मैं हर्ष और उनके पिताजी हिमांशु जी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूँ, आप देश के सभी बच्चों के लिए एक प्रेरणास्रोत हैं । #FitIndiaMovement #BanSingleUsePlastic#SamagraShikshaJalSuraksha
केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री- रमेश पोखरियाल निशंक ने केन्द्रीय विद्यालय के छात्र- हर्ष पंडित को एक नेक संकल्प के साथ जबलपुर से दिल्ली तक दौड़ लगाने के प्रयासों लगाने के लिए सम्मानित किया
केन्द्रीय विद्यालय के छात्र हर्ष पंडित ने 18 दिनों में 900 किलोमीटर मैराथन पूरी की: मानव संसाधन विकास मंत्रालय
नई-दिल्ली: केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने आज नई दिल्ली में केन्द्रीय विद्यालय संख्या 2, जीसीएफ जबलपुर के सातवीं कक्षा के छात्र हर्ष पंडित से मुलाकात की। हर्ष पंडित जबलपुर से मैराथन दौड़ पर है और अंतत: वे आज नई दिल्ली के इंडिया गेट पर पहुंच गये। हर्ष पंडित ने जबलपुर से 26 जनवरी, 2020 को मैराथन शुरू किया था और प्रदूषण और प्लास्टिक मुक्त भारत तथा जल संरक्षण के संदेश के साथ 18 दिनों में लगभग 900 किलोमीटर मैराथन दौड़ लगाकर दिल्ली पहुंचा।
केन्द्रीय मंत्री ने एक नेक संकल्प के लिए जबलपुर से दिल्ली तक दौड़ लगाने के प्रयासों को लेकर हर्ष की सराहना की। श्री निशंक ने प्लास्टिक मुक्त भारत तथा जल संरक्षण की दिशा में इस जागरूकता को आगे बढ़ाने के लिए छात्र तथा उसके परिजनों को प्रेरित किया। मानव संसाधन विकास मंत्री ने सभी छात्रों से कहा कि वे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जागरूकता अभियान चलाएं।
केन्द्रीय विद्यालय संगठन के आयुक्त श्री संतोष कुमार मल्ल ने केन्द्रीय विद्यालय संगठन के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इंडिया गेट पर युवा एथलीट का स्वागत किया। उन्होंने प्लास्टिक मुक्त भारत तथा जल संरक्षण के संकल्प के लिए इस लंबी मैराथन को पूरा करने के लिए छात्र और उसके परिजनों को बधाई दी।
इंडिया गेट के अमर जवान ज्योति में केन्द्रीय विद्यालय के छात्रों एवं शिक्षकों की उत्साहवर्धक भीड़ ने हर्ष का स्वागत किया। कम उम्र में इस सफलता से हर्ष अत्यंत प्रसन्न हुआ। हर्ष के पिता श्री हिमांशु पंडित भी मैराथन दौड़ में अपने पुत्र का साथ दे रहे थे। अपने अंतिम लक्ष्य तक पहुंचने के क्रम में हर्ष ने प्रतिदिन औसतन 50 किलोमीटर की दूरी तय की।
इस लंबी मैराथन के पीछे अपने उद्देश्यों के बारे में हर्ष ने कहा कि मैं प्लास्टिक मुक्त भारत और जल संरक्षण के संदेश को फैलाने के लिए प्रेरित हुआ। इस लक्ष्य को पाने के लिए मेरे पिता ने मेरा पूरा साथ दिया। नैतिक समर्थन प्रदान करने के लिए मैं अपने शिक्षकों और प्रधानाचार्यों का भी आभारी हूं।
हर्ष का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिए सुझाए जाने की संभावना है।
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