एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश के लिए प्रारंभिक सूचना ज्ञापन (पीआईएम) जारी
नई-दिल्ली: नागर विमानन मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि, नागर विमानन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप एस पुरी ने कहा है कि एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश के लिए बोली लगाने में अभिरुचि रखने वाले निवेशकों से अभिरुचि की अव्यक्ति (ईओआई) अमंत्रित करने के लिए नवगठित एयर इंडिया विशिष्ठ वैकल्पिक व्यवस्था (एआईएसएएम) ने प्रारंभिक सूचना ज्ञापन (पीआईएम) जारी करने की स्वीकृति दे दी है। माननीय गृहमंत्री की अध्यक्षता में बनी एआईएसएएम में सदस्य के रूप में वाणिज्य और उद्योग, वित्त और कारपोरेट कार्य और नागर विमानन मंत्री हैं।
श्री हरदीप एस पुरी आज नई दिल्ली में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि सरकार ने एयर इंडिया के रणनतिक विनिवेश के लिए अभिरुचि की अभिव्यक्ति की मंजूरी के लिए पीआईएम जारी किये हैं।
श्री पुरी ने बताया कि एयर इंडिया तथा एयर इंडिया एक्सप्रेस के बेड़े में 146 विमान हैं। इनमें से 82 विमानों का स्वामित्व एयर इंडिया के पास है। एयर इंडिया के पास विश्व व्यापी द्वीपक्षीय अधिकार हैं और यह घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय सेवाओं में फैली हुई है। उन्होंने बताया कि 2018-19 में एयर इंडिया तथा एयर इंडिया एक्सप्रेस से लगभग 26.2 मिलियन यात्रियों ने यात्रा की। एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस के विमानों की औसत आयु 8 वर्ष हैं जो नये बेड़े में आते हैं। एयर इंडिया के पास 27 बोईंग- 787 विमान 5 वर्ष के ही हैं और 27 एयर बस- 320 नियो (सीएफएम इंजन) 2 वर्ष के हैं। भारतीय विमान सेवाओं में भारत से आने-जाने वाली अंतरराष्ट्रीय विमान सेवाओं में एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस की भागीदारी लगभग 51 प्रतिशत है। वैश्विक विमान सेवाओं में (भारत से अलग) भारत की हिस्सेदारी 18 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा कि एयर इंडिया 56 घरेलू तथा 42 अंतरराष्ट्रीय स्थानों के साथ 98 स्थानों को कवर करती है। एयर इंडिया कोड शेयर ऑपरेशन के सेकेंडरी नेटवर्क के माध्यम से 75 अतिरिक्त स्थानों को भी कवर करती है। उन्होंने बताया कि 2018-19 में एयर इंडिया तथा एयर इंडिया एक्सप्रेस का साझा राजस्व 30,632करोड़ रुपये रहा। यह भारतीय विमान सेवाओं में सबसे अधिक है। एयर इंडिया +एयर इंडिया एक्सप्रेस की कर्मचारी लागत राजस्व प्रतिशत के रूप में लगभग 11 प्रतिशत है जो भारतीय विमान सेवाओं से तुलना योग्य है और अंतरराष्ट्रीय विमान सेवाओं से काफी कम है। एआईएसएटीएस दिल्ली, बेगलूरु, हैदराबाद, तिरुअनंतपुरम तथा मंगलोर जैसे महत्वपूर्ण हवाई हड्डों पर इनहाउस ग्राउंड हैंडलिंग सुविधाएं प्रदान करती है। वर्ष 2012 के बाद से कंपनी को मुनाफे में लाने की योजना के अनुसार कंपनी में 30,500 करोड़ रुपये निवेश करने के बाद भी एयर इंडिया को प्रत्येक वर्ष नुकसान उठाना पड़ रहा है। 60,000 करोड़ रुपये के लगभग एकत्रित ऋण के कारण एयर इंडिया की वित्तीय स्थिति बहुत नाजुक है।
वर्तमान पीआईएम में महत्वपूर्ण निर्णायक मानक इस प्रकार हैं:
- प्रबंधन नियंत्रण हस्तांतरण और सहायक कंपनी एयर इंडिया एक्सप्रेस लिमिटेड में एयर इंडिया की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ एयर इंडिया के 100 प्रतिशत शेयरों को बेचना और संयुक्त उद्यम एआईएसएटीएस में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी को बेचना।
- एयर इंडिया की रोकी गई ऋण वसूली 23,286.5 करोड़ रुपये हैं जो एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस की साझा परिसंपत्तियों के लिखित मूल्य (डब्ल्यूडीवी)के लगभग बराबर है।
- एयर इंडिया में बनाई रखी जाने वाली देनदारियां निश्चित चालू तथा गैर-चालू परिसंपत्तियों के बाराबर होंगी। 31 मार्च, 2019 को संयुक्त आंकड़ों पर विचार करते हुए 8771.5 करोड़ रुपये की देनदारियां रखी जाएंगी।
- एयर इंडिया तथा एयर इंडिया एक्सप्रेस के शेष ऋण और देनदारियां एसपीवी (एयर इंडिया एसेट होल्डिंग लिमिटेड) को आवंटित की जाएंगी। सरकार वैधानिक बकायों तथा सरकारी बकायों से संबंधित आवश्यक देनदारियों की क्षतिपूर्ति करेगी।
- सेवानिवृत्त कर्मचारियों के कारण आवश्यक देनदारियों को आरएफपी चरण में वर्गीकृत किया जाएगा।
- एलायंस एयर की ओर से एयर इंडिया द्वारा दी गई कॉपोरेट गारंटी नये निवेशक को नहीं दी जाएगी।
- विमान सेवा को चलाने के लिए मूल परिसंपत्ति के रूप में दिल्ली, मुंबई हवाई अड्डों पर जमीन और भवन तथा कॉपोरेट कार्यालय हैं। इसे सीमित अविधि के लिए नये निवेशक को इस्तेमाल करने के अधिकार के आधार पर दिया जाएगा।
- सरकार लेन-देन बंदी से पहले कुछ कर्मचारियों से संबंधित बकायों का भुगतान करने के लिए संकल्पबद्ध है।
- पिछले दौर की बोली की तुलना में कंर्सोटियम बनाने पर बोली लगाने के ढांचे को सहज बनाया गया है।
- संभावित निवेशकों की वित्तीय क्षमता को आकर्षक बनाया गया है जैसे निवल संपत्ति मानक को घटाकर 3,500 करोड़ रुपये कर दिया गया है और सहयोगी की शक्ति के आधार पर निवेशक की निवल संपत्ति योग्यता को कम किया गया है।
- कंर्सोटियम में व्यक्तिगत सदस्य की हिस्सेदारी कम से कम 10 प्रतिशत होनी चाहिए, यानी 350 करोड़ रुपये की निवल संपत्ति या एसीआई। लेकिन शून्य या नकारात्मक निवल संपत्ति वाले अधिसूचित भारतीय वाणिज्यक ऑपरेट कंर्सोटियम के सदस्य होने के पात्र होंगे बशर्ते की उनका शेयर हिस्सा <=51% हो।
- एयर इंडिया नये निवेश्कों के साथ ब्रांड एयर इंडिया का इस्तेमाल करती रहेगी।
कर्मचारियों से संबंधित विषय:
- दोनों कंपनियों की कुल कर्मचारी शक्ति 17984 है। इसमें से 9617 स्थाई कर्मचारी हैं। लगभग 36 प्रतिशत स्थाई कर्मचारी अगले 5 वर्षों में सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
- एआईएसएटीएस में संविदा कर्मचारियों की संख्या 11958 है और 399 कर्मचारी एयर इंडिया तथा अन्य सहायक कंपनी की ओर से तैनात किए गए हैं।
- पिछले बकायों पर न्यायमूर्ति धर्माधिकारी आयोग की सिफारिशों के रूप में कर्मचारियों की 1383.70 करोड़ रुपये की बकाया राशि का भुगतान प्रस्तावित लेन-देन की समाप्ति से पहले इंडिया एसेट होल्डिंग लिमिटेड (एआईएएचएल) द्वारा किया जाएगा।
- एयर इंडिया की खाता-बही में नैरो बॉडी फ्लीट पर काम करने वाले कर्मचारियों के बकाये के भुगतान के लिए 207.63 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
- ईएसओपी के रूप में एयर इंडिया के स्थाई कर्मचारियों को एयर इंडिया के 3 प्रतिशत इक्विटी शेयर की पेशकश की जाएगी।
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