
देश में कोरोना कम, सरकारोना जियादा फैल रहा है: रघु ठाकुर
नई-दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी को लेकर प्रधानमंत्री- मोदी द्वारा रघु ठाकुर ने 22 मार्च- रविवार को घरों में रहने की अपील तथा जनता कर्फ्यू की अपील करने पर शोसल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लिखा है कि, प्रधानमंत्री- श्री मोदी जी ने अपने स्वभाव व तरीके के अनुसार अचानक 22 मार्च- रविवार को घरों में रहने की अपील की तथा जनता कर्फ्यू की अपील की है।"
रघु ठाकुर ने लिखा है कि, जनता कर्फ्यू का प्रयोग 1974 में गुजरात और फिर जेपी आंदोलन में हुआ था। शायद ही दुनिया में किसी और सरकार ने स्वतः जनता से कर्फ्यू लगाने वाले को कहा हो। सरकारें कर्फ्यू तो लगाती रहीं हैं पर जनता से कर्फ्यू की सरकारी अपील के खतरे हैं। जमीनी स्तर पर इससे विवाद भी हो सकते हैं। परन्तु, यह आश्चर्य है कि श्री मोदी जी ने__
1. सेनिटाइजर और मास्क को पूर्व की दरों पर बेचने की या सरकार की ओर से उपलब्ध कराने की बात क्यों नहीं की, जो खुले बाजार में 20 गुने से भी अधिक की कीमत पर बेचे जा रहे हैं।
2. इस अचानक की गई घोषणा से लाखों यात्रियों को टिकिट रद्द कराना पड़े हैं और रेलवे ने अरबों रूपये कमा लिये या एक अर्थ में लूट लिये, जबकि उन्हें रेलवे को आदेश देना था कि कोरोना वायरस महामारी और उनके द्वारा लगवाए जा रहे कर्फ्यू की वजह से रेल टिकट निरस्त करने वाले यात्रियों को पूरा पैसा वापिस किया जाय।
3. कोरोना के नाम पर रेलवे ने प्लेटफार्म टिकिट का दाम 50रु कर दिया। क्या यह न्यायसंगत है?-
4. कम्बल आदि नहीं देने से धुलाई खर्च सरकार का बचेगा परन्तु सरकार ने गुपचुप वरिष्ठ नागरिक की 30% की छूट समाप्त कर दी।
रघु ठाकुर ने लिखा है कि, "ऐसा लग रहा है कि कोरोना के नाम से देश को डराकर सरकार अपने छिपे लक्ष्यों को पूरा कर रही है। प्रधानमंत्री जी, 19 मार्च से 24 मार्च तक रद्द कराए गए टिकिटों की आमदनी देश को बतायें।
दरअसल देश में कोरोना कम सरकारोना जियादा फैल रहा है।"
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