भोपाल गैस त्रासदी: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले की सुनवाई के लिए पीठ के संबंध में फैसला प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबड़े करेंगे
यूनियन कार्बाइड का अधिग्रहण करने वाली कंपनियों से 7,844 करोड़ रुपये की अतिरिक्त निधि की मांग वाली केंद्र की याचिका पर सुनवाई बुधवार तक टाली.
नई-दिल्ली: भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए 7,844 करोड़ रुपये के अतिरिक्त फंड की मांग वाली केंद्र सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई करने के बाद इसकी सुनवाई को बुधवार तक टाल दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले की सुनवाई के लिए पीठ के संबंध में फैसला प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबड़े करेंगे।
न्यायाधीश अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ पीड़ितों के लिए मुआवजा राशि बढ़ाने के लिए दायर केंद्र की क्यूरेटिव (सुधारात्मक) याचिका पर सुनवाई की। पीठ में जस्टिस इंदिरा बनर्जी, जस्टिस विनीत सरन, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस रवींद्र भट भी शामिल रहे।
वहीं, न्यायमूर्ति एस रविंद्र भट ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। उन्होंने मामले से अलग होने पर तर्क दिया कि वह पूर्व में केंद्र सरकार के वकील के तौर पर पेश हो चुके हैं।
बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में यूनियन कार्बाइड की उत्तराधिकारी फर्म से अतिरिक्त राशि की मांग की गई है। इस कंपनी की मालिक अब डाउ केमिकल्स है। केंद्र चाहता है कि पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने के लिए पहले से निर्धारित राशि 715 करोड़ (47 करोड़ डॉलर) के अलावा यूनियन कार्बाइड व अन्य फर्मों को अतिरिक्त 7,844 करोड़ रुपये देने का निर्देश दिया जाए।
भोपाल में दो-तीन दिसंबर, 1984 की रात यूनियन कार्बाइड के प्लांट में गैस रिसाव के कारण तीन हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे और इससे एक लाख से ज्यादा लोग बुरी तरह प्रभावित हुए।
(साभार- मल्टी मीडिया)
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