'दो तरह' के नए नोट पर संसद में बरपा हंगामा
कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल। नई दिल्लीनए बैंक नोट की छपाई को लेकर कांग्रेस पार्टी ने राज्यसभा में जमकर बवाल काटा। पार्टी का आरोप है कि सरकार एक ही डिनोमिनेशन के दो अलग-अलग प्रकार के नोट छाप रही है। यह मामला सदन में तब उठा जब कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल ने अपने साथ लाई एक ही नोट की दो तरह की फोटोकॉपी दिखाई। उन्होंने कहा कि उन्हें पता चल गया है कि सरकार ने नोटबंदी क्यों की। सिब्बल ने कहा' 'रिजर्व बैंक दो तरह के नोट छाप रहा है, अलग-अलग साइज के, अलग-अलग डिजाइन के, अलग-अलग फीचर्स के।' उन्होंने कहा, 'आज हमें पता चला है कि ऐसा क्यों हो रहा है? जो नोट बीजेपी कार्यकर्ता के पास इलेक्शन के दौरान आए, वो यही नोट हैं।' पढ़ें: राज्यसभा में नरेश अग्रवाल ने उठाया 2000 रुपये के नोटों की छपाई का मुद्दाEven more 'Discrepancies' as one compares ₹500 note. People need to know the reason.5/n https://t.co/ppRsMbP6tD— Randeep S Surjewala (@rssurjewala) 1502185422000सिब्बल की ओर से यह आरोप लगाते ही सदन में मौजूद कांग्रेस पार्टी के तमाम संसद शेम-शेम करते हुए चिल्लाने लगे। विपक्ष की ओर से नेता सदन गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह इस सदी का सबसे बड़ा घोटाला है। दो किस्म के हजार के नोट और दो किस्म के पांच सौ के नोट छापे गए हैं। एक पार्टी चलाए और एक सरकार चलाए। आजाद ने कहा, 'इतनी भ्रष्ट सरकार को पांच मिनट भी सत्ता में रहने का हक नहीं है।' इसे भी पढ़ें: अब छोटे नोटों पर जोर, क्या बंद होगा 2000 का नोट?इस पर जेडी(यू) सांसद शरद यादव ने भी कहा कि यह कोई छोटी बात नहीं है। सरकार को जवाब देना होगा। एक ही मूल्य के दो तरह के नोट नहीं छापे जा सकते। एक नोट छोटे हैं और एक बड़े। इस पर उपसभापति ने कहा कि वह इस मामले के एक्सपर्ट नहीं हैं। इसलिए सांसदों को अलग से नोटिस देना होगा, तभी इस मुद्दे पर कोई चर्चा हो सकती है। विपक्षी सांसदों के शोरगुल के बीच बीजेपी सांसद और आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आपने (कांग्रेस ने) हमेशा भ्रष्टों को बचाया। ऐसे बेबुनियाद आरोप नहीं लगाया करें। फिर सत्ता पक्ष के नेता सदन मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि पहले तो यह पता करना चाहिए कि इन्होंने नोट कहां से लाए? फिर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष पर शून्य काल का वक्त बर्बाद करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'आप जब चाहें कागज उछाल कर पॉइंट ऑफ ऑर्डर का हवाला देने लगते हैं। इस तरह का गैर-जिम्मेदाराना रवैया बहुत दुखद है। विपक्ष जीरो आवर को लगातार डिस्टर्ब कर रहा है।' बहरहाल, उपसभापति के लगातार अलग नोटिस देने की अपील के बाद भी हंगामा नहीं थमा तो सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।इस खबर को गुजराती में पढ़ेंLet's block ads! (Why?)