26 दिसंबर - महान क्रांतिकारी अमर शहीद ऊधम सिंह जी के जन्म दिन पर जालियाँवाला बाग में 13 अप्रैल 1919 को नरसंहार में शहीद हुए भारतीयों की सही संख्या घोषित करने की मांग
लखनऊ: 26 दिसंबर - आज 'महान क्रांतिकारी- अमर शहीद उधम सिंह जी' का जन्म-दिन है।
इस अवसर पर, जालियाँवाला बाग में 13 अप्रैल 1919 को नरसंहार करने वाले 'जनरल डायर' को गोली मारकर यमलोक पहुँचाने वाले महान क्रांतिकारी- अमर शहीद उधम सिंह जी को शत-शत नमन करते हुए लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष (उत्तर प्रदेश)- एस. एन. श्रीवास्तव ने प्रधानमंत्री - मोदी जी को ट्वीट कर "जालियाँवाला बाग, अमृतसर में 13 अप्रैल 1919 को नरसंहार में शहीद हुए भारतीयों की सही संख्या घोषित करने की मांग की, क्योंकि आज तक राजनैतिक कारणों से शहीद हुए भारतीयों की संख्या कोई भी सरकार घोषित नहीं कर सकी है।
इस अवसर पर लोसपा के प्रदेश कार्यालय - लखनऊ में एक गोष्ठी आयोजित की गई जिसमें 'महान क्रांतिकारी- अमर शहीद उधम सिंह जी' के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष- एस. एन. श्रीवास्तव ने बताया कि, उधम सिंह का जन्म आज ही के दिन 26 दिसम्बर 1899 को पंजाब के संगरूर जिले के सुनाम गाँव में हुआ था। सन 1901 में उधमसिंह की माता और 1907 में उनके पिता का निधन हो गया। इस घटना के चलते उन्हें अपने बड़े भाई के साथ अमृतसर के एक अनाथालय में शरण लेनी पड़ी। उधमसिंह का बचपन का नाम शेर सिंह और उनके भाई का नाम मुक्तासिंह था जिन्हें अनाथालय में क्रमश: उधमसिंह और साधुसिंह के रूप में नए नाम मिले। इतिहासकार मालती मलिक के अनुसार उधमसिंह देश में सर्वधर्म समभाव के प्रतीक थे और इसीलिए उन्होंने अपना नाम बदलकर राम मोहम्मद सिंह आजाद रख लिया था, जो भारत के तीन प्रमुख धर्मों का प्रतीक है।
अनाथालय में उधमसिंह की जिन्दगी चल ही रही थी कि 1917 में उनके बड़े भाई का भी देहांत हो गया। वह पूरी तरह अनाथ हो गए। 1919 में उन्होंने अनाथालय छोड़ दिया और क्रांतिकारियों के साथ मिलकर आजादी की लड़ाई में शमिल हो गए। उधमसिंह अनाथ हो गए थे, लेकिन इसके बावजूद वह विचलित नहीं हुए और देश की आजादी तथा डायर को मारने की अपनी प्रतिज्ञा को पूरा करने के लिए लगातार काम करते रहे।
लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष (उत्तर प्रदेश)- एस. एन. श्रीवास्तव ने अपना वक्तव्य जारी रखते हुए बताया कि, उधमसिंह 13 अप्रैल 1919 को घटित जालियाँवाला बाग नरसंहार के प्रत्यक्षदर्शी थे। राजनीतिक कारणों से जलियाँवाला बाग में मारे गए लोगों की सही संख्या कभी सामने नहीं आ पाई है इसीलिए उन्होंने आज इस अवसर पर प्रधानमंत्री- मोदी जी को ट्वीट कर शहीदों की सही संख्या घोषित करने कि मांग की है।
उन्होंने बताया कि, इस घटना से वीर उधमसिंह तिलमिला गए और उन्होंने जलियाँवाला बाग की मिट्टी हाथ में लेकर माइकल ओ डायर को सबक सिखाने की प्रतिज्ञा ले ली। अपने मिशन को अंजाम देने के लिए उधम सिंह ने विभिन्न नामों से अफ्रीका, नैरोबी, ब्राजील और अमेरिका की यात्रा की। सन् 1934 में उधम सिंह लंदन पहुँचे और वहां 9, एल्डर स्ट्रीट कमर्शियल रोड पर रहने लगे। वहां उन्होंने यात्रा के उद्देश्य से एक कार खरीदी और साथ में अपना मिशन पूरा करने के लिए छह गोलियों वाली एक रिवाल्वर भी खरीद ली। भारत का यह वीर क्रांतिकारी माइकल ओ डायर को ठिकाने लगाने के लिए उचित वक्त का इंतजार करने लगा।
उधम सिंह को अपने सैकड़ों भाई-बहनों की मौत का बदला लेने का मौका 1940 में मिला। जलियांवाला बाग हत्याकांड के 21 साल बाद 13 मार्च 1940 को रायल सेंट्रल एशियन सोसायटी की लंदन के काक्सटन हाल में बैठक थी जहां माइकल ओ डायर भी वक्ताओं में से एक था। उधम सिंह उस दिन समय से ही बैठक स्थल पर पहुँच गए। अपनी रिवॉल्वर उन्होंने एक मोटी किताब में छिपा ली। इसके लिए उन्होंने किताब के पृष्ठों को रिवॉल्वर के आकार में उस तरह से काट लिया था, जिससे डायर की जान लेने वाला हथियार आसानी से छिपाया जा सके।
बैठक के बाद दीवार के पीछे से मोर्चा संभालते हुए उधम सिंह ने माइकल ओ डायर पर गोलियां दाग दीं। दो गोलियां माइकल ओ डायर को लगीं जिससे उसकी तत्काल मौत हो गई। उधम सिंह ने वहां से भागने की कोशिश नहीं की और अपनी गिरफ्तारी दे दी। उन पर मुकदमा चला। 4 जून 1940 को उधम सिंह को हत्या का दोषी ठहराया गया और 31 जुलाई 1940 को उन्हें पेंटनविले जेल में फांसी दे दी गई।
'महान क्रांतिकारी- अमर शहीद उधम सिंह जी' को नमन करते हुए गोष्टी समाप्त कि गयी।
@PMOIndia आज, जालियाँवाला बाग में नरसंहार करने वाले जनरल डायर को गोली मारकर यमलोक पहुँचाने वाले
— सच्चिदा नन्द श्रीवास्तव, प्रदेश अध्यक्ष (उ• प्र•) (@LSPUP2016) December 26, 2020
'महान क्रांतिकारी- अमर शहीद उधम सिंह जी' को शत-शत नमन करते हुए हम मांग करते हैं कि सरकार
"जालियाँवाला बाग में 13 अप्रैल 1919 को नरसंहार में शहीद हुए भारतीयों की सही संख्या घोषित करे। pic.twitter.com/dqxfPpWtXS
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