VIDEO: देश की मुख्य समस्या है *बेरोजगारी और भ्रष्टाचार*
लखनऊ: लोकतान्त्रिक समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष (उत्तर प्रदेश)- एस. एन. श्रीवास्तव ने बुद्धवार को प्रेसवार्ता कर अपना बयान जारी किया।
लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष (उत्तर प्रदेश)- एस एन श्रीवास्तव ने अपने बयान में कहा कि, "इस देश की मुख्य समस्या "बेरोजगारी" है और "भ्रष्टाचार" है। "बेरोजगारी और भ्रष्टाचार" से ध्यान भटकाने के लिए सरकार तरह-तरह के मुद्दों को एक-एक करके लाती है।"
उन्होंने कहा कि, प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय कैडेट कोर (एन सी सी) की वार्षिक रैली को सम्बोधित करते हुए मंगलवार को कहा गया कि, "उनकी सरकार "ऐतिहासिक अन्याय" को दुरुस्त करने और पडोसी देशों में रह रहे अल्पसंख्यकों से किये गए भारत के "पुराने वादे" को पूरा करने के लिए 'संशोधित नागरिकता क़ानून (सीएए)' लेकर आयी है।............. उनकी सरकार देश को परेशान कर रही दशकों पुरानी समस्याओं को सुलझाने का प्रयास कर रही है....।"
उक्त पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लोसपा के प्रदेश अध्यक्ष (उत्तर प्रदेश) तथा लखनऊ कैंट विधान सभा क्षेत्र से दो बार चुनाव लड़ चुके मजदूर नेता- एस एन श्रीवास्तव ने प्रधानमंत्री/ प्रधानसेवक और मुख्यमंत्री से पूछा कि,
क्या देश की 130 करोड़ जनता और देश के बेरोजगारों को रोजगार देने के वादे को पूरा नहीं करना तथा सार्वजनिक उपक्रमों को बंद कर/ बेच कर मूल-नागरिकों के हाथों से रोजगार छीनना, ऐतिहासिक अन्याय, भ्रष्टाचार और देश द्रोह नहीं है?-
क्या राष्ट्रीय संपत्ति को बेचना भ्रष्टाचार & देश द्रोह नहीं है, क्या यह ऐतिहासिक अन्याय नहीं है?-
लोसपा प्रदेश अध्यक्ष (उत्तर प्रदेश)- एस एन श्रीवास्तव ने कहा क़ि, भाजपा सरकार ने विदेशी चंदा नियमन कानून (एफसीआरए) में और वित्तअधिनियम में संशोधन करके भाजपा और कांग्रेस दोनों को दिल्ली उच्च न्यायलय के वर्ष 2014 के उस फैसले से बचाया जिसमें दोनों दलों को विदेशी चंदा नियमन कानून (FCRA) का दोषी पाया गया था तथा इस संसोधन के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ली थीं क्योंकि, दिल्ली उच्च न्यायलय का आदेश उक्त संसोधन के बाद निष्प्रभावी हो गया था।
विदेशी कंपनी की परिभाषा को संशोधित किया गया कि, अगर किसी कंपनी में 50 प्रतिशत से कम शेयर पूंजी विदेशी इकाई के पास है तो वह विदेशी कंपनी नहीं कही जायेगी। इस संबंध में कानून में संशोधन को लोकसभा ने बिना किसी चर्चा के पारित कर दिया था। इस संसोधन के बाद राजनीतिक दलों को 1976 के बाद मिले विदेशी चंदे की अब जांच नहीं हो सकेगी।
क्या यह ऐतिहासिक अन्याय, भ्रष्टाचार और देश द्रोह नहीं है?-
लोसपा प्रदेश अध्यक्ष- एस एन श्रीवास्तव ने मोदी सरकार/ योगी सरकार तथा राजनैतिक दलों पर इलेक्टोरल बांड के माध्यम से हो रहे आज-तक के सबसे बड़े भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और कहा कि, "RTI से खुलासा हुआ है कि, एक साल में करीब 600 करोड़ के चुनावी बॉन्ड ख़रीदे गए हैं तथा अकेले दिल्ली में 80 फीसदी बॉन्ड भुनाए गए हैं।"
क्या इलेक्टोरल बांड खरीदने वाले और भुनाने वाले का नाम सार्वजनिक नहीं करना ऐतिहासिक अन्याय और आज तक का सबसे बड़ा भ्रस्टाचार नहीं है?-
"यदि ऐसा नहीं है तो, सरकार 'इलेक्टोरल बांड की राशि और बांड खरीदने वालों के नाम' तथा किसको कितना दिया गया, उनके नाम और राशि तीन दिन के अंदर सार्वजनिक करें।
लोसपा प्रदेश अध्यक्ष- एस. एन. श्रीवास्तव ने कहा कि, 20 जनवरी 2020 को NDTV इंडिया पर प्रसारित ख़बरों में बताया गया है कि, सुप्रीम कोर्ट में एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म ने अर्जी में इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम 2018 पर रोक लगाने की मांग की है तथा एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म ने उच्च न्यायलय में दाखिल अपनी याचिका में कहा है कि चुनावी बॉन्ड के तहत चंदा देने वाले का पहचान गोपनीय रखी जाती है। विदेशों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष चंदे देने वालों की जानकारी भी नहीं मिलती राजनीतिक पार्टियां भी चंदा देने वाले का नाम सार्वजनिक नही करती है।
VIDEO: रवीश कुमार का प्राइम टाइम: चुनाव में चंदा देने वाले की पहचान छुपाने का क्या मकसद?
सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड पर रोक लगाने से फिलहाल इनकार कर दिया है। कोर्ट ने एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म की अर्जी पर सुनवाई करते हुए कहा कि फिलहाल चुनावी बॉन्ड पर कोई रोक नहीं लगाई जाएगी और इस मुद्दे पर दो हफ्ते बाद अदालत फिर से सुनवाई करेगी साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में इस मुद्दे पर जवाब दाखिल करने को कहा है। याचिकाकर्ता की ओर से प्रशांत भूषण ने कहा कि हर चुनाव में सत्ताधारी पार्टी को बड़ी रकम चंदे में मिल रही है अदालत को इस पर रोक लगानी चाहिए।
लोसपा प्रदेश अध्यक्ष- एस. एन. श्रीवास्तव ने कहा कि, सरकार जब राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की 150 वीं वर्षगांठ मना रही हो, उसी समय प्रदेश में रात के दो बजे तक और भोर के चार बजे तक शराब की बिक्री की अनुमति देना, आबकारी नीति का उल्लंघन करके शिक्षण संस्थानों, कारखानों और पार्कों के पास एवं आवासीय कालोनियों में शराब और वियर की सरकारी दुकानों को खोलना, क्या राष्ट्रपिता- महात्मा गाँधी का अपमान नहीं है और यह ऐतिहासिक गलती नहीं है?-
लोसपा प्रदेश अध्यक्ष- एस. एन. श्रीवास्तव ने पूछा कि, शिक्षण संस्थानों व पार्कों के पास और आवासीय कालोनियों में, गली-गली में शराब की दुकानों और स्पा/मसाज की दुकानों को खुलवाकर देश की कौन सी संस्कृति या नैतिकता बचाने या संस्कार डालने का सरकार प्रयास कर रही है?-
लोसपा प्रदेश अध्यक्ष- एस. एन. श्रीवास्तव ने कहा कि, "योगी जी गोरखनाथ मंदिर से आते हैं। क्या सत्ता में आकर योगी जी भोगी हो गए हैं"?-
लोसपा प्रदेश अध्यक्ष- एस. एन. श्रीवास्तव ने राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की 150 वीं वर्षगांठ के अवसर पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार से आबकारी नीति का उल्लंघन करके शिक्षण संस्थानों, कारखानों और पार्कों के पास एवं आवासीय कालोनियों में खोले गए शराब और वियर की सरकारी दुकानों को अविलम्ब बंद कराते हुए प्रदेश और देश में पूर्ण नशाबंदी लागू करने की मांग की है।
लोसपा प्रदेश अध्यक्ष - श्रीवास्तव ने कहा कि, CAA में भी सरकार ने विदेशी चंदा नियमन कानून (FCRA) के संशोधन की तरह ही नागरिकता संसोधन कानून लेकर आयी है तथा घुसपैठियों (illegal migrants) की कट ऑफ़ डेट 31 दिसंबर 2014 करके तथा भारत में रहने की समय सीमा- 11 वर्ष के स्थान पर 5 वर्ष करके देश के बाहर से आये सभी घुसपैठियों को (मुसलमान छोड़कर) भारत का नागरिक बनाने का प्रयास किया है, तथा अल्पसंख्यक में "मुस्लिम" साइलेंट करके देश में जातिगत विद्वेष फ़ैलाने का कार्य किया गया है और CAA के बिरोध में शांतिपूर्वक किये जा रहे विरोध को कुचलने के लिए सरकार धारा-144 का दुरपयोग तथा लखनऊ के घंटाघर पर धरना दे रहे महिलाओं और बच्चों को उत्पीड़ित करने के लिए तथा शांतिपूर्ण आंदोलन को कुचलने के लिए सार्वजनिक मूत्रालयों/ शौचालयों को नगर निगम द्वारा ताला लगवाकर बंद करा रही है।
क्या शांतिपूर्ण तरीके से धरना दे रही अपने ही देश की महिलाओं और बच्चों को उत्पीड़ित करना ऐतिहासिक गलती और देश द्रोह नहीं है?
लोसपा प्रदेश अध्यक्ष- एस. एन. श्रीवास्तव ने केन्द्र सरकार से मांग की कि, CAA को पुनः संसोधित करके धर्म के आधार के स्थान पर केवल "अल्पसंख्यक" शब्द का समावेश करे तथा घुसपैठियों की भारत में रहने की समय-सीमा - पूर्ववत 11 वर्ष करे जिससे देश शांत हो सके।
उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि, लखनऊ के घंटाघर पर महिलाओं और बच्चों द्वारा चलाये जा रहे धरने को कुचलने के लिए सार्वजनिक मूत्रालयों/ शौचालयों को तुरंत खुलवाकर जन-सुबिधायें उपलब्ध कराये तथा आम जनता/ राजनैतिक दलों/ समूहों के शांतिपूर्ण धरने या प्रदर्शन को रोकने के लिए धारा- 144 का दुर्पयोग बंद कर शांतिपूर्ण धरने और प्रदर्शन पर रोक लगाने की ऐतिहासिक गलती को सुधारे और अपनी मांगो को लेकर धरना देने के लिए जिला प्रशासन से अनुमति लेने की बाध्यता समाप्त करे।
प्रदेश अध्यक्ष लोसपा- एस. एन. श्रीवास्तव ने प्रधानमंत्री द्वारा उदघाटन किये और लखनऊ की शान कहे जाने वाले लखनऊ मेट्रो वाणिज्यिक प्रतिष्ठान के निर्माण और खरीद-फरोख्त के भ्रष्टाचार की तरफ इशारा करते हुए कहा कि, लखनऊ मेट्रो को बने अभी चार दिन नहीं हुए, मेट्रो की ट्रैक (पटरी) और डिब्बों में, लिफ्ट और स्वचालित सीढ़ियों में आये दिन आ रही तकनिकी खराबियों के कारण संचालन अवरुद्ध हो रहा है और जन-सुबिधायें बाधित हो रही हैं जिससे यात्रियों को वाणिज्यिक मेट्रो संचालित होने के कारण अधिक किराया देने के उपरान्त भी समय से अपने गंतव्य पर पहुंचने में बाधा आ रही है।
उन्होंने सरकार से मांग की कि, लखनऊ मेट्रो के निर्माण और खरीद-फरोख्त के भ्रष्टाचार की जांच कराई जाय तथा आवागमन के साधनों को लाभ के उद्देश्य से वाणिज्यिक प्रतिष्ठान न बनाकर "सार्वजनिक प्रतिष्ठान" बनाया जाय जिससे गरीब से गरीब व्यक्ति कम से कम समय में सस्ते दर पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा सके।
अंत में लोसपा प्रदेश अध्यक्ष- एस एन श्रीवास्तव ने कहा कि, "राष्ट्रीय सम्पत्तियों को बेचना और राजनैतिक पार्टियों द्वारा विदेशी चंदा लेना सबसे बड़ा देशद्रोह है - सबसे बड़ा भ्रष्टाचार है।"
इसके साथ ही उन्होंने देश और प्रदेश के वोटर्स का आह्वाहन किया कि, देश के वोटर्स विदेशी चंदे से चलने वाले राजनैतिक पार्टियों और राजनेताओं का बहिस्कार करें।
(साभार- मल्टी मीडिया/ You Tube)
swatantrabharatnews.com