व्यंग्य: प्यार के बाजार में कोरोना का ताला: नवेन्दु उन्मेष
कोरोना ने लोगों के प्यार पर भी ताले लगा जड दिये हैं। कोरोना के कारण आदमी, आदमी से कट गया है। आदमी, आदमी में बंट गया है। अब कोई सड़कों पर नहीं मिलता। मिलता भी है तो देखकर कटने का प्रयास करता है। बाजार और माल बंद हैं। कभी प्रेमी जोड़े माल और पार्क में प्रेमालाप करने के लिए जाया करते थे लेकिन वहां भी अब ताले जड़े हैं। इस कारण प्यार का सेंसेक्स भी गिर चुका है। प्यार करने वाल सोच रहे हैं, कब प्यार के बाजार में उछाल आये कि वे एक दूसरे को आइ लव यू कह सकें। दफ्तर में लोग प्रेम से बायोमीट्रिक प्रणाली से हाजिरी बनाते थे। दफ्तर में आते ही बायोमीट्रिक मशीन पर अंगुली दबाने के लिए टूट पड़ते थे। लेकिन अब वह भी बंद हो चुका है।
जिन हाथों से अपनी प्रेमिका के लिए शापिंग करते थे उस पर भी ताला लग चुका है। उन्हें बार-बार हाथ धोने के लिए कहा जा रहा है। लोगों को कहा जा रहा है कि, शहर में इधर।उधर नहीं भटकें। घर में रहें। लेकिन लोगों को घर में बीवी की कोरोना का भी डर है। लोग करें तो क्या करें।घर में बीवी की कोरोना का डर है तो बाहर कोरोना वायरस का।
कोरोना के डर से आंदोलन करने वाले भी घर में बैठे हैं। शहर में आंदोलनों का शोर अब बंद हो चुका है। इससे जाहिर होता है कि लोगों की समस्याएं कोरोना के डर से कम हुई हैं। इस कारण सरकार से मांग करना बंद कर दिया। मांगों को लेकर किया जाने वाला धरना-प्रदर्शन भी बंद हो चुका है। प्रशासनिक अधिकारी से लेकर सरकार तक आंदोलनों से निजात पा चुके है।
कारोना का एक लाभ तो देखने को मिल रहा है। धर्म और सम्प्रदाय को लेकर किये जा रहे विभेद भी खत्म हो गये हैं। हर धर्म और सम्प्रदाय के लोग कोरोना के डर से अपनी खैरियत मना रहे हैं। कोरोना ने दो देशों के बीच खेले जाने वाले क्रिकेट को भी बंद करा दिया है। जाहिर है कोरोना ने क्रिकेट के प्रेमियों पर भी पहरा बैठा दिया है कि देखते हैं कैसे खेलते हो क्रिकेट।
पहले बीवी प्रत्येक छुट्टी के दिन पति से घूमने।फिरने या माल जाने के लिए जिद्द करती थी। लेकिन कोरोना ने बीवी की शापिंग और सिनेमा पर भी ताले जड़ दिये हैं। अब बीवियां खुद अपने पति को कहीं नहीं जाने की हिदायत देती हैं। कहती है शहर में कोरोना का अंदेशा है कहीं जाने की जरूरत नहीं है। घर में बैठकर टीवी चैनलों पर कोरोना का प्रवचन सुनों। टीवी चैनलों का एंकर इस तरह कोरोना पर प्रवचन करता है जैसे वह खुद अभी।अभी चीन के दौरे से आया हो। यहां तक कि कोरोना ने मियां।बीवी में बोलचाल भी बंद करा दिया है। अब दोनों के मुंह पर मास्क लगा है। पति पत्नी का चेहरा देखता है तो पत्नी पति का। दोनों के बीच कम बातचीत होती है। इस लिए थाने में भी पति-पत्नी के झगड़े के मामले कम आ रहे हैं।
व्यापारी कोरोना को कोस रहे हैं। कह रहे है कि कोरोना ने तो बाजार को ही मंदा कर दिया है। अस्पताल का हाल यह है कि वहां आने वाला हर मरीज डाक्टर को कोरोना का पेसेंट नजर आता है। मरीज को देखकर सबसे पहले वह दूर से ही अनुमान लगाने का प्रयास करता है कि कहीं आगंतुक कोरोना का मरीज तो नहीं है।
जहिर है प्यार के बाजार में हर तरफ कोरोना का पहरा है। यहां कोई परिंदा भी पर नहीं मार सकता है। कहीं।कहीं तो 144 धारा लागू कर दिया गया है। एक साथ चार आदमी खड़े होकर प्यार भी भरी बातें एक दूसरे से कर नहीं सकते हैं। अगर पकड़े गये तो जेल जाने का भी डर है। रेलवे वे प्यार में यात्रियों को कंबल और चादर देना बंद कर दिया है।
नवविवाहित जोड़ों का हनीमून ट्रिप बंद है। हनीमूनधारी होटल वाले रो रहे हैं। कह रहे हैं कोरोना ने हनीमून पर भी पहना लगा दिया है। अब तो मंदिरों में भगवान भी मास्क पहनकर बैठे हैं ताकि कोई भक्त आकर उन्हें कोरोना का वायरस न दे जाये। कई मंदिरों में भक्तों को अर्धा तक जाने की अनुमति हैं। दूर से भगवान का दर्शन करो और भागो।
सिर्फ गांधीवादी बैल आंखों में पट्टी बांधे कोल्हू पर दौड़ता हुआ नजर आ रहा है और कह रहा है कि देश के लोगों ने हम बैलों को भुला दिया इस लिए उन्हें अब मुंह में पर्दा डालकर चलना पड़ रहा है। बैल यह भी कह रहा है कि तुम लोगों ने मेरी आंखों में पट्टी बांधकर कोल्हू में मुझे चला दिया। इस लिए कोरोना ने तुम लोगों के मुंह में पट्टी डालकर तुम्हारा मुंह बंद करा दिया। मेरी आंखें बंद हैं और तुम्हारा मुंह। इसे ही कहा जाता है- "प्यार में कभी-कभी ऐसा भी होता है।"
नवेन्दु उन्मेष
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