उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा महंगाई दर दिसंबर 2019 में 7.35 फीसदी रही
मोदी सरकार महंगाई को रोकने में नाकाम, मुद्रास्फीति 5.54 फीसदी से बढ़कर 7.35 फीसदी हुई।
सरकार अपनी 'जन-बिरोधी नीतियों' को वापस ले, CAA को वापस ले और अपनी बिफलताओं को छुपाने के लिए 'घुसपैठियों' की चिंता छोड़कर देश के मूल नागरिकों की 'रोटी और रोजगार' के विषय में सोच कर रोजगारोन्मुख विकाश की गांधीवादी आर्थिक नीतियों का अनुसरण करे।
[एस एन श्रीवास्तव, प्रदेश अध्यक्ष (उ. प्र.)/ लोसपा]
नई-दिल्ली: सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने आज दिसंबर, 2019 के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई दर के आंकड़े जारी किए। इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सीपीआई आधारित महंगाई दर 7.26 फीसदी (अनंतिम) रही, जो दिसंबर, 2018 में 1.50 फीसदी थी। इसी तरह शहरी क्षेत्रों के लिए सीपीआई आधारित महंगाई दर दिसंबर, 2019 में 7.46 फीसदी (अनंतिम) आंकी गयी, जो दिसंबर, 2018 में 2.91 फीसदी थी। ये दरें नवंबर, 2019 में क्रमशः 5.27 तथा 5.76 फीसदी (अंतिम) थीं।
केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने आज दिसंबर, 2019 के लिए उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) पर आधारित महंगाई दर के आंकड़े भी जारी किए। इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सीएफपीआई आधारित महंगाई दर 12.96 फीसदी (अनंतिम) रही जो दिसंबर, 2018 में (-) 2.99 फीसदी थी। इसी तरह शहरी क्षेत्रों के लिए सीएफपीआई आधारित महंगाई दर दिसंबर, 2019 में16.12 फीसदी (अनंतिम) आंकी गई जो दिसंबर, 2018 में (-) 1.89 फीसदी थी। ये दरें नवंबर, 2019 में क्रमशः 8.83 तथा 12.26फीसदी (अंतिम) थीं।
अगर शहरी एवं ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों पर समग्र रूप से गौर करें तो उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई दर दिसंबर, 2019 में 7.35 फीसदी (अनंतिम) आंकी गई है, जो दिसंबर, 2018 में 2.11 फीसदी (अंतिम) थी। वहीं, सीपीआई पर आधारित महंगाई दर नवंबर, 2019 में 5.54 फीसदी (अंतिम) थी। इसी तरह यदि शहरी एवं ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों पर समग्र रूप से गौर करें, तो उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) पर आधारित महंगाई दर दिसंबर, 2019 में 14.12 फीसदी (अनंतिम) रही है, जो दिसंबर, 2018 में (-) 2.65 फीसदी (अंतिम) थी। वहीं, सीएफपीआई पर आधारित महंगाई दर नवंबर, 2019 में 10.01फीसदी (अंतिम) थी।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के लिए आधार वर्ष को 2010=100 से संशोधित करके 2012=100 कर दिया है। यह संशोधन जनवरी 2015 के लिए सूचकांकों को जारी किए जाने से प्रभावी किया गया है।
इस पर टिप्पड़ी करते हुए लोकतान्त्रिक समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष (उ. प्र.)- एस. एन. श्रीवास्तव ने कहा कि, "मोदी सरकार और राज्य सरकार प्रत्येक क्षेत्र में बिफल हो रही हैं और यहाँ तक कि मोदी सरकार देश के नागरिकों से तमाम प्रकार के टैक्स लगाकर राजस्व की वसूली कर रही है फिर भी मोदी सरकार अपने खर्चों को वहन नहीं कर पा रही है तथा अब कानून बनाकर रिजर्व बैंक से भी रिजर्व बैंक के लाभांश में से करोणों - करोणों रुपये ले रही है, जो आज तक नहीं हुआ था और उसके बावजूद भी मोदी सरकार 'महंगाई' को रोकने में नाकाम हो चुकी है तथा अब सरकारी घोसणा के अनुसार मुद्रास्फीति 5.54 फीसदी से बढ़कर 7.35 फीसदी हो गई है।"
आज जब लोगों के खरीदने की क्षमता समाप्त होती जा रही है, वे इस महंगाई का मुकाबला कैसे करेंगे?-
प्रदेश अध्यक्ष - श्रीवास्तव ने सरकार से मांग की कि, सरकार अपनी जनबिरोधी नीतियों को वापस ले, CAA को वापस ले और अपनी बिफलताओं को छुपाने के लिए 'घुसपैठियों (Illegal Migrants)' की चिंता छोड़कर देश के मूल नागरिकों की 'रोटी और रोजगार' के विषय में सोच कर रोजगारोन्मुख विकाश की 'गांधीवादी आर्थिक नीतियों' का अनुसरण करे।
(फोटो साभार- मल्टी मीडिया)
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