
आपसी सहयोग बढ़ाने पर सहमत हैं ब्रिक्स के सदस्य देश: शी चिनफिंग
आपसी सहयोग बढ़ाने पर सहमत हैं ब्रिक्स के सदस्य देश: शी चिनफिंगचीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा कि विश्व पटल पर आ रहे तेजी से बदलाव के परिप्रेक्ष्य में ब्रिक्स देशों को व्यावहारिक, आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए हरसंभव कोशिश करनी चाहिए।जियामेन (आइएएनएस)। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के अनुसार ब्रिक्स के सदस्य देशों ने आपसी सहयोग को बढ़ाने पर सहमति जतायी है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि ब्रिक्स के नेताओं ने लोगों के पारस्परिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदानों को नियमित करने और संस्थागत बनाने पर सहमति जताई है। शी ने दक्षिणी चीनी शहर ज़ियामेन में 9वीं ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के समापन के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान यह बात कही।इससे पहले ब्रिक्स सम्मेलन के उद्घाटन पर भी शी ने कहा था कि विश्व पटल पर आ रहे तेजी से बदलाव के परिप्रेक्ष्य में ब्रिक्स देशों को व्यावहारिक, आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए हरसंभव कोशिश करनी चाहिए। चिनफिंग ने अपने भाषण में खास घोषणा करते हुए कहा कि उन्होंने ब्रिक्स सदस्यों में आर्थिक और तकनीकी सहयोग और परस्पर आदान प्रदान के लिए 500 युआन (लगभग 7.6 करोड़ डॉलर) की सहायता देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देश विकास की ऐसी रणनीति तैयार करें जिससे प्रत्येक सदस्य देश को एक दूसरे के विकास का फायदा मिल सके।चिनफिंग ने कहा कि सभी सदस्य देशों को विकास के लिए विभिन्न नीतियों और निजी प्राथमिकताओं के लिए सम्भावनाएं तलाश करनी चाहिए। उन्होंने कहा, हमें व्यापार और निवेश के लिएएक बड़ा बाजार बनाकर मुद्रा का आदान-प्रदान बढ़ाकर परस्पर ढांचागत सम्बन्ध बनाने की दिशा में काम करना चाहिए।उन्होंने कहा, ‘ब्रिक्स नेताओं ने लोगों के आपसी सहयोग को नियमित करने के प्रस्ताव को समर्थन दिया है ताकि उनके देशों में लोगों के बीच आपसी समझ और दोस्ती बढ़े।‘ शी ने आगे कहा, ‘इस साल ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के बीच लोगों के आपसी सहयोग को देखा गया। इन देशों के बीच विभिन्न इवेंट का भी आयोजन किया जा रहा है जैसे स्पोर्ट्स मीटिंग, फिल्म व सांस्कृतिक समारोह और पारंपरिक दवाइयों के कांफ्रेंस आदि। ब्रिक्स देशों के बीच अपने विधायिकाओं, राजनीतिक दलों, युवाओं, विचारकों और स्थानीय क्षेत्रों के मामले पर सक्रिय रूप से सहयोग देखा गया है।‘यह भी पढ़ें: ब्रिक्स की रेटिंग एजेंसी का जल्द गठन चाहता है भारतBy Monika minal Let's block ads! (Why?)