केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भूविज्ञान और खनिज संसाधनों के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और फिनलैंड के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी
नई-दिल्ली (PIB): प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भूविज्ञान और खनिज संसाधनों के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत सरकार के खान मंत्रालय के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभागतथा फिनलैंड के रोजगार और आर्थिक मंत्रालय के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग (जियोलॉजियन तुत्कीमुस्केस्कु) के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी दे दी है।
यह समझौता ज्ञापन भूविज्ञान, प्रशिक्षण, खनिज पूर्वानुमान और उपयुक्तता विश्लेषण, 3/4 डी मॉडलिंग, भूकंपीय और अन्य भूभौतिकीय सर्वेक्षणों के लिए दोनों संगठनों के बीच वैज्ञानिक सहयोग को मजबूत बनाने की सुविधा प्रदान करता है।
इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य परस्पर आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय लाभ के लिए प्रतिभागियों के बीच भूविज्ञान और खनिज संसाधनों के क्षेत्रों में अन्वेषण और खनन को बढ़ावा देने,भूवैज्ञानिक डेटा प्रबंधन और सूचना प्रसार पर अनुभव साझा करने के लिए परस्पर सहयोग को बढ़ावा देने हेतु एक फ्रेमवर्क और मंच उपलब्ध कराना है।
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) भारत सरकार का एक प्रमुख भू-वैज्ञानिक संगठन है जो राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक सूचनाओं का लगातार अद्यतन करने और खनिज संसाधनों के मूल्यांकन के मामले में एक अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्थान है।संस्थान द्वारा इन उद्धेश्यों की प्राप्ति जमीनी सर्वेक्षण, हवाई और समुद्री सर्वेक्षण, खनिज पूर्वेक्षण और जांच, बहु-विषयक भू-वैज्ञानिक, भू-तकनीकी, भू-पर्यावरणीय और प्राकृतिक खतरों के अध्ययन, ग्लेशियोलॉजी, सियोटोटेक्टोनिक अध्ययन और मौलिक अनुसंधानों के माध्यम से की जाती है।
फिनलैंड के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग को खनिज पूर्वानुमान, आपदा प्रबंधन,पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन तथा सामाजिक-आर्थिक महत्व के अन्य क्षेत्रों के लिए 3 / 4D पर विशेष जोर देते हुए स्थानिक मंच का उपयोग करते हुए बहु-विषयक डेटा एकीकरण और विश्लेषण की विशेषज्ञता हासिल है। साथ ही उसे जीआईएस आधारित मॉडलिंग का न्यूनतम ज्ञान रखने वाले उपयोगकर्ताओं द्वारा इस्तेमाल किए जा सकने वाली निर्णय समर्थन प्रणाली विकसित करने में भी दक्षता हासिल है।
swatantrabharatnews.com