नीतीश सातवीं बार बने बिहार के मुख्यमंत्री, मंत्रिमंडल में भाजपा की अधिक हिस्सेदारी
पटना/लखनऊ: बिहार की राजनीति में नया इतिहास रचते हुए नीतीश कुमार ने सोमवार को दो दशक में सातवीं बार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा जैसे राजग के शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में राजभवन में आयोजित एक सादे समारोह में राज्यपाल फागू चौहान ने कुमार को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी।
69 वर्षीय नीतीश कुमार के साथ भाजपा विधानमंडल दल के नेता एवं कटिहार से विधायक तारकिशोर प्रसादए एवं बेतिया से विधायक रेणु देवी ने भी शपथ ग्रहण की। दोनों को उप मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।
राजद के नेतृत्व वाले पांच दलों के विपक्षी महागठबंधन ने समारोह का बहिष्कार किया।
नीतीश के शपथ ग्रहण के साथ एक ऐसे कार्यकाल की शुरुआत हुई है जिसमें जदयू पहले से कमजोर हुई है और भाजपा पहली बार अपनी क्षेत्रीय सहयोगी पार्टी से मजबूत बनकर उभरी है।
बिहार विधानसभा चुनाव में राजग को 125 सीटें मिलीं हैं जिसमें नीतीश कुमार की जदयू को 43 जबकि भाजपा को जदयू से 31 सीट अधिक (74 सीट) हासिल हुईं।
नीतीश कैबिनेट का इस बार का स्वरूप बदला नजर आ रहा है। इसमें भाजपा से अधिक मंत्रियों ने शपथ ली और दो उपमुख्यमंत्री बनाये गए।
नीतीश कुमार के साथ भाजपा के सात मंत्रियों, जदयू से पांच मंत्रियों और "हम" पार्टी तथा वीआईपी पार्टी से एक.एक मंत्री ने शपथ ली।
नीतीश कुमार राज्य के मुख्यमंत्री पद पर सर्वाधिक लंबे समय तक रहने वाले श्रीकृष्ण सिंह के रिकार्ड को पीछे छोड़ने की ओर बढ़ रहे हैं जिन्होंने आजादी से पहले से लेकर 1961 में अपने निधन तक इस पद पर अपनी सेवाएं दी थीं ।
कुमार ने सबसे पहले 2000 में प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी लेकिन बहुमत नहीं जुटा पाने के कारण उनकी सरकार सप्ताह भर चली और उन्हें केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री के रूप में वापसी करनी पड़ी थी।
पांच साल बाद वह जदयू - भाजपा गठबंधन की शानदार जीत के साथ सत्ता में लौटे और 2010 में गठबंधन के भारी जीत दर्ज करने के बाद मुख्यमंत्री का सेहरा एक बार फिर से नीतीश कुमार के सिर पर बांधा गया।
मई 2014 में लोकसभा चुनाव में जदयू की पराजय की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया लेकिन जीतन राम मांझी के बगावती तेवरों के कारण उन्हें फरवरी 2015 में फिर से कमान संभालनी पड़ी।
भाजपा कोटे से सात विधायकों और जनता दल ;यूद्ध कोटे से पांच विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली । इसके अलावा "हम" पार्टी से संतोष कुमार सुमन और वीआईपी पार्टी के मुकेश सहनी ने भी पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।
इस बार भाजपा से कई बड़े चेहरों को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिला जिसमें सुशील कुमार मोदीए नंद किशोर यादव और प्रेम कुमार शामिल हैं।
नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में शपथ लेने वालों में जदयू कोटे से विजय कुमार चौधरी का नाम प्रमुख है। इसके अलावा सुपौल से जदयू विधायक बिजेन्द्र प्रसाद यादव, जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष एवं विधान पार्षद अशोक चौधरीए तारापुर से विधायक मेवालाल चौधरी तथा पुलपरास से विधायक शीला कुमारी शामिल हैं ।
भाजपा के कोटे से नीतीश सरकार में वरिष्ठ नेता एवं विधान पार्षद मंगल पांडे ने शपथ ग्रहण की। पांडे पिछली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे ।
इसके अलावा आरा से भाजपा विधायक अमरेंद्र प्रताप सिंह तथा राजनगर से विधायक रामप्रीत पासवान ने भी शपथ ग्रहण की। पासवान ने मैथिली में शपथ ली ।
नीतीश सरकार में दरभंगा के जाले सीट से विधायक जीवेश कुमार ने भी मैथिली में शपथ ली।
औराई से भाजपा विधायक रामसूरत राय ने भी मंत्री पद की शपथ ली।
हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा से जीतन राम मांझी के पुत्र संतोष कुमार सुमन ने शपथ ग्रहण की। वहीं विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी ने भी पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। सहनी ने इस बार सिमरी बख्तियारपुर से चुनाव लड़ा था लेकिन वे चुनाव हार गए। वीआईपी पार्टी को चुनाव में चार सीटें मिलीं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर बधाई देते हुए कहा कि राजग परिवार बिहार की प्रगति के लिये मिलकर काम करेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, "बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर नीतीश कुमार जी को बधाई । बिहार सरकार में शपथ लेने वाले मंत्रियों को भी मैं शुभकामनाएं देता हूं। बिहार के कल्याण के लिये मैं केंद्र से हरसंभव मदद का आश्वासन देता हूं।"
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट करके नीतीश कुमार को पुनः बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर बधाई दी ।
उन्होंने कहा, "उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद एवं रेणु देवी और मंत्री पद की शपथ लेने वाले सभी लोगों को बधाई।"
भाजपा ने इस बार वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी को उप मुख्यमंत्री नहीं बनाया।
राज्य विधान परिषद के सदस्य सुशील मोदी को अब क्या जिम्मेदारी दी जाएगी, यह स्पष्ट नहीं है।
शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संवाददाताओं से कहा, "जनता का फैसला है और इसी के अनुरूप राजग की सरकार बनी है। हम लोग मिलकर काम करेंगे। हम जनता की सेवा करते रहे हैं और आगे भी सेवा करेंगे।"
सुशील मोदी के बारे में एक सवाल के जवाब में नीतीश ने कहा कि यह भाजपा का निर्णय है कि कौन लोग रहेंगे और कौन नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा, "यह प्रश्न तो आप भाजपा से पूछें।"
सुशील मोदी ने ट्वीट किया, नीतिश कुमार के सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर हार्दिक बधाई। आपके नेतृत्व में बिहार और आगे बढ़ेगा। श्री नरेन्द्र मोदी का सहयोग बिहार को हमेशा मिलता रहेगा।'
राजद समेत महागठबंधन ने शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया लेकिन राजद नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर बधाई देते हुए सोमवार को कहा, "आशा करता हूं कि कुर्सी की महत्वाकांक्षा की बजाय बिहार की जनाकांक्षा और सकारात्मक मुद्दों को सरकार की प्राथमिकता बनायेंगे।"
तेजस्वी ने ट्वीट किया, "आदरणीय नीतीश कुमार जी को मुख्यमंत्री "मनोनीत" होने पर शुभकामनाएँ। आशा करता हूँ कि कुर्सी की महत्वाकांक्षा की बजाय वो बिहार की जनाकांक्षा एवं राजग के 19 लाख नौकरी.रोजगार और पढ़ाई, दवाई, कमाई, सिंचाई, सुनवाई जैसे सकारात्मक मुद्दों को सरकार की प्राथमिकता बनायेंगे।"
लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनने पर सोमवार को बधाई देते हुए तंज किया कि, "आशा करता हूँ कि सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी और आप राजग के मुख्यमंत्री बने रहेंगे।"
चिराग ने अपने ट्वीट में कहा, "4 लाख बिहारियों द्वारा बनाया गया रुबिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट विजन डॉक्यूमेंट आप को भेज रहा हूँ ताकि उसमें से जो कार्य आप पूरा कर सकें, उसे पूरा कर दें।"
जहां सभी लोगों ने जहां सभी लोगों ने नीतिश कुमार को बिहार के 7वीं बार मुख्य मंत्री बनने पर बधाई दी, वहीँ उत्तर प्रदेश के लोसपा अध्यक्ष - एस. एन. श्रीवास्तव ने सातवीं बार बने बिहार के मुख्यमंत्री - नीतिश कुमार को ट्वीट कर दुःख व्यक्त करते हुए लिखा कि, "एक समाजवादी नेता- आदरणीय नितीश कुमार जी द्वारा पुनः मुख्यमंत्री बने रहने की महत्वकांक्षा को पूरी करने के लिए, डॉक्टर लोहिया के सिद्धांतों/ समाजवाद/ समतामूलक समाज की स्थापना की अवधारणा को छोड़कर लूटेरों / विषधरों की गोद में बैठने पर गहरा दुःख व्यक्त करता हूँ तथा ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि, "ईश्वर उनकी अंतरात्मा में डॉक्टर लोहिया के सिद्धांतों/ समाजवाद/ समतामूलक समाज की स्थापना की अवधारणा को पुनर्जीवित करें।"
डॉक्टर लोहिया अमर रहें !!!
— सच्चिदा नन्द श्रीवास्तव, प्रदेश अध्यक्ष (उ• प्र•) (@LSPUP2016) November 17, 2020
मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि, उनकी अंतरात्मा में डॉक्टर लोहिया के सिद्धांतों/ समाजवाद/ समतामूलक समाज की स्थापना की अवधारणा को पुनर्जीवित करें। pic.twitter.com/coT6JN3toN
(साभार- मल्टिमीडिया)
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