जल शक्ति मंत्रालय जल जीवन मिशन के तहत राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की मध्यावधि प्रगति का आकलन करने की प्रक्रिया में
सिक्किम के साथ मध्यावधि समीक्षा बैठक आयोजित, जिसका उद्देश्य 2021 तक अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के वर्चस्व वाले गांवों और महत्वाकांक्षी जिलों की जरूरत को पूरा करना और 2022 तक यूनिवर्सल कवरेज प्रदान करना है।
नयी दिल्ली (PIB): जल शक्ति मंत्रालय केंद्र सरकार के प्रमुख कार्यक्रम जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत सार्वभौमिक कवरेज के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा की गई प्रगति का आकलन करने की प्रक्रिया में है, जिसका उद्देश्य 2024 तक देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल कनेक्शन प्रदान करना है। कार्यान्वयन की प्रगति का आकलन करने के लिए, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक मध्यावधि समीक्षा की जा रही है। मिशन के तहत सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ग्रामीण घरों में नल-जल कनेक्शन दिए जाने के साथ-साथ सार्वभौमिक कवरेज सुनिश्चित करने के बारे में संस्थागत तंत्रों की मौजूदा स्थिति प्रस्तुत कर रहे हैं।
सिक्किम ने आज राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के तहत अपनी मध्यावधि प्रगति की रिपोर्ट पेश की। सिक्किम में लगभग 1.05 लाख घर हैं, जिनमें से 70,525 (67 प्रतिशत) घरों में नल का कनेक्शन है। राज्य ने वर्ष 2021-22 तक सभी घरों में शत-प्रतिशत नल कनेक्शन देने की योजना बनाई है। राज्य में एक अच्छी जल आपूर्ति अवसंरचना भी है और 411 गांवों में उसकी जलापूर्ति योजनाएं चल रही हैं। राज्य की योजना वर्ष 2020-21 तक सभी एससी/एसटी बहुल गांवों और अन्य महत्वाकांक्षी जिलों के गांवों में नल कनेक्शन मुहैया कराने की है। पीडब्ल्यूएस सिस्टम वाले गांवों में से, केवल 81 ने ‘हर घर जल गांव’ का दर्जा हासिल किया है। लगभग 211 अतिरिक्त गांवों में 7,798 नल कनेक्शन प्रदान करने से यह संख्या शत-प्रतिशत हो जाएगी। राज्य को इस कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने की योजना बनाने की आवश्यकता है, ताकि सभी पीडब्ल्यूएस गांवों में नल के कनेक्शन देने का कार्य शत-प्रतिशत पूरा हो जाएं।
बैठक में ग्राम कार्य योजना और ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति (वीडब्ल्यूएससी) के गठन जैसे मुद्दों पर प्रकाश डाला गया। बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि योजना, कार्यान्वयन, संचालन और पानी की आपूर्ति व्यवस्था के रखरखाव के लिए स्वैच्छिक संगठनों, गैर-सरकारी संगठनों और महिला एसएचजी को कार्यान्वयन सहायता एजेंसियों के रूप में जोड़ा जाए। राज्य को ग्राम पंचायत पदाधिकारियों के साथ-साथ अन्य हितधारकों के क्षमता निर्माण के लिए प्रशिक्षण आयोजित करने के लिए कहा गया और गांव स्तर पर प्रशिक्षित मानव संसाधनों का एक पूल बनाने के लिए गांवों में कौशल विकास प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा गया। यह इस मिशन और ओ एंड एम पानी की आपूर्ति प्रणाली के कार्यान्वयन में बहुत मददगार होगा। राज्य को पेयजल स्रोतों का अनिवार्य रासायनिक परीक्षण और जीवाणु परीक्षण कराने की सलाह दी गई।
2020-21 में, सिक्किम को जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के लिए 31.36 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जिसमें से 7.84 करोड़ रुपये अब तक जारी किए जा चुके हैं। पहली किस्त के दूसरे हिस्से को प्राप्त करने के लिए राज्य को अपने कोष के उपयोग में तेजी लानी होगी। सिक्किम को 15वें वित्त आयोग अनुदान के तहत ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए 42 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इस राशि के 50 प्रतिशत का उपयोग पानी की आपूर्ति और स्वच्छता अर्थात पानी की आपूर्ति, (रसोई और स्नान घर से बहने वाले) अपशिष्ट जल के उपचार और उसके पुनः चक्रण के लिए किया जाना है। सबसे महत्वपूर्ण यह सुनिश्चित करना है कि लंबे समय तक जलापूर्ति योजनाओं का संचालन और रखरखाव किया जा सके।
सिक्किम अपने पर्याप्त जल संसाधनों के लिए जाना जाता है। लेकिन तेजी से बढ़ रही जनसंख्या और शहरीकरण के कारण पानी की मात्रा और गुणवत्ता दोनों प्रभावित हो रहे हैं। राज्य में जलआपूर्ति की अच्छी व्यवस्था है। राज्य के प्रत्येक ग्रामीण घर में नल का कनेक्शन सुनिश्चित करने के लिए इस पर पूंजी लगाने की आवश्यकता है, जिससे लोगों के जीवन में सुधार हो।
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