आजादी के 73 वर्ष बाद भाजपा की योगी सरकार ने लखनऊ में 'राष्ट्रपिता महात्मा गांधी' की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पर लगाई रोक!
क्या योगी सरकार राष्ट्रपिता के विरुद्ध कर रही है कोई साजिश?-
'लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष (उ•प्र•)- एस• एन• श्रीवास्तव' ने GPO स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने से रोकने का किया बिरोध - दी गिरफ़्तारी
लखनऊ (उ•प्र•): आजादी के 73 वर्ष बाद भी हिन्दुस्तान के उत्तर प्रदेश की राजधानी-लखनऊ में 'राष्ट्रपिता महात्मा गांधी' की प्रतिमा पर, आम जनता व जन-प्रतिनिधियों द्वारा माल्यार्पण करने पर योगी सरकार ने अघोषित रोक लगा दी है तथा जो भी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रतिमा पर माल्यार्पण हेतु पहुँच रहा है, उसे पुलिस गिरफ्तार कर रही है।
उपरोक्त दृश्य 25 सितम्बर 2020 को तब देखने को मिला जब उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 'लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष (उ•प्र•)- एस• एन• श्रीवास्तव' को GPO स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने से पुलिस ने रोक दिया और उन्हें अकेले भी माल्यार्पण करने नहीं जाने दिया जिस पर श्रीवास्तव ने अवज्ञा की और गिरफ्तारी दी।
जिला- प्रशासन के हस्तक्षेप पर पुलिस अधिकारी ने लोसपा प्रदेश अध्यक्ष- एस• एन• श्रीवास्तव से "महामहिम राज्यपाल महोदया को प्रेषित ज्ञापन और महामहिम राष्ट्रपति महोदय को प्रेषित ज्ञापन" ग्रहण कर उन्हें रिहा कर दिया गया।
तत्पश्चात लोसपा अध्यक्ष पार्टी के प्रतिनिधि मंडल के साथ प्रदेश कार्यालय में आये जहॉं पार्टी के प्रदेश सचिव- अधिवक्ता आई पी सिंह ने पार्टी की तरफ से आज के अवज्ञा आंदोलन करने और गिरफ़्तारी देकर शासन को झुकाने पर उनका माल्यार्पण कर स्वागत किया।
प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस को सम्बोधित करते हुए लोसपा प्रदेश अध्यक्ष- एस एन श्रीवास्तव ने राष्ट्रकवि दिनकर द्वारा रचित वही कविता सुनायी जिसे इन्द्रागाँधी द्वारा आपातकाल लगाने के बाद लोकनायक जय प्रकाश नारायण ने रामलीला मैदान में जुटे लगभग एक लाख लोगों के सामने सुनायी थी:
सिंहासन खाली करो कि, जनता आती है।
सदियों की ठंडी बुझी राख, सुगबुगा उठी है।।
मिट्टी सोने का ताज पहन इठलाती है,
दो राह, समय के रथ का घर्घर नाद सुनो।
सिंहासन खाली करो कि, जनता आती है।
लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष- एस• एन• श्रीवास्तव ने कड़े शब्दों में निन्दा करते हुए कहा कि, योगी सरकार के धरना व प्रदर्शन पर रोक लगाने के आदेश तो उचित हो सकते हैं परन्तु आजाद हिन्दुस्तान में आजादी के 73 वर्ष बाद भी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने से अघोषित रोक लगाना अचम्भित करने वाला है, अनुचित है और आशंकित करने वाला है कि, क्या योगी सरकार राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के विरुद्ध कोई साजिश तो नहीं कर रही है, क्योंकि एक तरफ जनता के सेवक - हमारे सेवक कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री - योगी जी अपने काफिले और भाजपाइयों के साथ लखनऊ में ही 'पंडित दीनदयाल उपाध्याय' की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि देते हैं और दूसरी तरफ योगी सरकार पुलिस लगाकर 'राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी' की प्रतिमा पर अकेले जाकर माल्यार्पण करने और पुष्पांजलि देने से रोकने और गिरफ्तार कराने का अनैतिक और संविधान विरुद्ध कार्य कर रही है।
एस• एन• श्रीवास्तव ने उत्तर प्रदेश के महामहिम राज्यपाल महोदया और मुख्यमंत्री-योगी जी से मांग की है कि, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर देश की जनता और जन-प्रतिनिधियों को माल्यार्पण करने से रोक लगाने के अघोषित आदेश को वापस ले।
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