डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, महामारी के कारण अस्थाई पेंशन के नियमों को उदार बनाया गया है और लाभार्थियों की सुविधा के लिए समय सीमा का विस्तार किया गया है
नयी दिल्ली (PIB): केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डोनर), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि सरकार ने महामारी की स्थिति को देखते हुए अस्थाई पेंशन के भुगतान का सेवानिवृत्ति की तारीख से एक वर्ष की अवधि के लिए विस्तार करने का निर्णय लिया है। पेंशन और डीएआरपीजी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ऑनलाइन माध्यम से आयोजित एक बैठक में, श्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि अस्थाई पारिवारिक पेंशन को भी उदार बनाया गया है। उन्होंने कहा कि निर्देश जारी कर दिए गए थे कि पे एंड एकाउंट्स ऑफिस को पारिवारिक पेंशन मामले को आगे बढ़ाने के लिए इंतजार किए बिना, परिवार के पात्र सदस्य से मृत्यु प्रमाण पत्र और पारिवारिक पेंशन के लिए दावा प्राप्त होने पर तुरंत पारिवारिक पेंशन को मंजूरी दी जाए।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, इसी तरह एनपीएस कर्मचारियों को एकमुश्त मुआवजे का लाभ देने के आदेश भी जारी किए गए हैं, अगर उन्हें ड्यूटी के दौरान विकलांगता का सामना करना पड़ता है और ऐसी अक्षमता के बावजूद सरकारी सेवा में बनाए रखा जाता है। सीसीएस (ईओपी) नियमों के अनुसार, यदि कोई सरकारी कर्मचारी ड्यूटी के दौरान किसी चोट या बीमारी के कारण विकलांगता से पीड़ित हो जाता है और ऐसी विकलांगता के बावजूद सरकारी सेवा में बरकरार रहता है, तो उसके एवज में विकलांगता तत्व के लिए विकलांगता पेंशन का एकमुश्त मुआवजा दिया जाता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्रीय नागरिक सरकारी कर्मचारी जो पिछले आदेशों और नियमों के आधार पर, 01.01.2006 से पहले बाहर थे, दस साल से कम की अर्हकारी सेवा के साथ और विकलांगता पेंशन के केवल विकलांगता तत्व का लाभ प्राप्त कर रहे थे वे भी 01.01.2006 से विकलांगता पेंशन के सेवा तत्व के लिए पात्र होंगे और यह लाभ विकलांगता तत्व के अतिरिक्त होगा।
इसके अलावा, ऐसे मामलों में पेंशन का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए, जहां पीपीओ (पेंशन भुगतान आदेश) जारी किया गया है, लेकिन सीपीएओ या बैंकों को लॉक-डाउन के कारण नहीं भेजा गया है। इस बारे में नियंत्रक और महालेखाकार (सीजीए) के साथ विचार विमर्श किया गया था जिसमें कोविड-19 महामारी की अभूतपूर्व स्थिति के दौरान इलेक्ट्रॉनिक माध्यम का उपयोग करने के लिए बैंकों के सीपीएओ और सीपीपीसीएस को आवश्यक दिशा निर्देश देने को कहा गया था, जब तक सामान्य स्थिति बहाल न हो जाए।
कुछ मामलों में, सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन के कागजात प्रस्तुत किए बिना ही सरकारी कर्मचारियों की मृत्यु हो गई है। ऐसे सरकारी कर्मचारियों के परिवारों को कठिनाइयों से बचने के लिए, पेंशन भुगतान आदेश जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे सभी मामलों में पेंशन की बकाया राशि (सेवानिवृत्त होने की तारीख से सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी की मृत्यु तक) के लिए और सरकारी कर्मचारी की मृत्यु की तारीख से परिवार के सदस्य को पारिवारिक पेंशन देने के लिए निर्देश जारी किया जाएगा।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी बताया कि भविष्य 8.0 को अगस्त, 2020 में जारी किया गया था और इस नए फीचर ने स्थायी रिकॉर्ड के रूप में डिजी लॉकर में ईपीपीओ को प्रस्तुत किया है। पुश प्रौद्योगिकी पर आधारित डिजीलॉकर आईडी का उपयोग करने वाला भविष्य अपनी तरह का पहला एप्लिकेशन है।
भारत डाक और भुगतान बैंक (आईपीपीबी) डाक विभाग के तहत अपने 1,89,000 डाक कर्मियों और ग्रामीण डाक सेवकों को घर से डीएलसी इकट्ठा करने के काम पर लगाया है। लगभग 1,48,325 केंद्र सरकार के पेंशन भोगियों ने अब तक इस सुविधा का लाभ उठाया है।
डीओपीपीडब्ल्यू ने 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ साझेदारी की है, जो देश के 100 प्रमुख शहरों में अपने ग्राहकों के लिए "डोर स्टेप बैंकिंग" यानी घर पर बैंकिंग की सेवा प्रदान करता है, जिसमें जीवन प्रमाण पत्र का संग्रह भी शामिल है।
डीओपीपीडब्ल्यू ने सभी पेंशन का भुगतान करने वाली बैंकों को अनुमति दी है कि वे भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशा निर्देशों के तहत पेंशन भोगियों से जीवन प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त सुविधा के रूप में वीडियो आधारित ग्राहक पहचान प्रक्रिया (वी-सीआईपी) को अपनाएं। यूको बैंक इस क्षेत्र में अग्रणी बैंक बन गया है।
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