डॉ हर्षवर्धन ने कोविड-19 पर काबू पाने की तैयारियों का जायजा लेने के लिए एम्स, झज्जर का दौरा किया
"लॉकडाउन और सामाजिक दूरी: कोविड-19 के खिलाफ एक प्रभावकारी सामाजिक टीका है" कोविड-19 के लिए समर्पित अस्पताल के रूप में एम्स, झज्जर काम करेगा
नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, डॉ हर्षवर्धन ने आज अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), झज्जर का दौरा किया और कोविड-19 पर काबू पाने की तैयारियों का जायजा लिया।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि एम्स, झज्जर 300 बिस्तरों वाले आइसोलेशन वार्डों से युक्त है और यह कोविड-19 के समर्पित अस्पताल के रूप में कार्य करेगा, जहां पर उन्नत चिकित्सा सहायता की आवश्यकता वाले मरीजों के लिए त्वरित देखभाल सुनिश्चित की जाएगी। अपनी समीक्षा यात्रा के दौरान, उन्होंने नवीनतम तकनीकी युक्त भवन में, कोविड-19 रोगियों के लिए अलगाव की सुविधा वाले विभिन्न सुविधाओं का दौरा किया, साथ ही डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के आवासीय क्वार्टर, विश्राम सदन का भी दौरा किया। अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने कोविड-19 से प्रभावित कुछ रोगियों से फोन पर वीडियो कॉल के माध्यम से बातचीत की और उनका हालचाल पूछा। मंत्री ने उनसे एम्स, झज्जर में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में प्रतिक्रिया भी मांगी, जिससे उसमें आवश्यक सुधारों को किए जा सकें।
डॉ. हर्षवर्धन ने डिजिटल प्लेटफॉर्म और वीडियो/ वॉयस कॉल तकनीकों का उपयोग करके कोविड-19 के पुष्ट और संदिग्ध मामलों की 24X7 निगरानी को सुनिश्चित करने के लिए एम्स, झज्जर की सराहना की। उन्होंने कहा: “पिछले कुछ दिनों में, कोविड-19 की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए मैं विभिन्न अस्पतालों एम्स (दिल्ली), एलएनजेपी, आरएमएल, सफदरजंग और अब एम्स, झज्जर का दौरा कर रहा हूं। इस परीक्षा की घड़ी में, हमारे स्वास्थ्य योद्धाओं का उच्च मनोबल देखकर हार्दिक प्रसन्नता होती है।” यह बताते हुए कि महामारी से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए इन अस्पतालों द्वारा की गई व्यवस्थाओं से वे पूरी तरह संतुष्ट हैं, उन्होंने कोविड-19 से निपटने में सभी अग्रिम देखभाल करनेवालों, जैसे नर्सों, डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की उनके लचीलेपन, कड़ी मेहनत, समर्पण और प्रतिबद्धता के लिए सराहना की।
मरीजों और उनके रिश्तेदारों द्वारा डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के साथ अपनाए जाने वाले बहिष्कार जैसे मुद्दे पर, उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने ऐसी घटनाओं को संज्ञान में लिया है और प्राधिकारियों को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत कठोर कार्रवाई करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा “अब हमारे डॉक्टरों और स्वास्थ्य योद्धाओं को बिना किसी डर के काम करना चाहिए क्योंकि उनके साथ सरकार पूरी ताकत के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्यकर्मी इस लड़ाई को जारी रखने के लिए हमारे सम्मान, समर्थन और सहयोग के पात्र हैं।”
इसके आगे, मंत्री ने कहा कि देश में कोविड-19 की रोकथाम, निय़ंत्रण और प्रबंधन की उच्चतम स्तर पर निगरानी की जा रही है और राज्यों के सहयोग से विभिन्न कार्रवाईयों की शुरूआत की गई है। उन्होंने बताया कि माननीय प्रधानमंत्री द्वारा संबंधित मंत्रालयों/ विभागों और राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के शीर्ष अधिकारियों के साथ स्थिति की नियमित रूप से निगरानी और समीक्षा की जा रही है।
डॉ. हर्षवर्धन ने भारत के नागरिकों से आग्रह किया कि वे लॉकडाउन का अक्षरशः पालन करें और उसे कोविड-19 के प्रसार में कमी लाने के लिए एक प्रभावी हस्तक्षेप के रूप में देखें। उन्होंने कहा, "पूरी दुनिया में लोग दिन-रात काम पर लगे हुए हैं जिससे कि इस खूंखार वायरस के खिलाफ एक वैक्सीन तैयार किया जा सके और जब तक यह तैयार नहीं हो जाता है, हमें लॉकडाउन और सामाजिक दूरी के संयोजन को कोविड-19 के खिलाफ एक प्रभावी सोशल टीका मान लेना चाहिए।"
पीपीई, एन95 और वेंटिलेटर की उपलब्धता पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "इसकी पर्याप्त मात्रा के लिए हम पहले ही आदेश दे चुके हैं जिससे कि भविष्य में इस देश में जरूरत पड़ने पर इनकी बढ़ती आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।
उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री द्वारा देश के साथ एकजुटता दिखाने और देश को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने के लिए किए गए आह्वान पर, लोगों से आग्रह किया कि वे रात के 09 बजे आगे आएं और एक दीपक जलाएं।
उपरोक्त जानकारी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने जारी कि है।
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