे हैं कि उनका बेटा घटना के वक़्त मौजूद नहीं था, हालाँकि उन्होंने यह ज़रूर माना है कि उनकी गाड़ी वहां मौजूद थी। मंत्री ने दावा किया था कि उनकी गाड़ी पर हमला होने की वजह से नियंत्रण खो गया था और इस वजह से गाड़ी से किसान कुचले गए। जबकि साफ़-साफ़ वीडियो सामने आ गए हैं जिसमें दिख रहा है कि शांतिपूर्ण लौट रहे किसानों को पीछे से तीन गाड़ियों का काफिला काफ़ी तेज़ी से रौंदते हुए निकल जाता है। प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया था कि किसानों को कुचलने वाली गाड़ी में आशीष मिश्रा था और उनपर मंत्री के बेटे ने गोलियाँ भी चलाई थीं।