हल्दिया, पश्चिम बंगाल में महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं के शुभारंभ पर प्रधानमंत्री के सम्बोधन का मूल पाठ
नई-दिल्ली (PIB): हल्दिया, पश्चिम बंगाल में महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं के शुभारंभ पर प्रधानमंत्री ने जनसभा को सम्बोधित किया तथा अपने वक्तव्य की वीडियो भी ट्विटर पर साझा किया।
Inaugurating development works at Haldia. https://t.co/awjGwSdcc6
— Narendra Modi (@narendramodi) February 7, 2021
प्रधानमंत्री कार्यालय ने हल्दिया, पश्चिम बंगाल में महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं के शुभारंभ पर प्रधानमंत्री के सम्बोधन का मूल पाठ जारी किया।
हल्दिया, पश्चिम बंगाल में महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं के शुभारंभ पर प्रधानमंत्री के सम्बोधन का मूल पाठ:
मंच पर उपस्थित पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ जी, केंद्र सरकार में मेरे सहयोगी श्री धर्मेन्द्र प्रधान जी, देबाश्री चौधरी जी, सांसद दिब्येंदु अधिकारी जी, विधायक तापसी मंडल जी, भाइयों और बहनों !
आज पश्चिम बंगाल सहित समूचे पूर्वी भारत के लिए एक बड़ा महत्वपूर्ण अवसर है। पूर्वी भारत की कनेक्टिविटी और स्वच्छ ईंधन के मामले में अत्मनिर्भरता के लिए आज बहुत बड़ा दिन है। विशेषतौर पर इस पूरे क्षेत्र की gas connectivity को सशक्त करने वाले बड़े प्रोजेक्ट्स आज राष्ट्र को समर्पित किए गए हैं। आज जिन 4 प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया है, उनसे पश्चिम बंगाल सहित पूर्वी भारत के अनेक राज्यों में Ease of Living और Ease of Doing Business दोनों बेहतर होंगे। ये प्रोजेक्ट हल्दिया को देश के आधुनिक और बड़े Import-Export सेंटर के रूप में विकसित करने में भी मददगार सिद्ध होंगे।
साथियों,
गैस आधारित अर्थव्यवस्था आज भारत की जरूरत है। वन नेशन, वन गैस ग्रिड इसी जरूरत को पूरा करने का एक महत्वपूर्ण अभियान है। इसके लिए पाइपलाइन नेटवर्क के विस्तार के साथ-साथ नेचुरल गैस की कीमतें कम करने पर भी फोकस किया जा रहा है। बीते सालों में ऑयल और गैस सेक्टर में कई बड़े सुधार भी किए हैं। हमारे इन प्रयासों का परिणाम है कि आज भारत पूरे एशिया में गैस की सबसे ज्यादा खपत करने वाले देशों में शामिल हो गया है। इस साल बजट में देश ने स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा के लिए ‘हाइड्रोजन मिशन’ की भी घोषणा की है, जो क्लीन फ्यूल के अभियान को सशक्त करेगा।
साथियों,
6 साल पहले जब देश ने हमें अवसर दिया था, तो विकास की यात्रा में पीछे रह गए पूर्वी भारत को विकसित करने का एक प्रण लेकर हम चले थे। पूर्वी भारत में जीवन और कारोबार के लिए जो आधुनिक सुविधाएं चाहिए, उनके निर्माण के लिए हमने एक के बाद एक अनेक कदम उठाए। रेल हो, रोड हो, हवाई अड्डे हों, जलमार्ग हों, पोर्ट हों, ऐसे हर सेक्टर में काम किया गया। इस क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या ये पारंपरिक कनेक्टिविटी का अभाव तो था ही, गैस कनेक्टिविटी एक बहुत बड़ी दिक्कत थी। गैस के अभाव में पूर्वी भारत में नए उद्योग तो क्या, पुराने उद्योग भी बंद हो रहे थे। इसी समस्या को दूर करने के लिए पूर्वी भारत को, पूर्वी बंदरगाहों और पश्चिमी बंदरगाहों से जोड़ने का फैसला लिया गया।
साथियों,
प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा पाइपलाइन इसी लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है। आज इसी पाइपलाइन का एक और बड़ा हिस्सा जनता की सभा में समर्पित हो चुका है। लगभग 350 किलोमीटर की डोभी-दुर्गापुर पाइपलाइन बनने से पश्चिम बंगाल के साथ-साथ बिहार और झारखंड के दस जिलों को सीधा लाभ होगा। इस पाइपलाइन को बनाते समय करीब 11 लाख Man days का रोज़गार यहां के लोगों को मिला है। अब जब ये पूरी हो गई है तो इन तमाम जिलों के हज़ारों परिवारों के किचन में पाइप से सस्ती गैस पहुंच पाएगी, CNG आधारित कम प्रदूषण वाली गाड़ियां चल पाएंगी। इसके साथ-साथ इससे दुर्गापुर और सिंदरी के खाद कारखाने के लिए भी गैस की निरंतर सप्लाई संभव हो पाएगी। इन दोनों कारखानों की ताकत बढ़ने से रोज़गार के नए अवसर बनेंगे और किसानों को पर्याप्त और सस्ती खाद मिल पाएगी। मेरा गेल और पश्चिम बंगाल सरकार से आग्रह रहेगा कि जगदीशपुर-हल्दिया और बोकारो-धामरा पाइपलाइन के दुर्गापुर-हल्दिया सेक्शन को भी जल्द से जल्द पूरा करने का प्रयास करें।
साथियों,
नेचुरल गैस के साथ-साथ इस क्षेत्र में एलपीजी गैस के इंफ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत करने के लिए लगातार काम चल रहा है। ये इसलिए ज़रूरी है क्योंकि पूर्वी भारत में उज्जवला योजना के बाद एलपीजी गैस की कवरेज काफी अधिक बढ़ गई है, जिससे डिमांड भी बढ़ी है। उज्जवला योजना के तहत पश्चिम बंगाल में करीब-करीब 90 लाख बहनों-बेटियों को मुफ्त गैस कनेक्शन मिला है। इनमें से भी 36 लाख से ज्यादा ST/SC वर्ग की महिलाएं हैं। वर्ष 2014 में पश्चिम बंगाल में LPG गैस की कवरेज सिर्फ 41 percent थी। हमारी सरकार के लगातार प्रयास से अब बंगाल में LPG गैस की कवरेज 99 percent से ज्यादा हो गई है, कहां 41 और कहां 99 से भी ज्यादा। इस बजट में तो देश में उज्जवला योजना के तहत 1 करोड़ और मुफ्त गैस कनेक्शन गरीबों को देने का प्रावधान किया गया है। इस बढ़ती डिमांड को पूरा करने में हल्दिया में बनाये LPG इंपोर्ट टर्मिनल अहम भूमिका निभाएगा। पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, यूपी और नॉर्थ ईस्ट के करोड़ों परिवारों को इससे सुविधा मिलेगी। इस सेक्टर से दो करोड़ से ज्यादा लोगों को गैस सप्लाइ मिलेगी, इनमें से करीब 1 करोड़ उज्ज्वला योजना के ही लाभार्थी होंगे। साथ ही इससे सैकड़ों रोज़गार यहां के नौजवानों को मिलेंगे।
साथियों,
Clean Fuel को लेकर अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए आज यहां BS-6 फ्यूल बनाने वाले प्लांट की कैपेसिटी को बढ़ाने का काम भी शुरु किया गया है। हल्दिया रिफाइनरी में ये दूसरी Catalytic Dewaxing Unit जब तैयार हो जाएगी तो lube base oils के लिए विदेशों पर हमारी निर्भरता कम हो जाएगी। इससे हर साल देश के करोड़ों रुपए बचेंगे। बल्कि आज हम उस स्थिति की तरफ बढ़ रहे हैं जब एक्सपोर्ट की कैपेसिटी तैयार कर सकें।
साथियों,
पश्चिम बंगाल को फिर से देश के अहम Trading और Industrial Center के रूप में विकसित करने के लिए हम निरंतर काम कर रहे हैं। इसमें Port Lead Development का बेहतरीन मॉडल है। कोलकाता के श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट ट्रस्ट को आधुनिक बनाने के लिए बीते सालों में अनेक कदम उठाए गए हैं। यहां हल्दिया का जो Dock Complex है, उसकी कैपेसिटी को और पड़ोसी देशों से उसकी कनेक्टिविटी को सशक्त करना भी ज़रूरी है। ये जो नया फ्लाईओवर बना है, उससे अब यहां की कनेक्टिविटी बेहतर होगी। अब हल्दिया से पोर्ट्स तक जाने वाले कार्गो कम समय में पहुंचेंगे, उन्हें जाम और देरी से मुक्ति मिलेगी। Inland Waterway Authority of India, यहां मल्टीमॉडल टर्मिनल के निर्माण की योजना पर काम कर रही है। ऐसी व्यवस्थाओं से हल्दिया, आत्मनिर्भर भारत को ऊर्जा देने वाले केंद्र के रूप में उभरेगा। इन सभी कामों के लिए हमारे साथी मित्र धर्मेंद्र प्रधान जी और उनकी पूरी टीम को मैं हृदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूँ और मुझे विश्वास है कि तेज गति से कम समय में सामान्य से सामान्य मानवीय के दुख को दूर करने के इस काम को बहुत ही यशस्वी ढंग से ये टीम पूरा कर पाएगी, ऐसा मुझे पूरा विश्वास है। अंत में फिर एक बार, पश्चिम बंगाल और पूर्वी भारत के सभी राज्यों को इन सुविधाओं के लिए मेरी तरफ से बहुत-बहुत बधाई, अनेक-अनेक शुभकामनाएं।
बहुत-बहुत धन्यवाद !
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