थोक औषधि और चिकित्सा उपकरणों से जुड़ी पीएलआई योजनाओं के लिए औषधि और चिकित्सा उपकरण उद्योग से बेहद सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली, आवेदन दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 नवंबर 2020 थी
पीएलआई योजनाओं के तहत थोक औषधि के निर्माताओं से 215 आवेदन मिले जबकि चिकित्सा उपकरणों के निर्माण के लिए 28 आवेदन प्राप्त हुए
नई दिल्ली (PIB): थोक औषधि के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना और चिकित्सा उपकरणों के लिए पीएलआई योजना को औषधि (फार्मास्युटिकल) और साथ ही चिकित्सा उपकरण उद्योग से बेहद सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली। उद्योग ने इन योजनाओं के लिए बेहद अच्छी प्रतिक्रिया दी, जिसमें थोक दवाओं के लिए पीएलआई योजना के तहत 83 दवा निर्माताओं से 215 आवेदन मिले। इसी तरह चिकित्सा उपकरणों के लिए पीएलआई योजना के तहत 23 चिकित्सा उपकरण विनिर्माताओं से 28 आवेदन प्राप्त हुए। आवेदन दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 नवंबर 2020 थी। आईएफसीआई लिमिटेड दोनों योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए परियोजना प्रबंधन एजेंसी (पीएमए) है।
आवेदनों की मूल्यांकन प्रक्रिया आज से शुरू होगी और थोक औषधि के लिए पीएलआई योजना के तहत अधिकतम 136 आवेदन और चिकित्सा उपकरणों के लिए पीएलआई योजना के तहत अधिकतम 28 आवेदन मंजूर किए जाएंगे। आवेदकों को मंजूरी देने की समय अवधि, थोक दवाओं के लिए पीएलआई योजना के तहत 90 दिन और चिकित्सा उपकरणों के लिए पीएलआई योजना के तहत 60 दिन है। हालांकि पीएमए और औषधि विभाग इस योजना के तहत प्रतिभागियों को जल्दी मंजूरी देने के लिए अपनी ओर से प्रयास करेंगे।
दवा सुरक्षा की बढ़ती अनिवार्यता को देखते हुए, थोक औषधि में घरेलू उत्पादन क्षमता में इस तरह की मदद से, बाहरी झटके को झेलने के लिहाज से भारतीय दवा उद्योग को ज्यादा मजबूती मिलेगी। चिकित्सा उपकरणों के लिए पीएलआई योजना, उत्पाद विविधीकरण और भारत में अभिनव एवं बेहद महत्व वाले चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन के उद्देश्य को पूरा करने में मदद करेगी। इन पहलों में देश में और विश्व स्तर पर सस्ती स्वास्थ्य सेवा के बड़े उद्देश्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान देने की क्षमता है।
सरकार ने थोक औषधि और चिकित्सा उपकरणों से जुड़ी पीएलआई योजनाओं को 20 मार्च 2020 को मंजूरी दी थी। दोनों योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए शुरुआती दिशा-निर्देश पहले 27 जुलाई 2020 को जारी किए गए थे, उद्योग से मिली प्रतिक्रिया के बाद उनमें बदलाव किया गया। इसके बाद नए दिशा-निर्देश 29 अक्टूबर 2020 को जारी किए गए। दोनों योजनाओं को औषधि और साथ ही चिकित्सा उपकरण उद्योग से बेहद उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया मिली।
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