COVID-19: नवाचार बढ़ाने के लिएअटल इनोवेशन मिशन को मिला सीएसआईआर का साथ: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
नई-दिल्ली, 07 जून 2020 (PIB): विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि, विभिन्न क्षेत्रों मेंनवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए की जा रही एक नयी पहल के अंतर्गत वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और अटल इनोवेशन मिशन के बीच शुक्रवार को एक नया करार किया गया है। इस अवसर पर सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ शेखर सी. मांडे, नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ राजीव कुमार, नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत और दोनों संस्थानों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
सीएसआईआर को मुख्य रूप से विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी केंद्रित अनुसंधान एवं विकास के लिए जाना जाता है। जबकि, अटल इनोवेशन मिशन भारत सरकार की एक फ्लैगशिप परियोजना है, जिसे देश में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू किया गया है।
इस नई साझेदारी से नवाचारों के नये मॉडल्स पर आधारित संयुक्त प्रयासों, सीएसआईआर इनोवेशन पार्कों की स्थापना और अटल इनोवेशन मिशन के अंतर्गत सीएसआईआर इन्क्यूबेटर्स के जरिये विश्व स्तरीय स्टार्ट-अप को समर्थन मिल सकता है।
सीएसआईआर अपने मजबूत पेटेंट पोर्टफोलियो, ज्ञान के आधार और शोधकर्ताओं की मदद सेअटल इनोवेशन मिशन, जो अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए नीतियों पर काम कर रहा है, के साथ मिलकर देश में नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत कर सकता है।
इस साझेदारी के तहत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को प्रमुखता से बढ़ावा देने की बात कही जा रही है। अटल इनोवेशन मिशन के अंतर्गत संचालित ‘अटल रिसर्च इनिशिएटिव फॉर स्माल एंटरप्राइजेस’ सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कार्य करता है, तो सीएसआईआर द्वारा विकसित प्रौद्योगिकियां भी इसी तरह के उद्योगों के लिए मददगार साबित हुई हैं।
इस पहल के तहत स्कूली छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के प्रयास भी किए जाएंगे। अटल टिंकरिंग लैब्स और जिज्ञासा नामक परियोजनाएं इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। सीएसआईआर द्वारा संचालित जिज्ञासा परियोजना के तहत अब तक तीन लाख से अधिक स्कूली बच्चों को वैज्ञानिकों से सीधा साक्षात्कार करने या फिर वैज्ञानिक प्रयोगशालाओं में जाने का मौका मिला है।
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