कोविड-19: सीएसआईआर और एनएएल ने कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा कवर सूट विकसित किया: विज्ञान और प्रौद्योगिक मंत्रालय
नई-दिल्ली: विज्ञान और प्रौद्योगिक मंत्रालय ने आज शनिवार को विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि, वैज्ञानिक एंव औद्यौगिक अनुसंधान परिषद् (सीएसआईआर) की घटक, बेंगलूरु स्थित राष्ट्रीय वांतरिक्ष प्रयोगशाला ने एमएएफ क्लोदिंग्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर पॉलीप्रोपलीन लेपित कई लेयरों वाला बिना बुना हुआ कपड़े का एक ऐसा सुरक्षा सूट बनाया है जिसका इस्तेमाल कोविड-19 शमन के लिए चौबीसों घंटे काम करने वाले डॉक्टर, नर्स, अर्धचिकित्साकर्मियों और अन्य तरह के स्वास्थ्य सेवा कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किया जा सकता है।
सीएसआईआरके डॉ.हरीश सी बरशिलिया तथा डा.एमएस हेमंत कुमार शुक्ला और एमएएफ के श्री एम जे विजु की नेतृत्व वाली टीम ने उपयुक्त स्वदेशी सामग्री और नवीन विनिर्माण प्रक्रियाओं की पहचान करके समस्या का समाधान खोजने के लिए तेजी से काम किया है।
इन सूटों को कोयंबत्तूर के दक्षिण भारत कपड़ा अनुसंधान संध (एसआईटीआरए) की प्रयोगशाला में कड़े परीक्षण के बाद उपयोग के योग्य माना गया है। सीएसआईआर और एनएल तथा एमएएफ ने ऐसे सूट बनाने के लिए चार सप्ताहके भीतर अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाकर प्रति दिन लगभग 30,000 करने की योजना बनाई है।
सीएसआईआर-एनएएल के निदेशक श्री जितेंद्रजे जाधव ने कहा है कि इन सूटों का मुख्य लाभ यह है कि वे अन्य निर्माताओं द्वारा बनाए गए सूटों की तुलना में कीमत के हिसाब से काफी प्रतिस्पर्धी हैं और इनमें किसी प्रकार की आयातित सामग्री का इस्तेमाल नहीं किया गया है।उन्होंने विकास और प्रक्रिया में तेजी लाकर देश की जरूरत के लिए चौबीसों घंटे काम करने के लिए एनएएल,एमएएफ तथा एसआईटीआर की टीमों के प्रयासों की सराहना की।
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